देहरादून
दिनांक 22 सितम्बर की रात को लगभग 9 बजे थाना पटेलनगर को कंट्रोल रूम से सूचना प्राप्त हुई कि ब्लेसिंग फार्म दुर्गा डेरी के पास दो अज्ञात मोटर साइकिल सवार व्यक्ति एक अन्य मोटर साइकिल सवार व्यक्ति (सुनार) को गोली मारकर उसका बैग छीनकर भाग गये हैं। सूचना पर पुलिस बल मौके पर पहुचा तथा मौके पर उपस्थित लोगो की सहायता से घायल व्यक्ति को उपचार हेतु इन्द्रेश अस्पताल ले जाया गया। घटना के सम्बन्ध में पीडित व्यक्ति के चचेरे भाई शफीकुल इस्लाम पुत्र रियाजुल इस्लाम निवासी की तहरीर पर मुकद्दमा दर्ज किया गया। घटना की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस के उच्चाधिकारीगणों द्वारा घटनास्थल पर पहुंचकर जानकारी ली गयी तथा घटना के अनावरण हेतु आवश्यक दिशा-निदेश दिये गये। गठित टीमों द्वारा अभियुक्तों के आने व जाने के रूट के सीसीटीवी फुटेज व सर्विलांस के माध्यम से जानकारी करने पर उक्त घटना में चार अभियुक्तों राहुल शर्मा उर्फ राहुल पण्डित ,नदीम पुत्र मतीन ,फैजल चौधरी पुत्र मौ0 अनीस तथा नईम पुत्र शराफत के नाम प्रकाश में आये।
अभियुक्त राहुल शर्मा उर्फ राहुल पण्डित तथा नदीम पुत्र मतीन को पुलिस टीम द्वारा 1 अक्टूबर को दिल्ली तथा बुलंदशहर से गिरफ्तार किया गया था, अभियोग में वांछित चल रहे अन्य दो अभियुक्तों फैजल चौधरी तथा नईम की तलाश हेतु पुलिस टीम द्वारा लगातार पश्चिमी उत्तर प्रदेश तथा हरियाणा के अलग-अलग सम्भावित स्थानों पर दबिश दी जा रही थी। पुलिस द्वारा अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु लगातार किये जा रहे प्रयासों के दबाव में अभियुक्त फैजल चौधरी द्वारा 8 अक्टूबर को मुजफ्फरनगर में न्यायालय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के समक्ष मुजफ्फरनगर में उसके विरूद्ध पंजीकृत लूट के अभियोग में सरेंडर किया गया। घटना में वांछित चौथे अभियुक्त नईम की तलाश में पुलिस टीम द्वारा मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया गया था। सूचना मिलने पर अभियुक्त नईम सहारनपुर में ही कहीं छिपा है तथा फैजल चौधरी के न्यायालय के समक्ष सरेंडर होने की सूचना मिलने के बाद वह भी सहारनपुर कोर्ट में सरेंडर होने की फिराक में है। सूचना पर पुलिस टीम द्वारा मुखबिर की निशानदेही पर दिनांक: 10 अक्टूबर की रात को लगभग 8:30 बजे अभियुक्त नईम को सहारनपुर सरकारी अस्पताल चौक के पास से गिरफ्तार किया गया। साथ ही अभियुक्त की निशानदेही पर उसके सेलाकुई स्थित कमरे से घटना में लूटी गई ज्वैलरी बरामद की गयी।
गिरफ्तार अभियुक्त नईम(24) पुत्र शराफत निवासी बाजोरिया रोड, घोघरेकी सहारनपुर
तथा पूर्व में गिरफ्तार अभियुक्तों में राहुल शर्मा उर्फ राहुल पण्डित पुत्र कैलाश चन्द्र शर्मा(32) निवासी वैद्य जी वाली गली, साठा बाजार बुलन्दशहर ,नदीम (26) पुत्र मतीन निवासी: मो शेखपारा थाना व कस्बा सिकन्दराबाद बुलन्दशहर ।
पत्रकार वार्ता में पूछताछ के दौरान अभियुक्त नईम ने बताया कि मैं कपडों की फेरी लगाने का काम करता हूं, मेरे पिता सेलाकुई में रहकर पिछले 8 सालों से कबाड का कार्य कर रहे हैं तथा मैं अक्सर सेलाकुई आता जाता रहता हूं। फैजल से मेरी मुलाकात लाॅकडाउन से पूर्व दिल्ली के करोलबाग इलाके में हुई थी, जहां मैं अपने कारोबार के लिये कपडे लेने गया था। फैजल द्वारा हमारी बिरादरी की एक विकलांग महिला से निकाह किया गया था। जिसे उसके घर वाले अपने घर में रखने को तैयार नहीं थे, इस दौरान मैने उसकी मदद करते हुए उसे थाना भवन में किराये का एक कमरा दिलाया था, फैजल की पत्नी मुझे अपने भाई की तरह मानती थी, इस कारण फैजल और मेरी अच्छी जान-पहचान हो गयी थी। मैं पूर्व में लूट व चोरी के मामलों में कैराना व गंगोह से जेल