देहरादून/दिल्ली
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भेंट कर वर्ष 2021 में हरिद्वार में होने वाले महाकुम्भ की तैयारी का ब्यौरा दिया। कुम्भ मेले के कुशल प्रबन्धन के लिए जनवरी 2021 से अप्रैल 2021 के मध्य चलने वाले महाकुम्भ के सफल संचालन हेतु लगभग एक हजार करोड़ रूपए से अधिक के कार्य किये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने राज्य के सीमित संसाधनों को देखते हुए केन्द्र सरकार से आर्थिक सहयोग का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2010 में हरिद्वार में आयोजित कुम्भ मेले में देश-विदेश से 8 करोड़ श्रद्धालु आए थे। 2021 में होने जा रहे कुम्भ मेले में 15 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की सम्भावना है। इतनी बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए वृहद स्तर पर स्थाई व अस्थाई सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। कुम्भ क्षेत्र का विस्तार किया जा रहा है। अवस्थापना संबंधी कार्यों जैसे सडक, विद्युत, पेयजल आपूर्ति, कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने, चिकित्सा सुविधा, स्वच्छता व कूड़ा निस्तारण, आवासीय व पार्किंग व्यवस्था व कुम्भ मेला क्षेत्र के विस्तार का काम किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री से भेंट के दौरान मुख्यमंत्री ने केदारनाथ पुनर्निर्माण के कार्यों की जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि केदारनाथ का निर्माण कार्य मिशन मोड पर किया जाए। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने प्रधानमंत्री को जानकारी दी कि बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री एवं उनके निकटवर्ती प्रमुख मंदिरों के लिए राज्य में देवस्थानम बोर्ड बनाया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सीमांत क्षेत्र के गांवों में आजीविका एवं बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना शुरू की जा रही है। इसके लिए उन्होंने केन्द्र सरकार से विशेष पैकेज दिए जाने का अनुरोध किया। प्रदेश के सीमान्त क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए राज्य सरकार हर सम्भव प्रयास कर रही है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अप्रेल 2020 में होने वाले ‘वैलनेस समिट’ के शुभारम्भ के लिए अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 305 वैलनेस सेंटर का कार्य पूर्ण हो चुका है। सभी 462 वैलनेस सेंटर मार्च 2020 तक पूर्ण कर लिये जायेंगे। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि देश का सबसे बड़ा मोटर केबल पुल डोबरा चांटी का कार्य पूर्ण हो चुका है। इस पुल के लोकार्पण के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया।
प्रधानमंत्री से भेंट के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि नमामि गंगे के तहत सीवरेज ट्रीटमेंट प्रोजक्ट एवं अन्य स्वीकृत कार्य नवम्बर 2020 तक पूर्ण हो जायेंगे। श्रम सुधार की दिशा में राज्य सरकार द्वारा अनेक प्रयास किये गये हैं। राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों पर संतोष व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रदेश में वित्तीय संसाधन बढ़ाने के लिए जीएसटी कलेक्शन की दिशा में विशेष प्रयास किये जाय। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को जानकारी दी कि उत्तराखण्ड में इंवेस्टर्स समिट 2018 के बाद अभी तक 19 हजार करोड़ रूपए के निवेश की ग्राउडिंग हो चुकी है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 300 मेगावाट की लखवाड़ विद्युत परियोजना की भारत सरकार से मंजूरी हेतु अनुरोध किया, साथ ही यमुना की अविरलता एवं प्रवाह के सम्बन्ध में भी चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने प्रधानमंत्री को बताया कि नीति आयोग द्वारा वर्ष 2019 में दी गयी गवर्नेंस इंडेक्स में उत्तराखण्ड को अच्छी रैंकिंग मिली है। कामर्स एवं इंडस्ट्री के क्षेत्र में उत्तराखण्ड को हिमालयी राज्यों में प्रथम व देश में 9 वीं रैंक मिली है, मानव संसाधन विकास में हिमालयी राज्यों में द्वितीय एवं देश में 6वीं रैंक मिली है। पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर में हिमालयी राज्यों में प्रथम एवं देश में 10वीं रैंक मिली है, ईकॉनामिक गवर्नेंस में हिमालयी राज्यों में प्रथम एवं देश में द्वितीय रैंक मिली है, जबकि नीति आयोग की समग्र रैंकिंग में उत्तराखण्ड को हिमालयी राज्यों में द्वितीय एवं देश में 10वां स्थान मिला है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री श्री मोदी को ऑल वेदर रोड एवं ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन की कार्य प्रगति की जानकारी भी दी, जिस पर प्रधानमंत्री ने संतोष व्यक्त किया।