पीएम नरेंद्र मोदी ने देश भर में कोविड-19 की रोकथाम के लिए उत्तराखंड समेत 10 राज्यों के डीएम एवं आयुक्तों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में लिया फीडबैक

देहरादून

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में कोविड-19 की रोकथाम के लिए उत्तराखंड समेत 10 राज्यों के 46 जिलाधिकारी एवं आयुक्तगणों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए फीडबैक लिया। इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सचिवालय, देहरादून से वर्चुअल जुड़ते हुए प्रतिभाग किया।

बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों से फीडबैक लिया और भविष्य में भी कोविड-19 की रोकथाम हेतु सुझाव माँगे

बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, मुख्यसचिव ओम प्रकाश, स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी व अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री एवं अधिकारी मौजूद रहे।

 

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश में संक्रमण रोकने के लिए और माइक्रो लेवल प्लान तैयार किए जाएं। प्रदेश में टेस्टिंग अधिक से अधिक बढ़ाई जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी स्तर पर जनप्रतिनिधियों के माध्यम से विधानसभा से लेकर ग्राम पंचायत स्तर तक समितियों का गठन किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा है कि नौजवानों के वैक्सीनेशन के साथ ही प्रदेशभर के दिव्यांग जनों के वैक्सीनेशन हेतु अलग से प्लान तैयार किया जाए। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में मानसून की चुनौती को देखते हुए प्रदेश के सभी अस्पताल, कोविड केअर सेंटर में विद्युत आपूर्ति एवं जरूरी सुविधाओं की अभी से तैयारी कर ली जाए, ताकी समय से परेशानियों को दूर किया जा सके।

इस दौरान जिलाधिकारी देहरादून ने राज्य सरकार द्वारा देहरादून कम्युनिटी सर्विलांस, डिसेंट्रलाइजेशन टेस्टिंग, होम आइसोलेशन किट और टेली मेडिसन जैसी व्यवस्थाओं के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अवगत कराया।

प्रधानमंत्री ने सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारियों को कहा कि कोरोना महामारी को समाप्त करने के लिए अगर आपको लगता है कि जिले में आप कुछ ऐसा कर सकते हैं कि उससे स्थिति में सुधार आएगा तो आप कीजिये मेरी पूरी छूट आपको है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में घरों पर पृथकवास की स्थिति में उपचार सम्बन्धी दिशा-निर्देशों को स्थानीय बोली-भाषा में उपलब्ध कराने को कहा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जनपदों में कोरोना की टेस्टिंग को बढ़ाते हुए संक्रमित व्यक्तियों को उपचार हेतु पृथक करें ताकि संक्रमण की चैन तोड़ते हुए अन्य व्यक्तियों को संक्रमण से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि कोविड- बिहेवियर नए तरीकों को अपनाकर कोरोना को हराना है। उन्होंने कहा कि देश के हर जिले की अलग-अलग स्थिति है कोरोना की जंग में जिलाधिकारी ही फील्ड कमांडर हैं हमारी जिम्मेदारी है कि हर व्यक्ति की जान बचाई जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना की इस दूसरी लहर से हमें एक-एक जीवन बचाना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड के साथ-साथ मानसून से होने वाली घटनाओं पर भी ध्यान देना है और कोरोना की स्थिति को भी सुधारना है, इसके लिए अनेक चुनौतियां सामने आएंगी, जिनसे हमें बेहतर प्रबन्धन से निपटना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा हौसला ना भूतो ना भविष्यति वाला होना चाहिए इन अनुभवों का हमें आगे भी चुनौतियों से निपटने में सहायता मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि वैक्सीन की बर्बादी पूरी तरीके से रोकी जा सकती है, इसके लिए एक वायल से 10 के स्थान पर 11 व्यक्तियों का टीकाकरण करने का प्रयास किया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा चुनौती बड़ी है लेकिन हौसला उससे भी बड़ा है। उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान कई अधिकारी अपने दायित्वों के सफल निर्वहन में ड्यूटी पर तैनात हैं तथा विगत माहो से अपने घर नहीं जा पाए हैं। उन्होंने जिलाधिकारियों से कहा कि संक्रमण निवारण में आपका जिला जीतेगा तो हमारा देश भी जीतेगा।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि दवा, आक्सीजन, आदि अन्य सामग्री की कालाबाजारी करने वालो पर सख्त कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। उन्होंने जनपदों में बनाए गए कोविड चिकित्सालयों खाली बैड, आक्सीजन बैड, वेंटिलेटर, आईसीयू, कहां खाली हैं, इसका पूर्ण विवरण की जानकारी जनमानस तक सही-सही पंहुचाई जाए। अन्त में उन्होंने कहा कि होम आयशोलेशन के दौरान संक्रमित व्यक्ति को आप द्वारा दवा आदि पंहुचाने पर उसका आत्मविश्वास बढता है और उसे लगता है कि उनके स्वास्थ्य के प्रति प्रशासन मुस्तैद है। उन्होंने कहा कि भारत कोरोना की इस लड़ाई में आगे बढ रहा है तथा पूरे विश्वास एवं संकल्प के साथ हमें एक-एक गांव को कोरोना से बचाना है।

प्रधानमंत्री से संवाद करते हुए जिलाधिकारी डाॅ आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि जनपद मैदानी एवं पर्वतीय श्रेणी में है इसलिए यहां पर दो तरह से प्रबन्धन कार्य चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में सैम्पलिंग बढाने के साथ ही आयशोलेशन किट का वितरण किया जा रहा है। साथ ही अब आयूष किट, जिसमें काढा, अश्वगंधा, गिलोई शामिल है, का वितरण भी किया जाएगा। इस पर प्रधानमंत्री ने आयूष 64 टेबलेट भी सम्मिलित करवाने को कहा।

जिलाधिकारी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड-19 नियंत्रण हेतु ग्राम प्रधानों के साथ समिति बनाई गई है, जिस ग्राम सर्दी, जुखाम, बुखार के लक्षण वाले व्यक्तियों की सैम्पलिंग कराने व होम आयशोलेशन किट वितरण कराने, शादी-विवाह एवं बाहर से आने वालों के लिए क्वारनेंटीन जैसी व्यवस्थाओं के साथ ही साफ-सफाई एवं सेनिटाइजेशन कार्य निरन्तर चलाया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि कोविड संक्रमण के प्रभावी नियंत्रण हेतु विभिन्न व्यवस्थाओं के लिए नोडल अधिकारियों तैनात किए गए हैं, जिनसे सांय 5 बजे प्रतिदिन की गतिविधियों की जानकारी के साथ ही अगले दिन की कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा की जाती है। उन्होंने बताया कि जनपद के दूरस्थ क्षेत्रों त्यूनी, चकराता, साहिया के अलावा रायपुर एवं डोईवाला विकासखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिकता के आधार पर आईवरमैक्टिन दवा का वितरण आंगबाड़ी कार्यकर्तियों के माध्यम से किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कोविड संक्रमण सम्बन्धी विभिन्न जानकारियों के संकलन हेतु स्मार्टसिटी के माध्यम से आईटीडीए में जिला स्तरीय कमाण्ड कन्ट्रोल सेन्टर बनाया गया है, जहां से लोगों की समस्याओं का निदान तथा आवश्यक जानकारियों उपलब्ध कराई जा रही हैं। अन्त में जिलाधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री से वार्ता करने से उत्तराखण्ड गौरवान्वित महसूस कर रहा है, इसके फलस्वरूप अब राज्य तथा जनपद में कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम हेतु और अधिक सामथ्र्य के साथ कार्य करने का बल मिलेगा।

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