देहरादून
पुलिस मुख्यालय में आयोजित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के सम्मेलन के दूसरे दिन पुलिस महानिरीक्षक,अभियोजन, महानिरीक्षक, कारागार,पुलिस उप महानिरीक्षक, कुमाऊँ परिक्षेत्र एवं पुलिस उपमहानिरीक्षक, पीएसी ने अपने-अपने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से अभियोजन, कारागार, पीएसी, प्रशिक्षण एवं पुलिस छवि सुधार के सम्बन्ध में अपने विचार रखे।
विचार-विमर्श एवं मंथन उपरांत पुलिस महानिदेशक ने महत्वपूर्ण निदेश दिए..
1. प्रशिक्षण के पाठ्यक्रम को re-module करने का निर्णय लिया गया। महिलाओं एवं बच्चों से सम्बन्धित स्पेशल अधिनियम, साइबर क्राइम, वीआईपी सुरक्षा, यातायात, सोशल मीडिया सम्बन्धित जानकारी को पाठ्यक्रम में जोड़ा जाएगा। पुलिसकर्मियों को Soft Skills से सम्बन्धित विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
2. कारागार, अभियोजन एवं पुलिस के बीच बेहतर समन्वय हेतु कारागार, अभियोजन एवं जनपद प्रभारियों के साथ पुलिस मुख्यालय स्तर पर मासिक गोष्ठी आयोजित करने का निर्णय लिया गया।
3. जनता की शिकायतों के त्वरित निस्तारण करने के सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखने हेतु जनपद प्रभारियों को निर्देशित किया।
4. डायल 112 की इमरजेंसी कॉल पर समस्त जनपदों का रिस्पांस टाइम को compare किया जाएगा।
5. जनता के साथ सीधे interact करने वाली इकाईयों- ट्रैफिक, महिला हेल्प डेस्क, चीता पुलिस की दक्षता बढ़ाने पर विचार-विमर्श हुआ।
6. आवारा पशुओं के खिलाफ जनपद पौड़ी गढ़वाल के ऑपरेशन कामधेनु, ऊधमसिंहनगर द्वारा मन्दिर-मस्जिदों के पास एवं गांवों के प्रवेश स्थलों पर सीसीटीवी लगाने, अल्मोड़ा द्वारा प्रदेश की लोक कला ऐंपण को बढ़ावा देने एवं बच्चों के लिए कम्प्यूटर क्लास संचालित करने आदि Best Practices को सराहा गया और अन्य जनपदों को भी इन्हें अपनाने हेतु निर्देशित किया।
7. पुलिस कर्मियों में तनाव कम करने एवं उनके मानसिक स्वास्थ्य हेतु समस्ता जनपद प्रभारियों को योग एवं मेडिटेशन के कैम्प आयोजित करने हेतु निर्देशित किया।