सहकारिता विभाग के राज्य भण्डारण निगम में भाजपा राज में हुआ बडा खेल…गरिमा मेंहरा दसौनी।

देहरादून

 

उत्तराखण्ड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा माहरा दसौनी ने राज्य में चल रहे भ्रष्टाचार की कडी़ में एक और जोरदार खुलासा किया है।

दसौनी ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तराखंड में एक के बाद एक भर्ती घोटालों की पोल खुल रही है। अभी तक हाकम सिंह जैसे लोगों को नौकरियों का सौदागर माना जा रहा था पर अब विभागों में तैनात अधिकारी औऱ नेताओ का गठजोड़ भी उत्तराखंड के नौजवानों के हकों पर डाका डालकर नौकरियां बेचने का काम कर रहे हैं। दसौनी ने बताया कि खबर सहकारिता विभाग के उत्तराखंड राज्य भंडारण निगम से है। जहाँ तैनात एमडी मान सिंह सैनी ने विभाग में अपने दर्जनो रिश्तेदारों, चहेतो औऱ सगे सम्बन्धियों को यहां फिट कर दिया है।

 

दसौनी ने जानकारी देते हुए कहा कि जब उत्तराखंड में 2017 में चुनाव शुरू होने वाले थे उस दौरान आचार सहिंता लागू होने से ठीक एक दिन पहले मान सिंह सैनी ने ये कारनामा कर डाला। सूचना के अधिकार में मिली जानकारियों के मुताबिक मान सिंह सैनी ने अपने पद का दुरूपयोग करते हुए रातों रात यहां 39 कार्मिकों की नियुक्तियों को अंजाम दिया।

 

वहीं इस मामले पर तत्कालीन सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने एक पत्र जारी करते हुए लिखा कि मान सिंह सैनी, सहायक निबन्धक, सहकारी समितियां, उत्तराखण्ड, सम्प्रति- प्रबन्ध निदेशक, उत्तराखण्ड राज्य भण्डारागारण निगम, हेतु ऊधमसिंहनगर को सूचित किया जाता है कि उत्तराखण्ड राज्य भण्डारागारण निगम हेतु स्थापित प्रक्रिया एवं नियम कानून को दरकिनार करते हुए राज्य विधानसभा चुनाव-2017 हेतु आर्दश आचार संहिता प्रभावी होने से 1 दिन पूर्व प्रश्नगत निगम में 39 कार्मिकों की अवैधानिक नियुक्ति करने तथा हैण्डलिंग एवं ट्रांसपोर्ट ठेकेदारों में से अपात्र व्यक्तियों का पंजीकरण कराये जाने सम्बन्धी अनियमितता किये जाने के फलस्वरूप आप द्वारा शासकीय कार्य एवं दायित्वों के प्रति बरती गयी घोर उदासीनता एवं लापरवाही के लिए उन्हें उत्तराखण्ड सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली 2003 के प्रस्तर-3 (क) के प्राविधानानुसार उक्त कृत्य हेतु लघु शास्ति के रूप में आलोच्य वर्ष 2018-19 के लिए दण्ड स्वरूप परिनिन्दा की जाती है।

 

दसौनी ने कहा कि इसे राज्य की विडम्बना ही कहा जा सकता है कि कुछ ही समय बाद मान सिंह सैनी की पदोन्नति भी कर दी जाती है ।।

 

दसौनी ने कहा कि मान सिंह सैनी यहाँ एक बेलगाम अधिकारी की तरह काम कर रहे हैं । सबसे पहला सवाल तो यह है कि जब मान सिंह सैनी ने अपने लोगो की यहाँ नियुक्ति की तो उस वक्त राज्य भंडारण निगम के ढांचे की ही स्वीकृति नहीं थी। ऐसे में सैनी द्वारा कैसे यहाँ कर्मचारियों का नियमतिकरण किया गया यानी कि साफ है कि बिना किसी बड़े लेन देन के यह सम्भव ही नही है।

 

दसौनी ने कहा कि दूसरा बड़ा सवाल राज्य भंडारण निगम में प्राविधिक सहायक का एक पद स्वीकृत है ऐसे में मान सिंह सैनी द्वारा 09 प्राविधिक सहायकों को नियमो को ताक पर रखते हुए यहाँ तैनाती दे दी गयी।

 

दसौनी ने खुलासा करते हुए कहा कि यहाँ निगम के संसोधित ढांचे में चौकीदार ,अनुसेवक श्रमिको के नियमित स्वीकृत पद शून्य हैं बाबजूद इसके मान सिंह सैनी ने 23 चौकीदार चपरासियों को धन बल के आधार पर कानून औऱ नियमो की धज्जियां उड़ाकर नियुक्तिया दे दी। मान सिंह सैनी यहीं नही रुके उन्होंने हरिद्वार की आर एस नाम की एक मैंन पावर सप्लाई को फायदा पहुंचाने के लिए पहले से कार्यरत संविदा कर्मचारियों को आउटसोर्सिंग एजेंसी के हवाले कर दिया।

 

दसौनी ने कहा कि कुल मिलाकर सहकारी विभाग के अंतर्गत आने वाले राज्य भंडारण निगम में मान सिंह सैनी पिछ्ले छः वर्षाे से मठाधीश बनकर जमकर अनियमितता कर रहे है पर इन पर कोई कार्यवाही नही हो रही है।

 

दसौनी ने कहा कि करैला उपर से नीम चडा़ कहावत को चरितार्थ करते हुए जिला सहकारीइ बैंक लिमिटेड देहरादून, पिथौरागढ़ एवं नैनीताल में चतुर्थ श्रेणी (गार्ड) भर्ती में अनियमिताओं के सम्बन्ध में जो दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है उसमें से नीरज बेलवाल के अलावा दुसरा नाम मान सिंह सैनी का है। दसौनी ने कहा कि जब बिल्ली को ही दूध की रखवाली दे दी गयी तो अंजाम खुद समझा जा सकता है। दसौनी ने कहा कि अब देखना ये होगा कि क्या मान सिंह सैनी के द्वारा की जा रही अनियमत्ताओं पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कोई संज्ञान लेते हैं या ऐसे बेलगाम अधिकारी यूँ ही उत्तराखंड में नौकरियों में भृष्टचार करते रहेंगे।

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