देहरादून
मुख्य सचिव ओम प्रकाश की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना में कृषि एवं उससे सम्बद्ध योजनाओं को स्वीकृत प्रदान की गई।
इस अवसर पर मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसी योजनाएं इस महत्वपूर्ण योजना में प्रस्तावित की जाए, जो कृषि के साथ पशुपालन, मत्स्य पालन आदि क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां संचालन करने में सहायक हों। उन्होंने ऐसी योजना प्रस्तावित करने के निर्देश दिए, जो समयबद्धता से पूर्ण हो और जिसका लाभ तुरंत पात्र लाभार्थियों को मिले। मुख्य सचिव ने उपस्थित अधिकारियों को सूक्ष्म एवं दूरगामी कार्य योजना बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि ऐसी योजना प्रस्तावित न की जाए जिसका अधिक वित्तीय भार राज्य पर पड़े। उन्होंने लघुकालीन लाभ को भी ध्यान में रखकर योजनाएं प्रस्तावित करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि अनुत्पादक योजनाओं को प्रस्ताव में शामिल न करते हुए प्रस्तावित परियोजना में निर्माण कार्य कम से कम रखें। उन्होंने प्रस्तावित प्रोजेक्ट को संचालित करने के लिए बहुत आवश्यक उपकरण ही शामिल करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने बहु खाद्यान्न प्रसंस्करण इकाई (मल्टीग्रेन प्रोसेंसिंग यूनिट ) स्थापना के लिए रू 03 करोड़ की धनराशि वर्ष 2020-21 के लिए स्वीकृत की। इसमें सहकारिता विभाग द्वारा नैनीताल में स्थित सोयाबीन प्लांट में झंगोरा, मंडुवा का प्रसंस्करण कर उसे आर्गेनिक फूड के रूप में वैल्यू एडिट करने का प्राविधान किया गया है। सचिव कृषि द्वारा अवगत कराया गया कि झंगोरा और मंडुवा जो कि स्थानीय उत्पाद हैं, किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीद कर किसानों को अधिक से अधिक कृषि उत्पाद का लाभ दिया जायेगा। स्थानीय उत्पाद, मंडुआ और झंगोरा के प्रसंस्करण के लिये आवाश्यक उपकरण यथा 02 स्टोरेज बिन, ऐलिवेटर, सीड क्लीनर, ग्रेवेटी सेपेरेटर एवं अन्य उपकरण क्रय किये जायेंगे।
एक अन्य 8 करोड़ 76 लाख के सीड प्रोड्क्शन प्रोग्राम के प्रस्ताव को मुख्य सचिव ने पुनः परीक्षण कर ठोस प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पूर्व में संचालित कोर वैली सीड प्रोडक्शन प्रोजेक्ट के दोषों का अध्ययन कर सीड प्रोड्क्शन प्रोग्राम को उपादेय बनाकर प्रस्तुत करें। एक अन्य 13 लाख 40 हजार के मृदा प्रशिक्षण के प्रस्ताव को भी मुख्य सचिव ने स्वीकृति दी। मुख्य सचिव ने कर्मी, कपकोट (बागेश्वर) के पास स्थित आस्ट्रेलिया से आयातित भेड़ों को रखने के लिये शेल्टर एवं उनकी बायोसिक्योरिटी के लिये ऊन बोर्ड द्वारा तैयार 12 करोड़ 54 लाख के प्रोजेक्ट को स्वीकृत करते हुए 03 करोड़ की स्वीकृति इस वर्ष में दी।
इसी प्रकार पशुपालन विभाग द्वारा तैयार पशुलोक में वेटनरी डायगनोस्टिक सेंटर के 1 करोड 86 लाख के प्रोजेक्ट को स्वीकृत करते हुए प्रथम वर्ष की 50 लाख की किस्त स्वीकृत की। एक अन्य छान, थौलधार टिहरी में कड़कनाथ और क्रोयलर हैचरी विकसित करने के लिये शासकीय पोल्ट्री फॉर्म के 02 करोड़ 79 लाख के स्वीकृत प्रोजेक्ट के विपरीत 1 करोड़ रूपये की धनराशि इस वित्तीय वर्ष के लिये स्वीकृत की। एक अन्य योजना कुटकी फार्मिंग के लिये 20 लाख रूपये की धनराशि स्वीकृत की तथा मत्स्य अवस्थापना सुविधा के विस्तार हेतु 5 करोड़ 85 लाख के स्वीकृत प्रोजेक्ट के अंतर्गत 4 करोड़ 35 लाख की धनराशि इस वित्तीय वर्ष के लिये स्वीकृति दी, जिसमें इंसुलेटेड ट्रक, बैरांगना, चमोली में महासीर मछली हैचरी, आइस बाक्स एवं अन्य उपकरण शामिल हैं। दुग्ध विकास की प्रस्तावित 5 करोड़ 31 लाख की योजना के सापेक्ष 2 करोड़ 40 लाख की इस वित्तीय वर्ष में स्वीकृति दी।