देहरादून
उत्तराखंड में जंगली सूअर और वनरोज को मारने के लिए सरकार ने आदेश दे दिए हैं। सरकार द्वारा फसल बर्बाद कर रहे जंगली सूअर और नवरोज को पीड़क जंतु घोषित कर इन्हें मारने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
हालांकि इनको मारने के लिए पहले परमिशन लेनी ही होगी।चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन ने आदेश जारी किए हैं,वन दरोगा से लेकर फॉरेस्ट कंजरवेटर तक को परमिशन देने हेतु अधिकृत किया गया है।
हालांकि पूर्व में एक साल के लिए यह निर्णय किया गया था जिसकी मियाद खत्म हो गयी थी। यह निर्णय केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने पूर्व में राज्य सरकारों पर छोड़ दिया था। हॉलाकी पिछले साल अवधि खत्म होने पर राज्य ने इसको बढ़ाने के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजा था।इस बीच 5 अक्टूबर को दिल्ली में हुई राष्ट्रीय वन्यजीव सलाहकार परिषद की बैठक में चर्चा के बाद राज्यों को निर्देश दिए गए ऐसे मामलों में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत खुद ही निर्णय लेते हुए समस्या का निदान करें। इसके बाद प्रदेश वन मुख्यालय ने अनुमोदन के लिए प्रशासन को भेजा वहां से क्लीयरेंस मिल गई है।
इन जन्तुओ को मारने की प्रक्रिया किस प्रकार रहेगी आइये ये भी जान लेते हैं।
चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन के अनुसार वन क्षेत्र से बाहर यदि किसी इलाके में जंगली सूअर व वनरोज यदि सक्रिय हैं तो इन्हें मारने की अनुमति के लिए विधिवत आवेदन करना ही होगा। इसमें ग्राम प्रधान की संस्तुति आवश्यक होगी अनुमति के बाद सूअर और वनरोज को केवल गैर वन भूमि में ही बंदूक या राइफल से मारा जा सकता है।और यदि कोई जानवर घायल अवस्था में वन क्षेत्र की तरफ जाता है तो उसका पीछा नहीं किया जाएगा। मारे गए जानवर के शव को वनरक्षक एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में नष्ट किया जाना है अन्यथा शिकायत पर नियमानुसार कार्यवाही होगी।