मुनस्यारी के उच्च हिमालय के सीमांत 14 गावों में जल्दी ही मोबाइल की घंटी बजने लगेगी,सेना और ITBP,BRO को भी मिलेगा लाभ

देहरादून/मुनस्यारी

उत्तराखंड के सीमांत गांवों में जल्द मोबाइल फोन की घंटी की आवाज सुनाई देगी। मुनस्यारी के उच्च हिमालयी गांवों में तीन जगह बीएसएनएल के टावर लगाने की स्वीकृति मिल चुकी है।

हालांकि अब तक इन क्षेत्रों में संचार का माध्यम मात्र सेटेलाइट फोन ही थे। क्षेत्रीय प्रशासन के अनुसार तीनों टावरों के लिए मई से सामग्री पहुंचने लगेगी और उसके बाद इसी साल ग्रामीणों के साथ ही सेना, आइटीबीपी के जवानों व सीमा सड़क संगठन के कार्मिकों को इसका लाभ मिलने लगेगा। विश्व प्रसिद्ध मिलम ग्लेशियर आने वाले पर्यटकों को भी दुर्गम क्षेत्र में संचार की सुविधा प्राप्त होगी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार मर्तोली, बुर्फ और रिलकोट में बीएसएनएल अपने टावर लगाएगा। जिससे 14 गांवों की लगभग 20 हजार की आबादी के मोबाइल पर सिग्नल आएंगे। चीन सीमा लगे ये भारतीय गांव अभी तक संचार सुविधा से वंचित रहे हैं। ग्रीष्मकाल में अपने मूल गांवों में लौटने वाले मुनस्यारी तहसील के इन गांवों के लोग संचार के मामले में छह माह तक देश-दुनिया से कटे रहते हैं। सुरक्षा बलों के पास सेटेलाइट फोन की सुविधा है। आपातकालीन स्थिति में ग्रामीण भी सुरक्षा बलों के सहयोग से सेटेलाइट फोन से अपने स्वजन को संदेश भेजते रहे हैं। क्षेत्रीय लोग इस बात की मांग वर्षो सेक्सक्रेट रहे हैं, अब केंद्र सरकार देश के ऐसे गांवों को वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत विकसित कर रही है और अब प्रशासन की बात पर यकीन कर लिया जाए तो इसी साल यहां के निवासियों को संचार की सुविधा मिल जाएगी।

एसडीएम धारचूला मंजीत सिंह के मुताबिक धारचूला तहसील के कुछ हिमालयी गांवों में संचार सेवा शुरू भी कर दी गई है। और अब जल्दी ही मुनस्यारी तहसील के 14 गांवों को भी सुविधा मिलने लगेगी।

पूरी तरह से कनेक्टविटी मिलने के बाद मिलम, ल्वा, मर्तोली, बुर्फ, टोला, खिलाच, रिलकोट, लास्पा, पांछू, गनघर, बिल्जू, सुम्तू, रालम आदि

गांवों को इसका फायदा होगा और खुद को दुनिया के साथ जोड़ने में इनको कामयाबी मिल जाएगी।

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