सिल्कयारा सुरंग को लेकर एआईसीसी सदस्य सूर्यकांत धस्माना ने सरकार पर उठाए सवाल,बोले सुरंग में फंसे हर श्रमिक को 10 लाख मिलने चाहिए

देहरादून

सिलक्यारा टनल में आई आपदा में फंसे 41 मजदूरों के सफल रैस्क्यू ऑपरेशन के बाद रैस्क्यू आपरेशन की सफलता के लिए अभियान में जुटे सभी लोगों व सुरक्षित निकल आये श्रमिकों को बधाई देने के साथ ही कांग्रेस पार्टी ने केंद्र व राज्य सरकार पर आपदा के पूर्वानुमान न लगा पाने व उसकी कोई भी तैयारी न रखने का आरोप जड़ते हुए कहा कि इससे बड़े आश्चर्य की बात क्या हो सकती है कि जिस प्रदेश में 900 किलोमीटर की चार धाम आल वेदर रोड महापरियोजना चल रही हो, जहां ऋषिकेश से लेकर कर्णप्रयाग तक 110 किलोमीटर की दर्जनों टनल वाली रेल परियोजना निर्माणाधीन हो और जिस प्रदेश में दर्जनों पन बिजली परियोजनाएं जिनमें भूमिगत टनल बन रहीं हैं। उस प्रदेश के पास टनल में रैणि (चमोली) या सिलक्यारा टनल जैसी आपदा से निपटने के कोई इंतजाम न हों।

आज प्रदेश कांग्रेस कमेटी मुख्यालय राजीव भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में अपने संबोधन ने धस्माना ने कहा कि राज्य सरकार की आपदा प्रबंधन की तैयारियों की पोल रैणी व सिलक्यारा आपदाओं ने पूरी तरह खोल कर रख दी है। धस्माना ने कहा कि रैणि में तो किसी को बचाया ही नहीं जा सका किंतु सिलक्यारा में सेना और रैट होल ड्रिलर्स की समझदारी से जो काम 16 दिनों में संभव नहीं हो पाया वो काम रैट होल ड्रिलर्स ने 24 घण्टों में कर दिखाया।

प्रदेश उपाध्यक्ष धस्माना ने कहा कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री अगर दूसरे दिन ही मौके पर पहुंच गए होते तो जो काम आठवें दिन शिर हुआ वो दूसरे दिन ही हो जाता और यह रैस्क्यू आपरेशन आधे से भी कम समय में पूरा हो जाता।

धस्माना ने कहा कि रैस्क्यू आपरेशन की सफलता के शोर में सिलक्यारा आपदा के असली दोषी बचने नहीं चाहिये जिनकी गलती के कारण यह सब हुआ। धस्माना ने कहा कि कांग्रेस केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री से व राज्य सरकार से यह पूछना चाहती है कि सिलक्यारा टनल की स्वीकृति के उस प्रस्ताव जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली बैठक में पास हुआ था जिसमें स्पष्ट रूप से “एस्केप पैसेज” के जिक्र था उस पर अमल क्यों नहीं किया गया ? धस्माना ने कहा कि टनल बंनाने वाली नवयुग कम्पनी के खिलाफ अब एस्केप पैसेज न बनाने की लापरवाही पर एफआईआर क्यों नहीं कि गयी। धस्माना ने कहा कि रैस्क्यू आपरेशन में नवयुग कम्पनी की क्या भूमिका रही यह बात भी महत्वपूर्ण है व इस कम्पनी के मालिक कौन हैं व इसकी क्या पृष्ठभूमि है यह भी जनता को पता होनी चाहिए।

एआईसीसी सदस्य धस्माना ने कहा कि 18 दिन देश की एक बड़ी परियोजना में आई मानव जनित आपदा में फंसे लोगों को जो ज़िंदगी और मौत की जंग में जीत कर जीवित निकले हैं उनको राज्य सरकार द्वारा मात्र एक लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि दिया जाना उचित नहीं है, धस्माना ने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह नवयुग कम्पनी के एकाउंट से सभी 41 श्रमिकों को दस दस लाख रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में दे। धस्माना ने कहा कि बचाव अभियान में लगे सभी सदस्यो व विशेष रूप से रैट होल ड्रिलर्स को भी सम्मानित किया जाना चाहिए।

धस्माना ने मांग की कि राज्य में चल रही चार धाम आल वेदर रोड परियोजना, ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना व निर्माणाधीन सभी पन बिजली परियोजनाओं में निर्माणाधीन सभी टनलों का सेफ्टी ऑडिट करवाया जाए।

उन्होंने प्रश्न उठाया कि

👉1.सिलक्यारा टनल रेस्क्यू आपरेशन की आड़ में नवयुग कम्पनी को क्लीन चिट की तैयारी तो नहीं ?

2. प्रदेश में टनल आपदा के कोई इंतजाम नहीं , सिलक्यारा में खुली पोल।

3.प्रदेश में चल रही सभी परियोजनाओं में निर्माणाधीन टनलों का सेफ्टी ऑडिट करवाये सरकार।

4. सभी श्रमिकों को मिले दस लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि व रैट होल ड्रिलर्स व अन्य सभी बचाव अभियान टीम सदस्यों को भी सरकार द्वारा सम्मानित किया जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published.