सीएम धामी के प्रयास जरूर लायेंगे रँग मिट्टी के गिलास में सीएम आवास ओर सचिवालय में मिलेगी चाय वही लीची के पौधे भी बढ़ाएँगे सरकारी गैर सरकारी संस्थानों की शान

देहरादून

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में ‘‘कुम्हारी कला ‘‘ को पुनर्जीवित करने को लेकर बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये वही सीएम आवास में लगे लीची के बगीचे में जाकर दून जिले के सरकारी गैर सरकारी बंगलो पार्कों के लिए भी लीची के पेड़ लगाने की  घोषणा की।

बैठक में सीएम ने कहा कि प्रदेश में कुम्हारी कला को अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा कि कुम्हारी कला समृद्ध एवं प्राचीन हस्तकला है। उतराखण्ड में अनेक परिवार इस कला से जुड़े हैं। भारत सरकार की ‘‘कुम्हार सशक्तिकरण योजना” का उद्देश्य कुम्हारी कला को पुनर्जीवित करना एवं समाज के सबसे कमजोर वर्गों में से एक कुम्हार समुदाय को सामाजिक एवं आर्थिक रूप से सशक्त कर विकास की मुख्यधारा में वापस लाना है।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि कुम्हारों को उन्नत किस्म के मिट्टी के उपकरण बनाने के लिए पर्याप्त मात्रा में मिट्टी उपलब्ध हो, इसके लिए ऐसी मिट्टी वाली भूमि का चिन्हीकरण किया जाए। चिन्हित भूमि से कुम्हारों को आवश्यकतानुसार एवं मानकों के हिसाब से निःशुल्क मिट्टी उपलब्ध कराने की व्यवस्था भी की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्हार हस्तकला को राज्य में बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री आवास एवं सचिवालय में मिट्टी से बने गिलासों में चाय देने की शुरूआत की जाए। इसे व्यापक स्तर पर प्रदेश भर में बढ़ावा दिया जाए। मुख्यमंत्री एवं अधिकारियों ने सचिवालय में मिट्टी के गिलासों में चाय पीकर इसकी शुरूआत की। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि 03 माह में कुम्हारी कला की अगली बैठक आयोजित की जायेगी, कुम्हारी कला को बढ़ावा देने के लिए राज्य में क्या प्रयास किये गये, इसकी समीक्षा की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्हारी हस्तकला को बढ़ावा देने के लिए एक पोर्टल बनाया जाए। इस विद्या से जुड़े लोगों के सुझावों को ध्यान में रखते हुए, उन्हें हर सम्भव मदद दी जाए। देश के विभिन्न क्षेत्रों में हुनर हाटों में हस्तकला से जुड़े लोगों को भेजा जाए। कुम्हारी कला को राज्य में बढ़ावा देने के लिए इस क्षेत्र से जुड़े लोगों के उचित प्रशिक्षण की व्यवस्था भी हो। उन्होंने कहा कि कुम्हार हस्तकला इकोलॉजी के लिए भी अच्छा है। कुम्हार हस्तकला को सीएम स्वरोजगार योजना में भी जोड़ा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना जरूरी है, दीपावली के पर्व पर कुम्हारों द्वारा निर्मित दिये एवं अन्य उत्पादों की खरीद के लिए लोगों को प्रेरित भी किया जाए।

बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव बीवीआरसी पुरूषोत्तम, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, महानिदेशक उद्योग रणवीर सिंह चौहान, अपर सचिव आनन्द श्रीवास्तव, निदेशक उद्योग सुधीर चन्द्र नौटियाल, माटी कला बोर्ड के उपाध्यक्ष शोभाराम प्रजापति उपस्थित थे।

 

वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास परिसर स्थित लीची के पेड़ों से लीची तोड़ने की व्यवस्था का अवलोकन करते हुए कहा कि देहरादून की लीची यहां देहरादून की पहचान बनी रहे इसके लिये अधिक से अधिक लीची के पेड़ लगाए जाने की उन्होंने जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में जन जागरूकता पर भी ध्यान दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने उद्यान विभाग को इसके लिये पहल करने को कहा। राजकीय परिसरों आवासों के साथ ही सार्वजनिक स्थलों व पार्कों में लीची सहित अन्य फलदार पेड़ों के लगाये जाने के प्रयास किये जाने के लिये जनभागीदारी की भी उन्होंने जरूरत बतायी।

प्रभारी उद्यान मुख्यमंत्री आवास दीपक पुरोहित ने मुख्यमंत्री को मुख्यमंत्री आवास परिसर एवं उद्यान निदेशालय परिसर में स्थापित फलदार पेड़ो की जानकारी दी। उन्होंने जानकारी दी कि इस वर्ष मार्च में तापमान में बहुत ज्यादा वृद्धि से समस्त फलों पर कुप्रभाव पड़ा है। पिछले एक सप्ताह में तापमान में जो वृद्धि हुई है, उससे लगभग 25 प्रतिशत लींची फल फटने की समस्या आयी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.