जौलीग्रांट के हवाई अड्डे को अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने हेतु विस्तार प्रक्रिया के दौरान थानो के रिजर्व वन क्षेत्र से लगभग 10 हजार पेड़ काटे जाएंगे ।यह तय है कि उत्तराखंड सरकार यहां अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने जा रही है। राज्य में पूर्व से ही गौचर, पिथौरागढ़, पंतनगर के अलावा चिन्यालीसौड़ में हवाई पट्टियां हैं, इनमें से पिथौरागढ़ की हवाई पट्टी को मध्यम आकार के विमानों के लिए सही नहीं माना गया क्योंकि वहां कुछ तकनीकी खामियां बताई गई थी।
थानो वन क्षेत्र को साफकरके हवाई अड्डे का विस्तार करना चाहती है। इसके लिए पहले ही अनापत्ति मिल चुकी है। लगभग 217 एकड़ की वन भूमि जिस पर 10 हजार से अधिक हरे वृक्ष हैं, उस भूमि का अधिग्रहण किया जाना प्रस्तावित है।
देहरादून में पर्यावरण पर काम करने वाले युवाओं के सामाजिक संगठन मैड MAD (making a difference) के प्रमुख करण कपूर ने बताया कि जब मेड के
पदाधिकारी इस विषय पर राज्य के वन विभाग के प्रमुख वन संरक्षक को जब ज्ञापन देने गए तो उन्होंने बताया कि इस हवाई पट्टी का विस्तार पर्यटन के विकास के लिए किया जा रहा है।
आगाज फेडरेशन के जे.पी. मैठाणी सवाल पूछते है कि थानों के इस जंगल में सॉल, सागौन, बेलपत्र, अर्जून, पापड़ी, पीपल और बरगद के भी कुछ पेड़ हैं। यही नहीं इस जंगल में हाथी ,बाघ, चीतल, सांप, कई प्रकार चिड़िया और तितलियां दिखाई देती हैं, ऐसे में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट के अलावा वाडिया इंस्टीट्यूट ने क्या अध्ययन किया है, इसको आम जनमानस के समुख नहीं रखा गया है।
सिटीजन फॉर ग्रीन जोन के हिमांशु आहूजा ने कहा कि दून घाटी में बड़े पैमाने पर पेड़ों को काटने से इस घाटी के पूरे इको सिस्टम पर बुरा प्रभाव पड़ेगा. हम पूर्व में ही ऑल वेदर/चारधाम रोड की वजह से हिमालय के इस क्षेत्र में काफी नुकसान कर चुके हैं।आइडियल के आयुषमान कहते हैं कि यह सरकार का जनविरोधी निर्णय है और इसके लिए अगर व्यापक जनआंदोलन भी करना पड़े तो किया जाएगा।
बीटीडीटी ग्रुप के लोकेश ओहरी ने आरोप लगाया कि बिना पर्यावरणीय अध्ययन के थानो जंगल को काटा जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
दूनघाटी के अधिकतर पर्यावरणीय समूहों से जुड़े विशेषकर युवाओं ने आज जौलीग्रांट एयर पोर्ट के प्रकाश पंत मार्ग पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। यहां हजारों पर्यावरण प्रेमी रैली में शामिल थे जो हाथों में थानो बचाओ, पर्यावरण बचाओ. सेव थानो, सेव दून आदि तख्तियां लिए थे। हजारों की संख्या में युवाओं ने थानों रेंज के उस संभावित क्षेत्र के पेड़ों पर रक्षा सूत्र बांधे और पर्यावरण संरक्षण का संकल्प भी लिया।
यूथ फॉर क्लाइमेट चेंज के अलावा दृष्टिकोण समिति, मिट्टी फाउंडेशन, स्टूडेंट फेडरेशन आफ इंडिया और तारा फाउंडेशन के अलावा 20 से अधिक सामाजिक संगठनों ने एयरपोर्ट के बाहर झांकी और रैली निकाली और सोशल मीडिया पर लोगों ने थानो के जंगल बचाओ अभियान से जुड़ने की अपील की।