मध्याह्न भोजन योजना का नाम बदलकर पीएम पोषण शक्ति निर्माण योजना हूआ, खाना बनाती भोजनमाता न पहने कोई गहना

देहरादून

भोजनमाताओं को विद्यालय में प्रवेश करते हुए हाथों को सैनिटाईज करने व अच्छी तरह से धुलवाने के उपरान्त प्रवेश किया जाऐगा।

इसके अलावा रसोई घर में प्रयोग किये जाने वाले बर्तनों तथा खाद्यान्न भोज्य पदार्थों को इस्तेमाल करने से पूर्व अच्छी तरह से साफ किया जायेगा।

सरकार ने पहले से चल रही मध्याह्न भोजन योजना यानी एमडीएम योजना का नाम बदलकर पीएम पोषण शक्ति निर्माण योजना कर दिया है। सरकार की कोशिश है कि बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ उनका पोषण भी सुनिश्चित किया जाए। हर तरह की पारदर्शिता के रसोईयों, खाना पकाने वाले सहायकों का मानदेय प्रत्यक्ष नकद अंतरण डीबीटी के माध्यम से दिया जाए। इसके अलावा, स्कूलों को भी डीबीटी के माध्यम से राशि उपलब्ध करायी जाए। इससे इस योजना में किसी भी प्रकार की अनियमितता की गुंजाइश नहीं बचेगी। इसके लिए सरकार जो बच्चे सरकारी स्कूलों में पढऩे के लिए जाते हैं, उनके लिए यह योजना शुरू की जाएगी। इसका नाम प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना रखा गया है। सरकारी स्कूलों में जाने वाले विद्यार्थियों के साथ सरकार से फंडेड स्कूलों में भी इस योजना का लाभ दिया जाएगा। सरकार की कोशिश है कि बच्चों की पढ़ाई के साथ उनका पोषण भी सुनिश्चित किया जााए और यही देखते हुए यह नई योजना शुरू की जा रही है। इससे स्कूलों में गरीब छात्रों की उपस्थिति बढ़ेगी और उनके शिक्षा और पोषण का विकास होगा। इस योजना के जरिये शिक्षा में ‘सोशल और जेंडर गैप समाप्त करने में मदद मिलेगी।

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