बद्रीनाथ के कपाट बंद होने के साथ सम्पन्न हुई चारधाम यात्रा – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

बद्रीनाथ के कपाट बंद होने के साथ सम्पन्न हुई चारधाम यात्रा

देहरादून/

उत्तराखंड की विश्वपटल पर अंकित चारधाम यात्रा सम्पन्न हो चुकी है। चारो धामो के कपाट बन्द हो चुके हैं।तीन धाम जिनमें यमुनोत्री, गंगोत्री और केदारनाथ के कपाट पहले ही बंद हो चुके है।

कल यानी वीरवार को चौथा धाम बद्रीनाथ धाम भी हज़ारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी के बीच बन्द कर दिए हैं। इसके साथ ही वंशी नारायण मंदिर और द्वितीय केदार मद्मेश्वर धाम के कपाट भी शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं।
इसी के साथ चार धाम यात्रा ने भी विराम ले लिया है। कपाटबन्दी से पहले कई दिनों के प्रयास से मन्दिर को फूलों से सजाया गया जबकि इस बीच बर्फबारी भी हुई बावजूद इसके बुधवार को मौसम पूरी तरह खुला रहा जिसका लाभ मिला और मन्दिर पूरी तरह गुरुवार की सुबह फूलों से लकदक था। हालांकि कपाटबन्दी से तीन दिन पहले हुई बर्फबारी से मन्दिर समिति इस बात को।लेकर परेशान थी।
बद्रीनाथ धाम के कपाट कल वीरवार दोपहर लगभग 3:30 बजे बंद हो गए।
आज शीतकालीन प्रवास के लिए भगवान नारायण की डोली प्रवास करेंगे कपाटबंदी से पहले शुभ मुहूर्त में 4:30 बजे नित्य पूजा के समय भगवान नारायण को भोग लगाया गया था।12:30 बजे आरती महालक्ष्मी का पूजन शुरू हुआ दोपहर 1:00 बजे धाम के मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नम्बूदरी ने मंदिर के कपाट बंद करने सम्बन्धी प्रक्रिया की शुरुआत की इसके तहत रावल स्त्री वेश में मां लक्ष्मी को गोद में बैठा कर उनके मंदिर से बद्रीनाथ मंदिर के गर्भ गृह में लेकर आए। इसके साथ देश के अंतिम गांव माणा की कुंवारी कन्याओं के द्वारा तैयार घृत कम्बल भगवान नारायण को ओढ़ाया गया। मां लक्ष्मी के गर्भ गृह में विराजमान होते ही भगवान नारायण के बालसखा उद्धवजी और देवताओं के खजांची कुबेर जी को सभामण्डप से होते हुए प्रांगण में लाया गया। ठीक 3:35 पर परंपराओं का निर्वहन करते हुए शीतकाल हेतु बंद कर दिए गए। कपातबन्दी के मौके पर बड़ी संख्या भारतभर से आये श्रद्धालु मौजूद थे।

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