महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का राष्ट्रपति को सौंपा इस्तीफा मंजूर,रमेश वैश्य होंगे अब नए गवर्नर

देहरादून

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने आखिर इस्तीफा दे ही दिया। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने कोश्यारी के साथ ही लद्दाख के ले.गवर्नर राधाकृष्ण माथुर का इस्तीफा भी स्वीकार कर लिया। कोश्यारी ने कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री मोदी से पद छोड़ने की इच्छा प्रकट कर दी थी।

जानकारी के अनुसार कोश्यारी के स्थान पर त्रिपुरा के पूर्व गवर्नर रमेश वैश्य महाराष्ट्र के नये राज्यपाल होंगे।

रविवार को राष्ट्रपति भवन से जारी विज्ञप्ति के अनुसार राष्ट्रपति द्वारा जारी की गई नियुक्त राज्यपालों की सूची इस प्रकार है।

👉लेफ्टिनेंट जनरल कैवल्य त्रिविक्रम परनाइक, पीवीएसएम, यूवाईएसएम, वाईएसएम (सेवानिवृत्त) अरुणाचल राज्यपाल के रूप में

👉लक्ष्मण प्रसाद आचार्य सिक्किम के राज्यपाल के रूप में 👉सी.पी. राधाकृष्णन को झारखंड का राज्यपाल बनाया गया

👉 शिव प्रताप शुक्ल को हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया है

👉 असम के राज्यपाल के रूप में गुलाब चंद कटारिया

👉 न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एस अब्दुल नजीर आंध्र प्रदेश के राज्यपात के रूप में

👉आंध्र प्रदेश के राज्यपात बिस्वा भूषण हरिचंदन को छत्तीसगढ़ का राज्यपाल नियुक्त किया गया

👉छत्तीसगढ़ की राज्यपात सुश्री अनुसुया उड़के को मणिपुर का राज्यपाल नियुक्त किया गया। 👉मणिपुर के राज्यपाल ला गणेशन को नागालैंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया

👉बिहार के राज्यपाल फागू चौहान को मेघालय का राज्यपाल नियुक्त किया गया।

👉हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अकर को बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया गया

👉झारखंड के राज्यपात रमेश बेस को महाराष्ट्र का राज्यपाल नियुक्त किया गया

👉ब्रिगेडियर (डॉ.) बी.डी. मिश्रा (सेवानिवृत्त), अरुणाचल प्रदेश के राज्यपात को लद्दाख का उपराज्यपाल नियुक्त किया गया।

राष्ट्रपति सचिवालय से जारी की गई विज्ञप्ति के अनुसार उपरोक्त नियुक्तियां उन तारीखों से प्रभावी होगी, जब वे अपने संबंधित कार्यालयों का प्रभार ग्रहण करेंगे।

हालांकि इसी जनवरी में भगत सिंह कोश्यारी ने अपने पद से हटने और सेवानिवृत्त जीवन जीने की इच्छा व्यक्त की थी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुंबई दौरे के दौरान उनसे अपनी भावनाएं व्यक्त की थी। कुछ दिन पहले ही छत्रपति शिवाजी पर अपनी टिप्पणी के लिए कोश्यारी विपक्ष के साथ साथ सत्तारूढ़ भाजपा के निशाने पर आ गए थे, उन्होंने उन्हें पुराने युग का प्रतीक कहा था।

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