निजी मेडिकल कॉलेज के प्रशिक्षु स्टाइपेंड को लेकर इंटर्न खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं

देहरादून

कांग्रेस प्रवक्ता डाॅ० प्रतिमा सिंह ने राज्य के मेडिकल काॅलेजो मे तैनात एमबीबीएस इंर्टन चिकित्सकों के स्टाइपेंड बढाने सम्बन्धी राज्य सरकार द्वारा जारी शासनादेश को राज्य की बेलगाम नौकरशाही का नमूना बताया है।

प्रेस को जारी एक बयान में प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डाॅ.प्रतिमा सिंह ने कहा कि माननीय न्यायालय के आदेश के बाद सरकार ने जागने का नाटक तो किया पर उसकी नौकरशाही ने उस पर पलीता लगा दिया है तथा साबित कर दिया है कि उत्तराखण्ड शासन में बैठे लोग मुख्यमंत्री धामी को राज्य का मुखिया मानने को राजी नहीं हैं उसने यह भी साबित कर दिया है कि सरकार की कथनी और करनी में कितना अंतर है। मुख्यमंत्री की सार्वजनिक घोषणा 17 हजार स्टाइपेंड का ढोल पीटने वाली सरकार के शासनादेश में मात्र 15120 रूपये दर्शाये गये हैं इससे न केवल सरकार की किरकिरी हुई है अपितु भाजपा सरकार के मुखिया की बेलगाम अफसरसाही भी परिलक्षित हुई है। उन्होंने कहा कि भाजपा चाहे हर महीने मुख्यमंत्री बदल दे परन्तु राज्य में अफसरसाही उसके काबू में नहीं रहेगी।

एक अन्य बयान में डाॅ० प्रतिमा सिंह ने कहा कि एक हफ्ते पहले हाईकोर्ट ने फॉरेस्ट गार्ड भर्ती प्रक्रिया को लेकर भी सरकार को फटकान लगाने का काम किया था। उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार सरकार से कहा कि साढे चार सालों में फारेस्ट गार्ड भर्ती प्रक्रिया संपन्न नहीं करा पाए जिसकी वजह से राज्य के जंगलों में आग लगने की घटनाओं से काफी नुकसान का सामना करना पड़ा। हजारों बेरोजगारों को रोजगार का जुमला छोडने वाले भाजपा सरकार के मुखिया बदल रहे हैं परन्तु सरकार की कार्यप्रणाली नहीं सुधर रही है। बारबार न्यायालय को सरकार को हांकना पड रहा है इसी क्रम मं न्यायालय ने सरकार को लताड़ लगाते हुए 65 प्रतिशत रिक्त पदों को तत्काल प्रभाव से भरने की कार्रवाई शुरू करने के भी निर्देश दिये।

डाॅ.सिंह ने कहा कि बिना न्यायालय के फटकार के राज्य सरकार एक भी कदम बढाने को तैयार नहीं है तथा हर मामले में मा0 न्यायालय को सरकार को हांकना पड़ रहा है तथा फटकार लगानी पड रही है इससे पूर्व भी उच्च न्यायालय से कई मामलों में समय-समय पर दर्जनों बार राज्य की भाजपा सरकार को फटकार लग चुकी है।

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