देहरादून/नई दिल्ली
उत्तराखंड को एक बार फिर दो बहनों ने गौरवशाली क्षण दिलाया है।
उत्तराखंड की तीन महिलाओं को फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। राष्ट्रपति भवन में आयोजित इस् कार्यक्रम में 30 स्वास्थ्य सहयोगीयों को स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपनी विशेष सेवा की लिए इस प्रतितिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
सैन्य नर्सिंग सेवा (एमएनएस) की अपर महानिदेशक (एडीजी) मेजर जनरल स्मिता देवरानी (2022)और दक्षिणी कमान मुख्यालय ब्रिगेडियर एमएनएस अमिता देवरानी(2023) को फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। वह पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर विधानसभा के द्वारीखाल ब्लाक डाडामंडी क्षेत्र की डुंडेख गांव की रहने वाली हैैं। इनके साथ ही जवाहरलाल नेहरू जिला अस्पताल रुद्रपुर की नर्सिंग अधीक्षक मंजू केडा भी शामिल हैं।
जानकारी के अनुसार शंभूप्रसाद देवरानी की तीन संतानों में सबसे बड़ी स्मिता ने सेना में 1983 में कमीशन हासिल किया।
एक अक्टूबर, 2021 को एडीजी एमएनएस का कार्यभार संभालने से पूर्व, वह आर्मी हास्पिटल (रिसर्च एंड रेफरल) की प्रिंसिपल मैट्रन, ब्रिगेडियर एमएनएस मध्य कमान मुख्यालय, प्रिंसिपल मैट्रन कमांड हास्पिटल (दक्षिणी कमांड) और निदेशक एमएनएस (प्रशासन) जैसे विभिन्न प्रमुख पदों पर रह चुकी हैं। वर्तमान में वह दिल्ली में तैनात हैं। उनकी छोटी बहन अमिता देवरानी ब्रिगेडियर हैं, जो वर्तमान में पुणे में कार्यरत हैं।
ब्रिगेडियर अमिता 1986 में कमीशन हुई थीं। वह पुणे के सशस्त्र बल मेडिकल कालेज में कालेज आफ नर्सिंग की प्रिंसिपल, आर्मी हास्पिटल (रिसर्च एंड रेफरल) कालेज आफ नर्सिंग और इंडियन नेवल हास्पिटल शिप (आइएनएचएस) अश्विनी के कालेज आफ नर्सिंग की वाइस प्रिंसिपल रह चुकी हैैं।
जबकि सबसे छोटी बेटी नबिता दून के एक प्रतिष्ठित स्कूल में प्रधानाचार्य हैं।
बताते हैं कि स्मिता समेत तीनों बेटियां बचपन से ही मेधावी थीं। दिल्ली में ही उनकी शिक्षा-दीक्षा ओर परवरिश हुई।
वहीं जवाहरलाल नेहरू जिला अस्पताल रुद्रपुर की नर्सिंग अधीक्षक मंजू केडा भी शामिल हैं।मंजू केड़ा ने कोरोना काल के दौरान मरीजों की सेवा के लिए पुरुस्कार दिया गया है।