अपनी विलुप्त होती संस्कृति और परंपराओं को बचाने हेतु 21 सितंबर से 7 अक्टूबर तक भैंरव सेना नौ दिवसीय भिक्षा पदयात्रा निकलेगी – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

अपनी विलुप्त होती संस्कृति और परंपराओं को बचाने हेतु 21 सितंबर से 7 अक्टूबर तक भैंरव सेना नौ दिवसीय भिक्षा पदयात्रा निकलेगी

देहरादून
भैंरव सेना द्वारा उत्तराखंड की विलुप्त होती संस्कृति और परंपरा को बचाने के प्रयास तथा बेरोजगारी और पलायन के मुद्दे पर विशेष प्रेस वार्ता की गई।
भैरव सेना अध्यक्ष संदीप खत्री ने बताया कि उत्तराखंड देवभूमि इस समय कई प्रकार के दंश झेल रही है। पहले यहां पर सिर्फ बेरोजगारी और पलायन का मुद्दा था परंतु अब संस्कृति और परंपराओं को बचाने के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है। हमारी देवभूमि पर पश्चिमी सभ्यता के साथ अन्य संस्कृतियों का प्रभाव पढ़ने लग गया है जिस कारण हमारी परंपराएं इतिहास बनने की ओर अग्रसर है। देवभूमि के इन्हीं सनातन सम्बंधित गंभीर विषयों को देखकर 21 सितंबर से 7 अक्टूबर तक भैंरव सेना नौ दिवसीय “भिक्षा पदयात्रा” निकालकर जन जागरण के माध्यम से अपनी विलुप्त होती संस्कृति और परंपराओं को बचाने के लिए सामूहिक प्रयास कर क्षेत्रीय सनातनी परिवारों से भिक्षा के रूप में प्रति परिवार एक मुट्ठी चावल, एक मुट्ठी जौ, एक मुट्ठी सफेद तिल, एक मुट्ठी सेंधा नमक, एक मुट्ठी पीली सरसों, एक मुट्ठी हल्दी, एक मुट्ठी पंचमेवा, एक मुट्ठी चीनी, एक कटोरी तेल में से किसी भी एक सामग्री की भिक्षा लेंगे और 17 अक्टूबर से 9 दिन के नवरात्रों में नौ दिवसीय मां बगलामुखी महायज्ञ करेंगे जिसमें की सवा लाख आहुतियां देकर उत्तराखंड को बचाने के लिए जगतजननी माँ जगदंबा प्रार्थना तथा आह्वान करेंगे।
यज्ञाचार्य यति राम स्वरूपानंद सरस्वती के कथनानुसार मां बगलामुखी यज्ञ से भैंरव सेना के द्वारा उत्तराखंड के हित में किए गए संकल्प अवश्य पूरे होंगे मां बगलामुखी सिद्धिदात्री है और अपने भक्तों के द्वारा किए गए संकल्प और समर्पणभाव से अवश्य प्रसन्न होंगी और देव भूमि को रोग, दोष और आपदाओं से मुक्त करेंगी। भैरव सेना प्रदेश सचिव आचार्य उमाकांत भट्ट ने कहा कि इस समय देवभूमि उत्तराखंड में बाहरी व्यक्तियों का आना जाना हो गया है जिस कारण क्षेत्र के युवाओं को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। इसलिए पलायन की समस्या भी बढ़ रही है और बाहरी व्यक्तियों के द्वारा जाने अनजाने देवभूमि की संस्कृति और अध्यात्मिक धरोहरों को खंडित और तिरस्कृत किया जा रहा है। जिस कारण प्राकृतिक आपदाओं का कहर भी बढ़ गया है। इन्हीं सब की शांति के लिए मां बगलामुखी महायज्ञ समस्त क्षेत्रवासियों के साथ यति राम स्वरूपानंद सरस्वती एवं स्वामी नित्यानंद सरस्वती के सानिध्य में किया जाएगा। जिसमें पंडित उपेन्द्र पंत एवं भैंरव सेना के अन्य आचार्य गण महायज्ञ में अध्यात्मिक सहयोग करेंगे। प्रेस वार्ता में मुख्य रूप से उपस्थित अन्य कार्यकर्ता गणों में प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य संजय पंवार, विभाग संयोजक संजीव टांक, मुन्ना बजरंगी, करण शर्मा, महेश बजरंगी, राहुल सूद इत्यादि कोविड-19 के नियमों के अंतर्गत उपस्थित रहे।

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