अन्य राज्यो के प्रवासियो के लिए बेस कैम्प में जगह नहीं तो जिला , तहसील या ब्लाक मुख्यालयो में कोरेन्टाइन सैंन्टर बने… प्रीतम सिंह

देहरादून
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत से अन्य प्रदेषों से आने वाले प्रवासी नागरिकों के लिए बेस कैम्प में जगह न होने पर जिला मुख्यालय, तहसील मुख्यालय या ब्लाक मुख्यालय में ही कोरेन्टाइन सैंन्टर बनाये जाने की मांग की है।
मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में प्रीतम सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते लगाये गये लाॅक डाउन के कारण सभी राज्य सरकारों द्वारा केन्द्र की गाईड लाईन के अनुरूप अन्य राज्यों में फंसे अपने प्रवासी कामगार, मजदूरों, छात्रों एवं अन्य नागरिकों की घर वापसी के लिए कार्रवाई प्रारम्भ कर दी गई है। केन्द्र सरकार की इसी गाईड लाईन के अनुरूप उत्तराखण्ड सरकार द्वारा भी अपने राज्य के प्रवासी नागरिकों की घर वापसी के लिए प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गई है जिसके चलते बडी संख्या में लोग अपने घरों को वापस आने शुरू हो गये हैं।
प्रीतम सिंह ने कहा कि उत्तराखण्ड प्रदेश के ग्रामीण एवं पर्वतीय जनपदों में जिन प्रवासी नागरिकों की वापसी हो रही है उन्हें आवश्यक रूप से क्वारेंटाइन किया जाना है। इसी परिपेक्ष में मैं आपसे आग्रह करना चाहूंगा कि ग्रामीण क्षेत्रों में निवास कर रहे लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर बाहर से आने वाले प्रवासियों के क्वारेंटाइन की व्यवस्था बेस कैम्पों में ही की जानी चाहिए। बेस कैम्पों में संख्या बढ़ने की स्थिति में जिला मुख्यालय, तहसील मुख्यालय अथवा ब्लाक मुख्यालयों में क्वारेंटाइन सैन्टर बनाये जाने चाहिए ताकि इस महामारी को गांवों की ओर फैलने से रोका जा सके। परन्तु ऐसा देखने मे आया है कि बाहरी राज्यों से आने वाले नागरिकों को थर्मल स्कैनिंग के बाद सीधे उनके गांव भेज दिया जा रहा है तथा उनकी सारी जिम्मेदारी ग्राम प्रधान पर डाल दी जा रही है। सरकारी आंकडों के हिसाब से उत्तराखण्ड के ग्रामीण एवं पर्वतीय क्षेत्रांे में बाहर से आने वाले नागरिकों की संख्या बहुत अधिक है, ऐसे में उन सभी की जिम्मेदारी साधन विहीन ग्राम प्रधानों को दिये जाने का निर्णय किसी भी स्थिति मे न्यायोचित प्रतीत नहीं होता है। वापस आने वाले प्रवासियों के रहन-सहन, खान-पान एवं उनको कारेन्टाइन करना अकेले ग्राम प्रधान के बस की बात नहीं है।
प्रीतम सिंह ने मुख्यमंत्री को सुझाव दिया कि कोरोना महामारी के संक्रमण की संभावना एवं व्यापक जनहित के मद्देनजर उत्तराखण्ड के ग्रामीण एवं पर्वतीय क्षेत्रों में वापसी करने वाले नागरिकों के स्वास्थ्य जांच एवं कारेन्टाइन की व्यवस्था बेस कैम्प में ही की जाय तथा बेस कैम्प में जगह की कमी होने पर जिला, ब्लाक या तहसील स्तर पर क्वारेंटाइन सैन्टर बनाये जांय।

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