देहरादून/हल्द्वानी
मणिपुर इम्फाल सैलून में आतंकवादी हमले में शहीद असम राइफल के हवलदार रणवीर सिंह रावत का पार्थिव शरीर शुक्रवार सुबह हल्द्वानी स्थित चांदनी चौक बल्यूटिया उनके आवास पर पहुंचा।शहीद के पार्थिव शरीर के घर पहुंचते ही परिवार और मोहल्ले में कोहराम मच गया।
अंतिम दर्शनो के बाद शहीद के शव को रानीबाग स्थित चित्रशिला घाट के लिए ले जाया गया। शव यात्रा मे उमड़ी भीड़ बता रही कि उसने देश को अपने जीवन की कुर्बानी देकर अपने जीवन को सार्थक किया है। देश के हर जवान को जीने के जज्बे के साथ ही देश पर कुर्बान होंना भी आता है।
हल्द्वानी के चित्रशिला घाट पर उमड़ी भीड के बीच सैन्य सम्मान के साथ शहीद रणवीर की अंत्येष्टि कर दी गई। इस दौरान शहीद के रणवीर सिंह अमर रहे के नारों से चित्रशिला घाट गूंज रहा था।
रणवीर सिंह रावत मूलरूप से चमोली जिले के थाला गांव निवासी है। वह 13 असम राइफल की बेम्बो कंपनी में हवलदार थे। उनकी तैनाती सैलून में थी। परिजनों के अनुसार 27 जनवरी की सुबह इनकी टुकड़ी पेट्रोलिंग करके वापस लौट रही थी। इसी दौरान उग्रवादियों ने फौजी टुकड़ी पर हमला कर दिया। मुठभेड़ में रणवीर सिंह बाएं पैर में दो गोलियां लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जहां से उनके साथी जवान उनको अस्पताल लेकर गए। अस्पताल में चिकिसकों ने उनको मृत घोषित कर दिया।
रणवीर के शहीद होने की जानकारी 27 जनवरी को ही दोपहर में कंपनी के अधिकारियों ने परिवार वालों को दी। रणवीर के बड़े भाई लक्ष्मण सिंह भी असम राइफल में सूबेदार हैं जो वर्तमान में नागालैंड में तैनात हैं। शहादत का पता चलते ही लक्ष्मण नागालैंड से सैलून पहुँच गए थे। पोस्टमार्टम के बाद हवाई मार्ग से ही शहीद रणवीर का पार्थिक शरीर दिल्ली लाया गया। जहां से निजी वाहन द्वारा पार्थिक शरीर को आज ही सुबह उनके घर पहुंचाया गया था। शहीद रणवीर के पार्थिक शरीर के घर पहुंचते ही परिवार के साथ ही मोहल्ले में कोहराम मच गया। चित्रशिला घाट में उनको उनके पुत्र मनीष ने मुखाग्नि दी गमगीन माहौल के बीच उनकी अंत्येष्टि की गई।