अब खुद मजदूरों के हाथो की ताकत से ही सुरंग से निकालने की तैयारी का बन रहा नया एक्शन प्लान,अगर हो गया लागू तो जल्दी ही बाहर होंगे फंसे 41 मजदूर

देहरादून/सिल्कयारा

ऑगर ड्रिलिंग में बाधा के कारण अब चलेगा मैनुअल अभियान

ऑगर ड्रिलिंग मशीन के आगे बार-बार आ रही बाधा के चलते अब मैनुअल अभियान चलाया जाएगा। मैनुअल ड्रिलिंग में समय लग सकता है। इसमें अंदर फंसे मजदूर भी खेवनहार बन सकते हैं।

हालांकि यह विचार कल से ही चल रहा है।योजनाओं पर विचार शुरू हुआ था।

लेकिन तमाम अड़चनों और जिंदगी की उम्मीदों के बीच साइंसदानों और भूगर्भवेत्ताओं ने इस बात पर विचार शुरू कर दिया था कि क्यों न फंसे मजदूरों से ही अंदर की तरफ से नौ मीटर का मलबा हटवा लिया जाए। दूसरा ऑप्शन ये है कि ऑगर मशीन की जगह मैनुअली कचरा हटवाना शुरू कर दिया जाए।

सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों से अंदर की तरफ से मलबा हटवाने की तैयारी के लिए काफी होमवर्क भी किया जा चुका है।

सुरंग के भीतर गिरे मलबे के बीच में लोहे का अवरोध आने से ऑगर मशीन लक्ष्य से नौ मीटर पहले ही रुक चुकी है हालांकि फिर भी उन अवरोधों को काटकर हटाने का काम शुरू भी किया गया परंतु साथ ही यह विचार भी सामने आया कि क्यों न सुरंग के भीतर फंसे 41 मजदूरों को ही अंदर की तरफ से नौ मीटर मलबा हटवाने के लिए राजी कर लिया जाए। अब इस प्लान पर अगर सफलता मिली तो इस प्लान से काम कर गया तो अंदर फंसे श्रमिक भी जल्दी ही बाहर आ सकेंगे। क्योंकि अंदर मजदूरों के पास वो सब औजार मौजूद हैं जो मलबा हटाने में उनकी मदद कर सकते हैं। बस यहां देखना थी होगा कि कही एक तरफ से मलबा हटे और दूसरी तरफ से आ जाए। लेकिन सुरंग लगभग 2 किलोमीटर लंबी बताई जा रही है तो इसकी संभावना कम ही है।लेकिन अगर इसमें सफलता मिल गई तो सारे फंसे मजदूर सुरंग से बाहर जल्द ही नजर आएंगे।क्युकी अब उनकी डाइट भी ठीक चल रही है। ऑक्सीजन के साथ ही ताजा खाना पानी फ्रूट और दवाई भी समय से उनको मिल जा रही है। काफी हद तक वो सब मजदूर खुद को मानसिक रूप से इस कार्य के लिए तैयार होंगे।

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