अवैध निर्माण मामला पहुचा हाई कोर्ट:
मसूरी में नोटिफाइड फॉरेस्ट एरिया में अवैध निर्माण का मामला बुधवार को नैनीताल हाई कोर्ट पहुंच गया। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) व वन विभाग से 22 सितंबर तक जवाब तलब किया है।
वन विभाग, एमडीडीए से जवाब तलब चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में दून निवासी हरजिंदर सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. कहा गया कि मसूरी में भारत सरकार व सुप्रीम कोर्ट ने नोटिफाइड फारेस्ट एरिया में किसी भी तरह के निर्माण पर रोक लगाई है, लेकिन वन विभाग व एमडीडीए की ओर से इस रोक को दरकिनार कर निर्माण कार्यों को अनुमति दी गई. इस कारण मसूरी कंक्रीट के जंगल में तब्दील हो रहा है और शहर का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है।
हरजिंदर ने याचिका में बताया कि जब इसकी शिकायत वन विभाग के उच्चाधिकारियों व भारत सरकार से की गई तो निर्माण की अनुमति निरस्त कर दी गई, लेकिन अब तक वन विभाग व एमडीडीए की ओर से अवैध निर्माणों को ध्वस्त नहीं किया गया। पूरे मामले को सुनने के बाद कोर्ट ने वन विभाग व एमडीडीए से जवाब तलब किया है।