हिमालयी राज्यों में राशन कार्ड के सत्यापन अभियान में पिछले 8 साल के दौरान सबसे ज्यादा उत्तराखंड में 6 लाख 46 हजार 337 व सबसे कम मिजोरम में 4103 फर्जी कार्ड – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

हिमालयी राज्यों में राशन कार्ड के सत्यापन अभियान में पिछले 8 साल के दौरान सबसे ज्यादा उत्तराखंड में 6 लाख 46 हजार 337 व सबसे कम मिजोरम में 4103 फर्जी कार्ड

देहरादून

राशन कार्ड के सत्यापन अभियान के बाद पिछले आठ साल के दौरान उत्तराखंड में छह लाख 46 हजार 337 राशन कार्ड फर्जी पाए गए।

वहीं हिमालयी राज्यों में उत्तराखंड में सबसे अधिक फर्जी राशन कार्ड पकड़े गए और रद्द हुए। उत्तराखंड के बाद असम है जहां वर्ष 2014 से 2021 के बीच 3 लाख 40 हजार 831 राशन कार्ड फर्जी या जाली होने के कारण रद्द हुए। हिमालयी राज्यों में मिजोरम ही है जहां सबसे कम 4103 राशन कार्ड रद्द हुए।

राज्यसभा में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर से मिली जानकारी के मुताबिक, पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश से सटे उत्तराखंड में फर्जी राशन कार्ड बड़ी संख्या में पकड़े गए। यह केंद्र सरकार की खाद्य सुरक्षा योजना के बाद राशन कार्डों के चले सत्यापन अभियान से मुमकिन हुआ। अपनी आबादी के हिसाब से उत्तरप्रदेश में आठ साल के दौरान 1 करोड़ 70 लाख 75 हजार 301 राशन कार्ड फर्जी होने की वजह से रद्द हुए। राष्ट्रीय स्तर पर ऐसे 4.28 करोड़ जाली राशन कार्ड रद्द करने की सूचना जारी की गई है।

हुए जाली राशन कार्डों का ब्योरा:

राज्य रद्द कार्ड

उत्तराखंड 6,46,337

हिमाचल 65,694

जम्मू कश्मीर 85,859

मणिपुर 61,198

मेघालय 13,109

अरुणाचल 5,626

मिजोरम 4,103

नगालैंड 45,347

त्रिपरा 1,91,793

असम 3,40,831

 

(नोट: पूरे देश में 4,28,01,585 राशन कार्ड फर्जी पकड़े गए।)

जाली राशन कार्ड पकड़े जाने के कई कारण:

उत्तराखंड में पिछले आठ साल के दौरान रिकार्ड संख्या में फर्जी राशन कार्ड पकड़े जाने के कई कारण सामने आए हैं। फर्जीवाडे का पटाक्षेप करने में सबसे अहम भूमिका 2014 में लागू हुए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम की है, जिसके तहत सभी राज्यों में राशन कार्डों का सत्यापन अभियान चलाया गया। सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश (टीपीडीएस) के तहत जो राशन कार्ड उपभोक्ता मानकों से बाहर हुए, उनका राशन कार्ड रद्द कर दिया गया। राशन कार्ड को आधार से लिंक करने, बायोमैट्रिक प्रणाली से राशन वितरण शुरू होने से भी फर्जी राशन कार्ड पकड़ में आए।

सचिव खाद्य एवं आपूर्ति भूपाल सिंह मनराल का कहना है कि राज्य सरकार समय-समय पर राशन कार्डों के सत्यापन का अभियान चलाती रहती है। जो लोग अंतोदय या गरीबी की रेखा से नीचे मानकों का पूरा नहीं करते, उनके राशन कार्ड बदले जाते हैं या उन्हें रद्द किया जाता है। जल्द ही विभाग एक बार फिर राशन कार्डों का सत्यापन अभियान चलाएगा।

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