1नवम्बर को केदारनाथ में ब्राह्मण से दुर्व्यवहार के विरोध में ब्राह्मण समाज का उपवास।

देहरादून

देवभूमि उत्तराखंड राज्य के पवित्र श्री केदारनाथ धाम में राज्य के एक कैबिनेट मंत्री द्वारा ब्राह्मण समाज के तीर्थ पुरोहित पंडित संजय शुक्ला के साथ दिनांक 1 नवम्बर 2021 को दुर्व्यवहार किया। जिनसे पंडित का जनेऊ भी खंडित हुआ। इस घटना के विरोध में व देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग के साथ ब्राह्मण समाज महासंघ उत्तराखंड द्वारा गांधी पार्क देहरादून में उपवास रख विरोध प्रदर्शन किया गया।

ब्राह्मण समाज महासंघ उत्तराखंड के सांकेतिक उपवास विरोध कार्यक्रम को नेता प्रतिपक्ष उत्तराखंड प्रीतम सिंह ने भी समर्थन दिया। प्रीतम सिंह ने कहा कि सरकार जनता की संरक्षक होती है सरकार का कार्य है कि जनता का संरक्षण करें यदि सरकार की किसी योजना से जनता में असहजता है या उसमें कुछ कमी है तो जनता से बात कर उस समस्या का समाधान कर जनता के लिए उस योजना को उपयोगी बनाया जाए दबंगता से जनता का उत्पीड़न करना यह कोई कार्य करने का तरीका नहीं है यह एक दमनकारी सरकार देश पर और प्रदेश में राज कर रही है जनता को सोचना होगा कि उसने अपने संरक्षण किन लोगों को चुना है और जनता को कैसी सरकार चाहिए । क्या उन्हें ऐसी सरकार चाहिए कि जो सड़क पर उनसे मारपीट करें या उनको ऐसे लोग सरकार में चाहिए जो सदन में बैठकर उनके विकास की योजनाएं बनाएं आने वाला चुनाव इस दमनकारी सरकार को सबक सिखाने का समय है जनता जागे और सोच समझकर निर्णय लें।

महासंघ के संरक्षक लालचन्द शर्मा ने कहा की देवभूमि उत्तराखंड में बेलगाम होती अफसरशाही व नेताओ के इस तरह के कार्यो पर अंकुश लगाया जाना आवश्यक है।ब्राह्मण समाज सदैव समाज व सभ्यता संस्कृति के उत्थान के लिए कार्य करता है। देवस्थानम बोर्ड को तत्काल प्रभाव से खत्म किया जाना चाहिए।

अखिल भारतीय देवभूमि ब्राह्मण जन सेवा समिति के अध्यक्ष व ब्राह्मण समाज महासंघ के महासचिव अरुण कुमार शर्मा ने कहा की चाटुकारिता में नेता सनातन धर्म के आराध्य भगवानो की आरती दूषित कर किसी एक नेता को महिमामण्डित कर आरती को उस नेता की आरती बना देते है। कोई नेता कोरोना जैसी महामारी को सनातन धर्म के आराध्य भगवान कृष्ण से जोड़ कर बेतुका ब्यान देता है। कोई नेता ब्राह्मण समाज के प्रति अपमानजनक भाषा का उपयोग करता है। देवभूमि की सभ्यता व संस्कृति के विपरीत होते ऐसे घटनाक्रम देश दुनिया मे देवभूमि उत्तराखंड के सम्पूर्ण राज्य की आभा का विपरीत प्रभाव डाल रहे है।

1 नवंबर को केदारनाथ धाम में घटित घटना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। तीर्थ पुरोहितो से एक कैबिनेट मंत्री द्वारा हाथापाई कर पंडित/तीर्थ पुरोहित का जनेऊ खंडित कर देना इस राज्य की दूषित हो चुकी सभ्यता व संस्कृति का उद्धरण है।

मुगलो के अत्याचारों से प्राचीन सनातन सभ्यता की रक्षा करने ब्राह्मण समाज व अन्य सनातन प्रेमी हज़ारो मील दूर पहाड़ो में आकर बसे।

मुगलो ने सनातन समाज के ग्रंथों को नष्ट किया । ब्राह्मण समाज के पंडितो ने सभी ग्रंथो को कंठस्त कर भारत देश की सभ्यता संस्कृति को बचाये रखा। दुर्गम पहाड़ो में जहां सम्पूर्ण वर्ष बर्फ थी वहां देवी देवताओं की सेवा की तब सरकारे कहां थी जब गिनती के लोग चारधाम यात्रा पर आते थे आज देवभूमि को आध्यत्म राज्य बनाने की जगह पर्यटक राज्य बना सिर्फ देश दुनिया से धन लूटने का कार्य सरकारे कर रही है। जिन तीर्थ पुरोहितों की कई पीढ़ियों ने अपना सम्पूर्ण जीवन देवभूमि की सेवा में लगा दिया आज सरकार उनके वंशजो के हक पर कालीछाया डाल देवस्थानम बोर्ड जैसी योजना लगा दबंगता से उसको देवभूमि पर थोपना चाहती है।

राजनेतिक पार्टिया सत्त्ता के नशे में शायद भूल चुकी है की ब्राह्मण समाज एक सभ्य समाज की स्थापना में सदैव महत्वपूर्ण भूमिका निभाता आया है।

अन्य राज्यो की तुलना में उत्तराखंड राज्य की भगोलिक परिस्तिथी अलग है यहां वर्ष में सिर्फ कुछ माह ही यात्रा चलती है अन्य राज्यो में वर्षभर चौबीस घण्टे यात्रा होती है। उन राज्यो से देवभूमि उत्तराखंड राज्य की तुलना करना सही नही है।

देवभूमि की राजधानी देहरादून में ग्यारह कार्यरत ब्राह्मण संस्थाओ का संयुक्त मंच ब्राह्मण समाज महासंघ उत्तराखंड देवस्थानम बोर्ड व तीर्थ पुरोहितों के साथ घटी घटना की कड़ी निंदा करता है। आज सांकेतिक उपवास से सरकार को सन्देश दिया है की सरकार व राजनेतिक पार्टिया अपने मंत्रियों व नेताओ पर अंकुश लगाए। ब्राह्मण समाज का अपमान सहन नही किया जाएगा।

कार्यक्रम में पंडित सुबासचन्द सतपति,विजय जोशी, अनुराग गौड़, विपुल नोटियाल,मधुसूदन सुन्दरिताल,पंडित रामप्रसाद गौतम,पंडित थानेश्वर उपाध्यय ,शशि शर्मा,अरुण शर्मा,ललित शर्मा,राजेश शर्मा ,नागेश रतूडी,अवदेश पंत,शशि शर्मा,अमित गोदियाल,संजय शर्मा,वासु वशिष्ठ,मनोज नवानी,अवदेश पन्त,नवीन जोशी,सागरदेव ध्यानी,प्यारेलाल जगूड़ी,गंगाधारन जोएल,सुमितरंजन शर्मा,विचित्र शर्मा,रमेश मिश्रा,संजय मिश्रा,पुनीत सिंह,राजू बहुगुणा,राजीव पुंज,राजेश शर्मा,विकास,राकेश शर्मा,नीरज,उमेश कौशिक,विनय शर्मा,अवदेश शर्मा,अजय प्रताप,सोमदत्त शर्मा,अनिल गोस्वामी,प्रमोद तिवारी आदि उपस्थित रहे।

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