AICC ओबीसी विभाग के राष्ट्रीय महासचिव उत्तराखण्ड प्रभारी मुज्तबा बोले हरियाणा में कांग्रेस क्लीन स्वीप कर लगभग 75 सीट जीत रही, किसान ,जवान ,पहलवान भाजपा से नाराज़

देहरादून

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ओबीसी विभाग के राष्ट्रीय महासचिव उत्तराखण्ड प्रभारी और हरियाणा की अंबाला लोकसभा की नो विधानसभा के प्रभारी /पर्यवेक्षक मुज़तबा एडवोकेट ने प्रेस में जारी बयान में बताया कि हरियाणा में कांग्रेस पूर्ण बहुमत से भी ज़्यादा लगभग 75 पिछहत्तर सिटो को जीत रही है किसान ,जवान ,पहलवान की भाजपा से नाराज़गी है जिसके चलते कांग्रेस हरियाणा में क्लीन स्वीप कर रही है जो लोकल गठबंधन बने है उन सब की जमानते ज़ब्त होनी निश्चित है।

हरियाणा में कांग्रेस एकजुट है। मुख्यमंत्री के स्वाल पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक लोकतांत्रिक पार्टी है चुनाव के बाद ही ये सब होता है। कांग्रेस में टूट की बाते कोरी अफ़वाह है हरियाणा में पिछले दस वर्षों में विकास नहीं विनाश हुआ है जनता बड़ी बेसब्री से विधानसभा चुनाव का इंतज़ार कर रही है कि जल्दी से जल्दी इस विकास में बाधक सरकार को उखाड़ फेंके ।हरियाणा जम्मू और कश्मीर और आने वाले समय में महाराष्ट्र और दिल्ली जैसे राज्यो में चुनावो से ध्यान भटकाने को लेकर भाजपा एक देश एक चुनाव भाजपा का एजेंडा है।

मुज़्तबा एडवोकेट ने कहा कि चुनाव आयोग चार राज्यो के चुनाव एक साथ नहीं करवा पाया तब पूरे देश में कैसे एक साथ चुनाव करवा देगा उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और भाजपा भलीभाँति जानती है कि एक देश एक चुनाव नहीं हो सकता है संविधान में संशोधन को लोकसभा में पारित करने के लिये लोकसभा में बहुमत होना चाहिये लेकिन एनडीए के पास केवल 293 सदस्य ही है ।अनुच्छेद 356 के तहत राज्यो में राष्ट्रपति शाशन लगाया जा सकता है लेकिन ऐसी परिस्थिति में संबंधित राज्य के राजनीतिक समीकरण में अप्रत्याशित उलटफेर होने से फिर चुनाव की संभावना बढ़ जाती है ये सब परिस्थितिया एक देश एक चुनाव के विरुद्ध है।

राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव का अलग अलग मुद्दा होता है एक साथ चुनाव होने से जनता ठगी जायगी स्थानीय मुद्दे ख़त्म हो जाएँगे ।नेता विधायक मंत्री ढूँढे नहीं मिलेंगे जनता की कोई सुनवाई नहीं होगी और जनता को पाँच साल तक नेता अपने हिसाब से चलायेंगे ।ये सब लोकतंत्र का गला घोटने जैसा हो जायेगा मुज़तबा एडवोकेट ने कहा कि मोदी ने नोटबंदी जीएसटी और तीन कृषि क़ानून बिना किसी की सलाह के लागू किये है वहीं अब एक देश एक चुनाव का जुमला बिना किसी की सलाह के ला रहे है जो लोकतंत्र का गला घोटने जैसा साबित होगा।

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