देहरादून
राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने महान विचारक व युगपुरूष पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर भावपूर्ण स्मरण करते हुए पंडित दीनदयाल उपाध्याय को भारत निर्माण को वैचारिक दिशा देने वाला पुरोधा बताया। उन्होंने कहा कि वह एक प्रखर राष्ट्रवादी और चिंतक थे। वे बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे। वे महान शिक्षाविद्, राजनीतिक, प्रखर वक्ता, लेखक एंव पत्रकार थे। उनका मानना था कि हिन्दू कोई धर्म या सम्प्रदाय नही, बल्कि भारत की संस्कृति है। उन्होंने एकात्म मानववाद से राजनीतिक और समाज से जोड़ने की बात कही। पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी राष्ट्र के सच्चे प्रहरी और राष्ट्रभक्त थे। देश की सेवा के लिए वह सदैव तत्पर रहते थे। पंडित दीनदयाल का एकात्म मानववाद और अंत्योदय का सिद्धांत आज पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक है। समग्र और समावेशी विकास के लिए उनकी दृष्टि अतुलनीय थी।
पं0 दीन दयाल उपाध्याय ने देश की अर्थव्यवस्था को समावेशी विकास से जोड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण मार्गदर्शन दिया। वह मात्र धनार्जन और उपभोग में विश्वास नही करते थे। दीनदयाल जी स्वदेशी और आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था में विश्वास करते थे, वह देश की अर्थव्यवस्था में स्वदेशी पूंजी, स्वदेशी तकनीक और श्रम का अधिक से अधिक प्रयोग करने के पक्षधर थे। राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि पंडित दीनदयाल जी के विचार आज की युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।
राज्यपाल श्रीमती मौर्य शुक्रवार को पं. दीन दयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर सायं 4 बजे दीनदयाल उपाध्याय सेवा प्रतिष्ठान द्वारा आयोजित ‘‘सेवा रत्न सम्मान समारोह’’ में शामिल होंगी। राज्यपाल द्वारा वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से कोरोना योद्धाओं को सम्मानित किया जायेगा।