देहरादून
प65 वर्षीय शिक्षाविद रविनारंग हमारे बीच नही रहे।
जानकारी के अनुसार सोमवार दोपहर खाना खाने के बाद वे अपने रूम में गए,परन्तु काफी देर तक बाहर नही आये। इनको किसी के साथ शहर से बाहर जाने का प्लान करना था। लगभग 3 से 4 बजे के बीच कर्मचारियों ने भीतर जाकर देखा तो ये अंकोंशियस दिखे,तूरन्त ही निजी अस्पताल के फैमिली डॉक्टर को बुलाया गया। चिकित्सक की सलाह पर इनको फोर्टिस ले जाया गया। वहां डॉक्टर ने इनकी म्रत्यु की घोषणा की।फिलहाल इनको इनके कर्जन रोड डालनवाला स्थित स्कूल के आवास पर रखा गया है।इनकी दूसरी बहन के विदेश से आ जाने के बाद ही इनकी अंतिम यात्रा परसों तय की जाएगी।
शिक्षाविद रवि नारंग ब्राइटलैंड पब्लिक स्कूल के मालिक थे। 1958 में इस स्कूल को पहले इनकी माँ प्राइमरी स्कूल के रूप में चलाती थीं उनके पश्चात इंहोने उनकी विरासत को आगे बढाया ओर स्कूल को बढ़ाते चले गए।आज ICSC, ISC स्कूलो के रिजल्ट में टॉप पर इसके बच्चे आते ही हैं। जिसकी वजह से आज ब्राइटलैंड स्कूल उत्तराखण्ड क्या पूरे देश दुनिया मे जाना माना नाम है। खुद रवि नारंग ने शिक्षा के क्षेत्र में अपना अलग मुकाम बनाया है। उनकी खासियत थी कि वे बहुत कम लोगो से मिलते थे मगर जिससे भी मिलते थे उसको अपना मुरीद बना लेते थे।उनका स्कूल में काम करने का अंदाज ही अलग था। ऐसे ही उन्होंने अपना जीने का अंदाज भी दुनिया से अलग ही रखा। जीवन पर्यन्त ये अकेले ही रहे।दो बहनों के अकेले भाई रवि नारंग की एक बहन विदेश में ओर एक देहरादुन में हैं। IAS,IPS,IFS हो या बड़े से बड़े राजनीतिज्ञ सभी अपने बच्चो को लेकर इनके स्कूल में एडमिशन के लिए लालायित रहते थे। इनके शिक्षा के प्रति जबरदस्त लगाव ने स्कूल को शिक्षा नगरी कहे जाने वाले देहरादून में भी अलग पहचान दिलवाई।