बनभूलपुरा के बवाल के मास्टर माइंड मलिक को दिल्ली में दिल्ली और उत्तराखंड की पुलिस टीम के संयुक्त अभियान में किया गिरफ्तार

देहरादून / नई दिल्ली

आखिरकार हल्द्वानी के बनभूलपुरा में मलिक के बगीचे में अतिक्रमण हटाने के दौरान हुए बवाल के कथित मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, दिल्ली और उत्तराखंड पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा मलिक को दिल्ली में गिरफ्तार किया गया है। हालांकि अभी पुलिस अधिकारी इस मामले में कुछ भी कहने से बच रहे हैं।

वहीं, पुलिस अभी तक धरपकड़ कर में 60 से ज्यादा लोगों को हिरासत में ले चुकी है। सर्च ऑपरेशन चलाकर दो निर्वतमान पार्षदों समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

वहीं, बताया जा रहा है कि अब्दुल मलिक को भी आज पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है।

हल्द्वानी प्रशासन ने प्रभावित इलाकों को छोड़कर शहर के शेष हिस्से से कर्फ्यू हटा लिया है।

डीएम वंदना ने बताया कि संपूर्ण बनभूलपुरा क्षेत्र आर्मी (कैंट) वर्कशॉप लाइन, तिकोनिया- तीनपानी गौलापार बाईपास का क्षेत्र छोड़कर पूरे शहर को कर्फ्यू मुक्त कर दिया गया है। कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्रों में प्रशासन की टीम दूध, राशन और दवा पहुंचाने की व्यवस्था कर रही है।

बताया गया कि जिस भूमि पर विवाद चल रहा है। उस जमीन पर कई तरह के पेच सामने आए हैं। जानकारी के अनुसार जमीन किसी और को कृषि कार्य के लिए दी गई और इसे किसी और को बेच दिया गया। बाद में यही जमीन अब्दुल मलिक के पिता को उपहार में मिल गई। इसके बाद ये जमीन मलिक के पास आ गई।

बनभूलपुरा क्षेत्र के रहने वालों का दावा है कि कॉलोनियल सरकार ने मोहम्मद यासीन को वर्ष 1937 में यह जमीन कृषि के लिए लीज पर दी थी। अब्दुल मलिक और सफिया मलिक इस संपत्ति की देखरेख कर रहे थे। सफिया मलिक के वकील ने नगर निगम के 30 जनवरी को ध्वस्तीकरण संबंधित नोटिस के खिलाफ छह फरवरी को उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।

हल्द्वानी में हिंसा की घटना के बाद से बंद इंटरनेट सुविधा आज रविवार को बहाल कर दी गई है। उत्तराखंड पुलिस ने अपने एक्स पेज पर पोस्ट करते हुए लिखा ‘यदि कोई भी व्यक्ति सांप्रदायिक सौहार्द एवं कानून व्यवस्था को प्रभावित करने संबंधी भड़काऊ पोस्ट, फोटो, वीडियो या कमेंट सोशल मीडिया में प्रसारित करेगा उसके विरुद्ध कठोर वैधानिक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।’

Leave a Reply

Your email address will not be published.