जा चुका हूं। लाक डाउन के दौरान काम बन्द होने से मुझ पर लगभग 4 से 5 लाख रूपये का कर्ज हो गया था तथा मेरे पिता के हार्ट पेशेंट होने के कारण उनके इलाज में भी काफी खर्चा आ रहा था, जिस कारण मेरी आर्थिक स्थिती ठीक नहीं थी तथा मुझे पैसों की सख्त आवश्कता थी। पैसों की आवश्यकता को पूरा करने के लिये मैने लूट की एक योजना बनाई। चूंकि मैं सेलाकुई, प्रेमनगर, बसन्त विहार आदि क्षेत्रो में नियमित रूप से घूमकर कपडों की फेरी लगाने का काम करता था, इसलिये मुझे इस क्षेत्र की अच्छे से जानकारी थी। लूट की योजना को अमली जामा पहनाने के लिये मेरे द्वारा जीएमएस रोड स्थित एक सुनार की दुकान की रैकी की गयी, मुझे पता था कि उक्त दुकान का मालिक प्रतिदिन अपनी दुुकान बन्द करने के बाद दुकान की सारी ज्वैलरी व नगदी अपने साथ बैग में रखकर अपने घर ले जाता है, यदि उसे लूट लिया जाये तो उसके पास से काफी मात्रा में ज्वैलरी व नगदी मिल सकती है। 8 से 10 दिन तक लगातार रैकी करने के पश्चात मुझे उक्त दुकान के मालिक के आने व जाने के रूट व समय की अच्छी तरह जानकारी हो गयी थी। उसके पश्चात मेरे द्वारा फैजल से सम्पर्क कर उसे अपनी योजना के बारे में बताया गया। चूंकि मुझे जानकारी थी कि फैजल भी पूर्व में लूट व चोरी की घटनाओं में जेल जा चुका है तथा वह लूट की घटना को अजांम देने में मेरी सहायता कर सकता है। कुछ समय पश्चात फैजल ने मुझसे सम्पर्क कर मुझे दिल्ली बुलाया । जहां फैजल ने मेरी मुलाकात राहुल शर्मा उर्फ राहुल पण्डित तथा राहुल के एक अन्य साथी नदीम से करवायी। हम चारों ने राहुल पण्डित के कमरे में बैठकर उक्त लूट की पूरी योजना बनाई तथा योजना के मुताबिक लूट की घटना को करने के लिये दिल्ली आजाद नगर मण्डी के पास से दो मोटर साइकिलों को चोरी किया। 22 सितम्बर को हमने योजना के मुताबिक देहरादून में लूट की घटना को अंजाम दिया तथा उसके पश्चात राहुल और मैं अपनी मोटर साइकिल को प्रेमनगर के पास बिधौली के जंगलों में छोडकर जंगल के रास्ते से पैदल-पैदल सेलाकुई स्थित मेरे कमरे पर पहुंचे, जहां अगली सुबह नदीम और फैजल भी आ गये। मेरे कमरे में लूट का सारा माल आपस में बांटने के बाद राहुल और नदीम उसी दिन वहां से अपने घरों को रवाना हो गये तथा फैजल और मैं सेलाकुई में ही रूक गये। 24 सितम्बर को फैजल और मै सेलाकुई से आटो पकडकर पहले हर्बटपुर पहुंचे तथा वहां से टैम्पो पकडकर कुल्हाल चैक पोस्ट से पहले उतर गये। हमारे द्वारा पैदल जा रहे व्यक्तियों के साथ शामिल होकर चैक पोस्ट को पार किया गया तथा उसके पश्चात बस व ट्रक के माध्यम से हम लोग यमुनानगर हरियाणा पहुंचे, जहां से फैजल और मैं अपने-अपने घरों को चले गये। इसी बीच देहरादून पुलिस द्वारा राहुल पण्डित तथा नदीम को गिरफ्तार करने की जानकारी मुझे मिली तो मैं डर गया तथा पुलिस द्वारा पकडे जाने के डर से मैं लगातार अलग-अलग जगहों पर छिपकर रह रहा था। तीन दिन पूर्व फैजल द्वारा मुजफ्फरनगर कोर्ट में सरेंडर करने की जानकारी मिलने के बाद मैं भी कोर्ट में सरेंडर करने की फिराक मे था तथा इस सम्बन्ध में अपने वकील से सम्पर्क करने का प्रयास कर रहा था, इसी बीच दून पुलिस ने मुझे गिरफ्तार कर लिया ।
*बरामदगी का विवरण :-*
01: सोने की अगूंठी: 02
02: कान की बाली सोने की: 02 जोडी
01: श्री प्रदीप सिंह बिष्ट, प्रभारी निरीक्षक पटेलनगर
02: उ0नि0विवेक भण्डारी, चौकी प्रभारी आई0एस0बी0टी0
03: उ0नि0 अर्जुन सिंह गुंसाई, चौकी प्रभारी धर्मावाला
04: कां0 मनोज कपिल
एसओजी टीम
01: निरीक्षक एश्वर्य पाल, एसओजी प्रभारी
02: उ0नि0 मोहन सिंह
03: कां0 प्रमोद कुमार,
04: कां0 आशीष शर्मा,
05: कां0 ललित कुमार
06: कां0 अमित कुमार
07: कां0 देवेन्द्र कुमार
08: कां0 पंकज कुमार