Big Breaking …उत्तराखण्ड के सीएम तीरथ ने इस्तीफा दे बताया संवैधानिक संकट, मौजूदा विधानसभा को मिलेगा तीसरा मुख्यमंत्री

सीएम तीरथ का इस्तीफा उत्तराखण्ड की राजनीति में बना इतिहास ,दिया इस्तीफा, शनिवार को 5 साल के चुनावी कार्यकाल में तीसरे सीएम लेंगे

उत्तराखंड में आखिर सभी अटकलों के बीच संवैधानिक संकट की आहट के और मुख्यमंत्री तीरथ रावत का इस्तीफा।अब कल शनिवार को विधानमंडल की बैठक बुलाई गई है। इसके बाद नए सीएम का ऐलान होगा। पार्टी ने राज्य के सभी विधायक और सांसदों को देहरादून बुला दिया है। इधर, इस बार मुख्यमंत्री की दौड़ में फिलहाल मौजूदा विधायक ही नज़र आ रहे हैं। हालांकि अंत तक इस बात का दावा नहीं किया जा सकता कि मुख्यमंत्री विधायकों के बीच बनेगा या फिर दिल्ली से तय होगा।

उत्तराखंड में बहुमत वाली भाजपा की सरकार में पांच साल के भीतर तीसरा मुख्यमंत्री बनने जा रहा है। 10 मार्च को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को पार्टी ने हटाकर सांसद तीरथ रावत को नए मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी। तीरथ रावत को मुख्यमंत्री बने चार माह भी पूरे नहीं हुए कि उनको कुर्सी से हटाया जा रहा है। हालांकि इसके पीछे उनके छह माह के भीतर चुनाव लड़ना था। लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते यह संभव नहीं हो पाया। अब वह चुनाव तो लड़ना चाहते थे, किंतु संवैधानिक प्रक्रिया यानी सरकार का कार्यकाल एक साल से कम रहने से चुनाव करना चुनाव आयोग के लिए संभव नहीं था। ऐसे में उनके सामने सिर्फ इस्तीफा देने के सिवाय कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा था। इसके लिए केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें दिल्ली बुलाकर चुनाव लड़ने समेत अन्य पहलुओं को लेकर चर्चा की। तीन दिन तक उनकी केंद्रीय नेताओं से कई बैठकें भी हुई है। लेकिन आखिर केंद्रीय नेतृत्व ने उनको इस्तीफा देने के लिए कहा। आज शुक्रवार को रात 10 बजे सीएम तीरथ रावत ने मीडिया से रूबरू हुए और अपने चार माह की उपब्धियों को गिनाया। हालांकि प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने इस्तीफे को लेकर कोई बात नहीं कही। रात करीब 11 बजे वह राजभवन पहुंचकर राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। उन्होंने राजभवन से निकलने के बाद भी अपने इस्तीफे को लेकर कोई बात नहीं कही। इस दौरान मीडिया को सीएम ने कहा कि वह सेफ हाउस में जा रहे हैं।

उत्तराखंड में आखिर संवैधानिक संकट की आहट के बीच मुख्यमंत्री तीरथ रावत ने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौप दिया है। शनिवार को विधानमंडल की बैठक के बाद नए सीएम का ऐलान होगा। पार्टी ने राज्य के सभी विधायक और सांसदों को देहरादून बुलवा लिया है।

इस बार मुख्यमंत्री की दौड़ में फिलहाल मौजूदा विधायक ही नज़र आ रहे हैं। हालांकि कोई इस बात का दावा नहीं कर सकता कि मुख्यमंत्री विधायकों के बीच बनेगा या फिर दिल्ली से तय होना है।

प्रदेश में बहुमत वाली भाजपा की सरकार में पांच साल के भीतर तीसरा मुख्यमंत्री बन रहा है। 10 मार्च को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को पार्टी ने हटाकर सांसद तीरथ रावत को नए मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी। तीरथ रावत को मुख्यमंत्री बने चार माह भी पूरे नहीं पाए कि उनको कुर्सी से हटाया जा रहा ह। इसके पीछे उनके छह माह के भीतर चुनाव न लड़ पाना भी था। लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते यह संभव नहीं हो पाया। अब वह चुनाव तो लड़ना चाहते थे, किंतु संवैधानिक प्रक्रिया यानी सरकार का कार्यकाल एक साल से कम रहने से चुनाव करना चुनाव आयोग के लिए संभव नहीं था। ऐसे में उनके सामने इस्तीफा देने के सिवाय कोई दूसरा विकल्प था ही नहीं । इसके लिए तीन दिन तक उनकी केंद्रीय नेताओं से कई दौर की बैठकें भी हो चुकी थी।। आखिर केंद्रीय नेतृत्व ने उनको इस्तीफा देने के लिए कहा। शुक्रवार को रात 10 बजे सीएम तीरथ रावत ने मीडिया से रूबरू हुए और अपने चार माह की उपब्धियों को गिनाया। हालांकि तीरथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने इस्तीफे को लेकर कोई बात नहीं बोल पाए।

शुक्र की रात करीब 11 बजे तीरथ ने राजभवन पहुंच शुक्रवार राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। उन्होंने राजभवन से निकलने के बाद भी अपने इस्तीफे को लेकर कोई चर्चा नहीं की। इस दौरान मीडिया को सीएम ने कहा कि वह सेफ हाउस में जा रहे हैं।

सीएम ने अपने कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि में दो एक विषय आपके सामने रख रहा हूं। कोरोना महामारी से बड़ी निजात पाए हैं। ट्रांसपर, पर्यटन आदि में दिक्कतें आई हैं। उनको जो सुविधा दिलाई जा सकी सरकार ने की। राहत देने में विभिन्न कदम उठाए। करोड़ों के कार्य गिनाए। सभी विंदुओं को छुआ सरकार ने।उत्तराखंड में होनी थी 22340 पद पर भर्ती। 5699 शिक्षा, 2 चिकित्सा, वन2 , राजस्व 789, शहरी विकस्स 872, उच्च 672, पशुपालन 300, कृषि में 400, लोनिवि 312, उद्यान 314, यहसमाज कल्याण, जनजाति,

फ्री लैपटॉप की घोषणा, उत्तराखंड में दसवीं और 12वीं के विद्यार्थियों को फ्री लैपटॉप देना भी था। शनिवार को भाजपा विधानमंडल की बैठक 3 बजे बुलाई गई है। इस बैठक में पार्टी के विधायक विधायकदल का अपना नेता चुनेंगे। इसके बाद ही राज्य को नया मुख्यमंत्री मिल पायेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published.