हाथ न मिलाएं करें नमस्ते कोरोना को रखो दूर..पद्मश्री रविकान्त – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

हाथ न मिलाएं करें नमस्ते कोरोना को रखो दूर..पद्मश्री रविकान्त

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में राज्य सरकार के मेडिकल ऑफिसर्स के लिए कपैसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम आयोजित किया गया। जिसमें उन्हें कोरोना वायरस कोविड- 19 को लेकर जागरुक किया गया। साथ ही विशेषज्ञों ने उन्हें इस खतरनाक वायरस से बचाव के उपाय व आवश्यक सावधानियों को लेकर प्रशिक्षित किया। सोमवार को एम्स के सामुदायिक एवं पारिवारिक चिकित्सा विभाग की ओर से उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों के लिए कपैसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम आयोजित किया गया। इस अवसर पर एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की सराहना की व भविष्य में प्राथमिक स्तर के चिकित्सकों के लिए ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आयोजन के लिए प्रोत्साहित किया। निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने बताया कि कोरोना जैसी महामारी के लिए भी प्रदेश में प्राथमिक चिकित्सा का सुदृढ़ होना अत्यंत जरुरी है। आयोजन समिति की अध्यक्ष व सीएफएम विभागाध्यक्ष डा. सुरेखा किशोर ने प्रशिक्षु मेडिकल ऑफिसर्स को प्रदेश में प्राथमिक चिकित्सा में अहम भूमिका से अवगत कराया, साथ ही उन्होंने चिकित्साधिकारियों को सामुदायिक चिकित्सा पद्धति के गुर सिखाए। डा. पुनीत कुमार गुप्ता ने कोरोना वायरस से उत्पन्न सामाजिक समस्याओं के विषय में अवगत कराया एवं इसमें मरीजों की स्क्रिनिंग से संबंधित तकनीकि जानकारियां दी। ट्रॉमा विशेषज्ञ डा. मधुर उनियाल ने चिकित्सकों को ट्रॉमा असेसमेंट के बारे में बताया जबकि इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी विभाग के डा. मोहित तायल ने उन्हें इमरजेंसी में होने वाली बीमारियों को डाइग्नोस करने के तौर तरीके बताए। साथ ही उन्होंने प्रशिक्षु चिकित्सकों को फेफड़ों में पानी भरने की अवस्था में चिकित्सकीय विकल्पों से अवगत कराया। जनरल मेडिसिन विभाग के डा. रविकांत ने उन्हें बताया ​कि क्यों मधुमेह का नियंत्रण वायरस की रोकथाम के लिए जरुरी है, साथ ही उन्होंने संबंधित उपायों से भी अवगत कराया। कार्यक्रम के संयोजक व आउटरिच सेल के नोडल ऑफिसर डा. संतोष कुमार ने कहा कि प्रदेश में मरीजों को ठीक प्रकार से उपचार मिल सके इसके लिए लिए एम्स संस्थान व राज्य सरकार के स्वास्थ्य महकमे के बीच बेहतर समन्वय स्थापित होना नितांत आवश्यक है। इस अवसर पर डा. यूबी मिश्रा, प्रो. वर्तिका सक्सेना डा. रंजीता कुमारी, डा. अनुभा अग्रवाल, डा. पंकज आदि मौजूद थे। क्या जरुरी सावधानियां बरतें- एक-दूसरे से हाथ मिलाने की जगह नमस्ते कर दूसरे लोगों का अभिवादन करेे। बार बार अपने मुहं, आंख व नाक को न छुएं, स्वांस से संबंधित व खांसी जुकाम की शिकायत से कम ग्रसित व्यक्ति जब तक बीमारी ज्यादा घातक न हो घर पर ही रहें, यदि बाहर जाना बहुत जरुरी हो तो मेडिकल मास्क का प्रयोग कर सकते हैं। मास्क को पहनने के बाद उसके बाहरी भाग को बार-बार न छुएं। यदि मास्क को ठीक तरह से लगाना आता हो तभी उसका प्रयोग करें, एक बार मास्क लगाने के बाद दोबारा प्रयोग नहीं करें। घर से बाहर जाते समय भीड़भाड़ वो स्थानों पर एक-दूसरे से कम से कम एक मीटर की पर्याप्त दूरी बनाए रखें,जिससे इस बीमारी से बचा जा सकता है। खांसते व छींकते समय रुमाल, टीसू पेपर या कोहनी का इस्तेमाल करें, इसके बाद हाथों को साबुन व पानी से भली प्रकार से धो लेने से इस बीमारी से बचा जा सकता है।

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