देहरादून
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सांसद शक्ति सिंह गोहिल एवं AICC के प्रवक्ता प्रो0 गौरव वल्लभ ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में संयुक्त पत्रकार वार्ता करते हुए राज्य की भाजपा सरकार पर राज्य के विकास को ठप्प करने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने कांग्रेस पार्टी द्वारा शुरू की गई जनहित की योजनाओं को बंद कर राज्यवासियों के हक को छीनने का काम किया है।
स्मार्ट सिटी की सड़कों का हाल बेहद खराब है। ज्यादा दूर न जाएं, देहरादून स्मार्ट सिटी का हाल देख सकते हैं। यदि ये सिटी स्मार्ट है तो बाकी प्रदेश का अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है। देहरादून की गड्ढायुक्त सड़कें राजधानी की साख पर बट्टा लगा रही हैं। आईएसबीटी हो या दून रेलवे स्टेशन, यहां वाहनों से उतरते ही लोगों का सामना सीधे गड्ढों से हो रहा है। यहां से शहर और पर्यटन स्थलों तक जाने वाली सड़कों की हालत दयनीय बनी हुई है। मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री तक हर रोज इन सड़कों से गुजरते हैं, लेकिन किसी का भी ध्यान इन गड्ढों की ओर नहीं जाता। दून की सड़कें न केवल स्थानीय, बल्कि बाहर से आने वाले पर्यटकों को भी जख्म दे रही हैं। आईएसबीटी पर पर्यटकों का सामना सबसे पहले गड्ढों भरी सड़क से होता है।
शक्तिसिंह गोहिल, सांसद (राज्य सभा) व प्रो. गौरव वल्लभ, राष्ट्रीय प्रवक्ता (INC) का संयुक्त बयान जिसमे उनहोने कहा कि 500 रुपये की लागत का सफर करने के लिए 1000 रुपये का टोल टैक्स देना होगा, क्या यही डबल इंजन कहलाता है?
‘मेरा गांव मेरी सड़क’ योजना के तहत मुख्यमंत्री अपने गांव में सड़क का निर्माण नहीं करा सके, तो और गांवों का क्या हाल होगा? ‘एयर एंबुलेंस’ सिर्फ एयर में ही है
मेरा गांव मेरी सड़क योजना का हाल कांग्रेस की सरकार ने प्रारंभ की मेरा गांव मेरी सड़क योजना, और इसके तहत हमने प्रथम वर्ष में ही प्रत्येक ब्लॉक में चार सड़कें चयनित कर उनका निर्माण किया। सत्ता परिवर्तन के बाद, भाजपा सरकार ने एक गलत और अकल्पनीय निर्णय लेते हुए, इस योजना को हाशिये पर रख दिया। परिणामस्वरूप जो गांव की कनेक्टिविटी कांग्रेस के समय में बहुत तेजी से बढ़ रही थी उसमें ठहराव आ गया।
फ्लाईओवर के नीचे और शहर आने वाले सड़क की हालत इतनी दयनीय है कि पैदल चलने वालों तक को परेशानी उठानी पड़ रही है। सड़क पर गहरे और बड़े गड्ढे हो रखे हैं। सड़क कई जगह उखड़ी हुई है।
सीडीएस जनरल बिपिन रावत का भी सपना रहा अधूरा
29 अप्रैल 2018 को जब सीडीएस जनरल रावत बिपिन रावत पौड़ी जिले के द्वारीखाल ब्लाक स्थित अपने पैतृक गांव सैंणा पहुंचे थे, तब गांव के सड़क से न जुड़ने पर उन्होंने आश्चर्य जताया था। जनरल रावत का कहना था कि उन्होंने स्वयं उत्तराखंड शासन को पत्र लिखकर सैंणा को मोटर मार्ग जोड़ने का आग्रह किया है। फिर भी गांव तक सड़क न पहुंचना दुर्भाग्यपूर्ण है। इस दौरान मौके पर मौजूद अधिकारियों ने एक सप्ताह में गांव को सड़क से जोड़ने की बात कही थी। इसके बाद फाइलों में तो सड़क स्वीकृत हो गई, लेकिन गांव तक पहुंची नहीं।
बदहाल सड़कों के कारण सैंकड़ों की मृत्यु हुई OCT 2021- दन्या में बदहाल सड़क के कारण प्रसव पीड़िता की मौत विकास खंड धौलादेवी की गल्ली गांव निवासी गर्भवती महिला की प्रसव पीड़ा के दौरान हॉस्पिटल ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई। ये तो मात्र एक उदाहरण है। उत्तराखंड में आए दिन उत्तराखंडवासी खराब सड़कों के कारण अस्पताल तक नहीं पहुंच पाते हैं और उनकी समय पर अस्पताल न पहुंचने के कारण रास्ते में ही मृत्यु हो जाती है। इन सभी लोगों की मृत्यु का कारण बदहाल सड़कें ही है।
‘एयर एंबुलेंस’ सिर्फ एयर में ही है
हवाइ सेवा के नाम पर दुरस्थ इलाकों के लोगों को सपना दिखाया गया था। नैनी सैनी पिथौरागढ़,चिन्यालिसौद्, गौचर्, अगस्तमुनि हो या पंतनगर कहीं भी हवाई सेवा व्यवस्थित नहीं है, लोगों को केवल सपना दिखाया गया है। धरातल पर हालत शून्य है।
सवाल 1. उत्तराखंड में कनेक्टिविटी एक गंभीर समयस्य है, तो तथाकथित धुंआ छोड़ सरकार का इससे कोई सरोकार क्यों नहीं?
2. जब राजधानी की सड़कों पर 4-4 फ़ीट के गड्ढे हैं, तो और जगहों का क्या हाल होगा? 3. मुख्यमंत्री जी, आप अपने गांव को भी सड़क से क्यों नही जोड़ पाए? 4. जब उत्तराखंड सरकार, खुद अपनी एयर एंबुलेंस संचालित कर सकती है तो एयर एंबुलेंस/ हवाई सेवा व्यवस्थित क्यों नहीं?