राजधानी से लेकर हरिद्वार,पौड़ी,रुड़की तक पड़े छापे,नहीं मिले नकली रेमिडीसीवीर इंजेक्शन,दूंन की श्रीराम मेडिकोज बन्द

देहरादून

उत्तराखण्ड के पौड़ी जिले के कोटद्वार में कथित दिल्ली क्राइम ब्रांच द्वारा पकड़ी गई नकली रेमिडीसीवीर इंजेक्शन की फैक्ट्री के भंडाफोड़ होने के बाद ड्रग विभाग हरकत में दिखाई दिया।विभाग द्वारा देहरादून से लेकर हरिद्वार, रुड़की व कोटद्वार में ताबड़तोड़ छापेमारी की कार्रवाई की । लेकिन छापेमारी में कहीं कुछ नही मिला। हालांकि देहरादून में दून मेडिकल कॉलेज/अस्पताल के पास एक केमिस्ट की दुकान मे काफी खामियां मिली तो इसे अग्रिम आदेशों के लिए बंद करा दिया गया।
स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी व आयुक्त के निर्देशानुसार ड्रग विभाग ने पहली बार रेमिडीसीवीर की कालाबाजारी रोकने से लेकर, नकली इंजेक्शन की जांच तक ठोस कार्रवाई पर अमल किया ।

कोटद्वार में रेमिडीसीवीर की नकली फैक्ट्री की बात सामने आने पर शासन ने ड्रग डिपार्टमेंट को तत्काल एक्शन के निर्देश जारी कर ढिये थे।

जिससे ड्रग्स डिपार्टमेंट हरकत में आया और इसी कड़ी में एफडीए के सहायक औषधि नियंत्रक एसएस भंडारी व विजिलेंस अधिकारियों के नेतृत्व में देहरादून से लेकर हरिद्वार,कोटद्वार तक कार्रवाई हुई।

सूचना के मुताबिक देहरादून में सभी अधिकृत रेमिडीसीवीर विक्रेताओं एवं अन्य का औचक निरीक्षण किया गया। सुरेंद्र सिंह भंडारी ने बताया कि सभी रेमिडीसीवीर विक्रेताओं के रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं। इस दौरान देखा गया कि पिछले चार माह में कौन कौन सी कंपनियों के रेमिडीसीवीर इंजेक्शन बेचे गए। हालांकि नकली इंजेक्शन कहीं भी नही मिले। जबकि एक टीम को दून अस्पताल के नजदीक श्री राम मेडिकोज में अनियमितता मिली तो इसे अग्रिम आदेशों तक बंद करा दिया गया।

जबकि रुचि, साई मेडिकोज समेत एक दर्जन से ज्यादा दुकानों की जांच शहर में अलग अलग टीमो द्वारा की गयी। भंडारी ने बताया कि सभी दुकानों के बाहर नकली रेमिडीसीवीर की फ़ोटो भी चस्पा कराई गयी है ताकि लोगों को सही गलत का पता चल सके।
सभी जगहों पर दुकानदारों को ताकीद किया गया है कि कोविड में प्रयुक्त होने वाली दवाओं की कालाबाजारी न करें नहीं तो सीधे ड्रग एक्ट में मुकदमा किया जाएगा।

वहीं दूसरी ओर जिलाधिकारी डाॅ आशीष कुमार श्रीवास्तव द्वारा दिए गए निर्देशों के अुनपालन में उप जिलाधिकारी मसूरी प जिलाधिकारी सदर द्वारा अवस्थित मेडिकल स्टोर की दुकानों पर छापेमारी की गई।जिसमें कोविड-19 के उपचार में प्रयुक्त हो रही दवाइयों, रेमडेसिविर, थर्मामीटर, आक्सीमीटर आदि के स्टाॅक की जानकारी प्राप्त की गयी। निरीक्षण के दौरान उन्होनें मेडिकल स्टोर संचालकों को स्पष्ट निर्देश दिए कि कालाबाजारी करने वालो के विरूद्ध आपदा प्रबन्धन अधिनियम के तहत विधिक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

 

तहसील सदर में निरीक्षण के दौरान ड्रग इंस्पैक्टर नीरज पंवार, तहसीलदार दयाराम शामिल रहे। इसके अलावा ऋषिकेश में उप जिलाधिकारी ऋषिकेश द्वारा विभिन्न खाद्य सामग्री की दुकानों का औचक निरीक्षण किया गया साथ ही उप जिलाधिकरी डोईवाला द्वारा जौलीग्रान्ट में परिवहन विभाग के साथ एम्बुलेंस के रेट के सम्बन्धी निरीक्षण किया गया।
जिलाधिकारी के निर्देशों के अुनपालन में अपर जिलाधिकारी प्रोटोकाॅल गिरीश गुणवंत एवं डॉक्टर राजीव दीक्षित द्वारा अरिहंत कोविड हॉस्पिटल का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में हॉस्पिटल में भर्ती कोविड मरीजों के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की गयी तथा मरीजों को आवश्यकतानुसार आक्सीजन की आपूर्ति के सम्बंध में जानकारी प्राप्त कर अस्पताल प्रबंधन को कड़े दिशा निर्देश दिए गए। बताया गया कि आक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति लगातार सुनिश्चित की जाए। अस्पताल प्रबंधन द्वारा ऑक्सिजन की आपूर्ति हेतु नया संयंत्र भी लगाया जा रहा है तथा 2 टैंक भी उपलब्ध कराए गए हैं। अस्पताल में 51 मरीजों का उपचार किया जा रहा है । अपर जिलाधिकारी प्रोटोकाॅल ने बताया कि कि अब लगातार चिकित्सालयों में निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया जाएगा ।

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