देहरादून
गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा, आढ़त बाजार, देहरादून के तत्वावधान में साका ननकाना साहिब, शताब्दी समागम कथा – कीर्तन के रूप में श्रद्धा पूर्वक मनाया गया।
गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा, आढ़त बाजार में प्रात: नितनेम के पश्चात भाई सतवन्त सिंह ने शब्द ” सुरे सेई आगे आखियह , दरगह पावह साची मानो ” भाई चरणजीत सिंह ने शब्द “हमरी जात पात गुर सतगुर, हम बेचियो सिर गुर के ” एवं भाई मनजीत सिंह जी देहरादून वालों ने शब्द ” जिओ पिंड़ सब तिस का सभसै देइ आधार “का गायन कर संगत को निहाल किया।
हैड ग्रंथी भाई शमशेर सिंह जी ने साका ननकाना साहिब की जानकारी देते हुए कहा कि महंत नरेन दास ने गुरु घरों को अपनी ऐश परस्ती के लिये इस्तेमाल किया, गुरु मर्यादा को छोड़ कर ब्राह्मणी रीति रिवाजो के अनुसार मूर्तियों कि स्थापना कर के पूजा करवानी शुरू कर दी, महंत एवं उसके गुंडों ने संगत के साथ दुर्व्यवहार तथा गंदी हरकतें करनी शुरू कर दी, आखिर में भाई लक्ष्मण सिंह धारोवाल, स. टहिल सिंह, आदि गुरुसिखों के पाठ करते हुए जत्थे पर गोलियां चलाईयां, कइयों को तेल डाल कर जलाया गया, भाई लक्ष्मण सिंह को पेड़ के साथ बाँध कर आग लगा कर शहीद किया गया, शहीदों के कारण गुरद्वारे आज़ाद हो गये और सरदार करतार सिंह झब्बर ने संगत के सहयोग से कब्जा कर लिया। एवंम आज के दिन ही गुरुद्वारा गंग सर जैतो के मोर्चे में 20 सिंघों ने शहादत प्राप्त की।
मंच का संचालन महासचिव गुलज़ार सिंह एवं सेवा सिंह मठारू ने किया। कार्यक्रम के पश्चात संगत ने गुरु का लंगर छका।
इस अवसर पर प्रधान गुरबख्श सिंह राजन, जनरल सेक्रेटरी गुलज़ार सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगमिंदर सिंह छाबड़ा, उपाध्यक्ष चरणजीत सिंह, सचिव अमरजीत सिंह छाबड़ा, मनजीत सिंह, सतनाम सिंह अरविंदर सिंह, रजिंदर सिंह राजा, डी एस कलेर, हरदेव सिंह , गुरप्रीत सिंह जोली , विजय पाल सिंह आदि उपस्थित थे।