उत्तराखंड में पंचायत चुनाव में 3 बच्चो का प्रतिबंध नहीं तो निकाय चुनाव में क्यों है रोक, सीएम सहित माननीयों को भेजा कांग्रेस प्रदेश सचिव प्रवीण ने लिखा पत्र

देहरादून

सोमवार को उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश सचिव प्रवीण त्यागी ने सीएम धामी के साथ राज्य के मुख्य सचिव,शहरी विकास मंत्री ,शहरी विकास सचिव सहित विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष को भी ये पत्र भेजा है।

पत्र में लिखे मजमून में साफ साफ लिखा गया है कि सरकार ने प्रदेश के पंचायत चुनाव में चुनाव लडने वाले को तीन बच्चो के मामले में बाहर रखा

है और इसको चुनाबम्व लडने की पूरी आजादी प्रदान की है। लेकिन प्रदेश में निकाय चुनाव के लिए तीन बच्चो वाले मामले में चुनाव लडने वाले कैंडिडेट पर चुनाव लडने के लिए प्रतिबंध लगाया गया है। उन्होंने इस बात को लेकर सरकार और उनके नुमाइंदों से यह निवेदन किया है कि इस मुद्दे पर सरकार कोई बेहतरीन कदम उठाए और पुनः विचार कर निकाय चुनाव में तीन बच्चो वाले कैंडिडेट को भी चुनाव लडने के लिए अनुमति दी जाए।

उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार आपसे निवेदन है कि चुनाव आयोग के नियम की धारा 13 (घ) संशोधन अध्यादेश 225 और अधिनियम अधिसूचना 455 के अनुसार यदि निकाय लड़ने वाले प्रत्याशी का तीसरा बच्चा 27 अप्रेल 2003 के बाद पैदा हुआ है तो ऐशी दशा में वह चुनाव नहीं लड़ सकता यह आदेश 02.07. 2002 से लागू है इसी प्रकार का एक आदेश उत्तराखण्ड पंचायतीराज संशोधन अधिनियम 2009 की धारा 53 की उपधारा 1 (द) तथा धारा 90 की उपधारा 1 (द) में भी किया गया था जो कि चुनाव आयोग द्वारा हटा दिया गया है जबकि निकाय चुनाव में यह आदेश वर्तमान में भी लागू है जिसको हटाया जाना आवश्यक एवं न्यायसंगत है।

अतः श्रीमान जी से प्रार्थना है कि चुनाव आयोग के आदेश दिनांक 02.07.2002 को निकाय चुनाव से हटाये जाने की कृपा करें।

और इस पत्र की प्रतिलिपि को मुख्य सचिव,शहरी विकास मंत्री ,शहरी विकास सचिव सहित विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष को भी भेजा गया है।

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