देहरादून
उत्तराखंड हाइकोर्ट में देहरादून के नदी, नालों व खालों को बंजर भूमि में परिवर्तित कर प्लाटिंग करने के मामले में सुनवाई की गई ।
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार सहित एमडीडीए से तीन सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है।पूर्व में कोर्ट ने जिला अधिकारी देहरादून को निर्देश दिए थे कि जिन क्षेत्रों में अवैध प्लाटिंग कर निर्माण कार्य किया जा रहा है उन पर रोक लगाई जाए।
मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक वर्मा की खंडपीठ में हुई। इस मामले पर देहरादून निवासी अजय नारायण शर्मा ने जनहित याचिका दायर की है।
अजय नारायण का कहना है कि देहरादून के सहस्त्रधारा क्षेत्र में नदी की भूमि को बंजर भूमि में परिवर्तित कर भूमाफियाओं द्वारा अवैध प्लाटिंग की जा रही है।याचिकाकर्ता का कहना है कि इन पर रोक लगाई जाए।
जिन अधिकारियों के बल पर यह कार्य किया जा रहा है उनके खिलाफ कार्यवाही भी की जाय। भूमि का स्वरूप बदलने से नदी नाले अपना अस्तित्व और प्राकृतिक स्वरूप खो रहे है।