सूचना,शिक्षा के अधिकार,नवोदय विद्यालय,सँचार क्रांति,18 वर्ष में वोट जैसी उपलब्धियों को लेकर श्रेय भारत रत्न राजीव गांधी को ही जाता है..गणेश गोदियाल

देहरादून

उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आह्रवान पर आधुनिक भारत के निर्माता, भारत रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के जन्म दिवस के अवसर पर आज कांग्रेसजनों ने प्रदेश भर में जिला, ब्लाक एवं नगर मुख्यालयों पर स्व.राजीव गांधी का जन्म दिन मनाते हुए स्व. राजीव गांधी के राष्ट्र निर्माण में योगदान, युवाओं के लिए उनकी दृष्टि, पंचायतीराज की मजबूती, संविधान के 73वें एवं 74वें संशोधन एवं सूचना-प्रौद्योगिकी क्षेत्र में क्रान्ति के लिए किये गये राजीव के प्रयास विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया।

कांग्रेस कमेटी कार्यालय, राजीव भवन में प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल एवं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में श्रद्धांजलि सभा एवं स्व..राजीव गांधी के राष्ट्र निर्माण में योगदान, युवाओं के लिए उनकी दृष्टि, पंचायतीराज की मजबूती, संविधान के 73वें एवं 74वें संशोधन, सूचना-प्रौद्योगिकी क्षेत्र में क्रान्ति व उत्तर पूर्वी प्रान्तों में शान्ति के लिए किये गये प्रयास विषय पर गोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम से पूर्व कांग्रेसजनों ने प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के नेतृत्व में स्व. राजीव गांधी की मूर्ति पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित करते हुए राजीव गांधी अमर रहे, जबतक सूरज चांद रहेगा राजीव तेरा नाम रहेगा आदि नारे लगाकर अपने प्रिय नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की।

इससे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने तहसील चोक स्थित राजीव गांधी काम्प्लेक्स में राजीव की मूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किये।

गोष्ठी में संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि स्व. राजीव गांधी ने भारत को 21वीं सदी में ले जाने का जो सपना देखा था वह साकार हो गया है। राजीव को आधुनिक भारत का निर्माता बताते हुए उन्होंने कहा कि पंचायतीराज से जुड़ी संस्थाओं की मजबूती के लिए स्व.राजीव गांधी ने देश में पंचायतीराज व्यवस्था को सशक्त किया. जिससे सत्ता के विकेंद्रीकरण और पंचायती राज व्यवस्था को सबलता मिली तथा पंचात स्तर तक लोकतंत्र पहुंचा। उनके कार्यकाल में पंचायतीराज व्यवस्था का पूरा प्रस्ताव तैयार हुआ जिसे 1992 में 73वें और 74वें संविधान संशोधन के जरिए लागू किया गया। स्व. राजीव गांधी के प्रधानमंत्रित्व काल में कांग्रेस सरकार की ओर से तैयार 64 वें संविधान संशोधन विधेयक के आधार पर 73वां संविधान संशोधन विधेयक पारित कराया. 24 अप्रैल 1993 से पूरे देश में पंचायती राज व्यवस्था लागू हुई. जिससे सभी राज्यों को पंचायतों के चुनाव कराने को मजबूर होना पड़ा. पंचायतीराज व्यवस्था का मकसद सत्ता का विकेंद्रीकरण रहा।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने स्व. राजीव गांधी को भारत में दूरसंचार क्रांति का जनक बताते हुए कहा कि स्व. राजीव गांधी की पहल पर अगस्त 1984 में भारतीय दूरसंचार नेटवर्क की स्थापना के लिए सेंटर फॉर डिवेलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स की स्थापना हुई। इस पहल से शहर से लेकर गांवों तक दूरसंचार का जाल बिछना शुरू हुआ।जगह-जगह पीसीओ खुलने लगे. जिससे गांव और शहर संचार के मामले में आपस में और देश-दुनिया से जुड़ सके। फिर 1986 में स्व. राजीव गांधी की पहल से ही एमटीएनएल की स्थापना हुई, जिससे दूरसंचार क्षेत्र में और प्रगति हुई। स्व. राजीव गांधी ने संविधान में संशोधन कर पंचायतों को अधिकार सम्पन्न बनाने व युवाओं को मतदान का अधिकार देकर देश की मुख्य धारा से जोड़ने तथा भारत के लोकतंत्र को मजबूत बनाने की पहल की थी। उन्होंने कहा कि पहले देश में वोट देने की उम्र सीमा 21 वर्ष थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व.राजीव गांधी ने 18 वर्ष की उम्र के युवाओं को मताधिकार देने का कदम उठाया। 1989 में संविधान के 61वें संशोधन के जरिए वोट देने की उम्र सीमा 21 से घटाकर 18 वर्ष कर दी गई। इससे 18 वर्ष के करोड़ों युवाओं को अपने सांसद, विधायक से लेकर अन्य निकायों के जनप्रतिनिधि चुनने का अवसर मिला। स्व.राजीव ने देश को शक्तिशाली व सम्पन्न राष्ट्रों की श्रेणी में खड़ा करते हुए भारत की एकता व अखण्डता के लिए अपने प्राणों का बलिदान तक कर दिया।

उपनेता प्रतिपक्ष करण महरा ने कहा कि गांवों के गरीब परिवार के बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षा दिलाने के मकसद के साथ स्व.राजीव गांधी ने जवाहर नवोदय विद्यालयों की शुरुआत की। इन आवासीय विद्यालयों की प्रवेश परीक्षा में सफल होने वाले मेधावी बच्चों को यहां प्रवेश मिलता है। बच्चों को छह से 12 वीं तक की मुफ्त शिक्षा और हॉस्टल में रहने की सुविधा मिलती है। तथा वर्तमान समय में देश में खुले 551 नवोदय विद्यालयों में लाखों छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। स्व. राजीव गांधी ने शिक्षा क्षेत्र में भी अहम कदम उठाए। उनकी सरकार ने 1986 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति की घोषणा की. इसके तहत पूरे देश में उच्च शिक्षा व्यवस्था का आधुनिकीकरण और विस्तार करने की कोशिशें हुईं। उन्होने कहा कि उनके द्वारा उठाये गये कदमों से आज भारतीय महिलाएं देश के विकास में अपनी सहभागिता निभा रही हैं उन्होंने देश को शक्तिशाली व सम्पन्न राष्ट्रों की श्रेणी में खड़ा करते हुए भारत की एकता व अखण्डता के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया था। उन्होंने कहा कि हम सब को मिलकर एक षक्तिषाली भारत के निर्माण के उनके सपने को साकार करने के लिए अपनी सहभागिता निभानी है यही उन्हें हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

गोष्ठी में पूर्व मंत्री दिनेश अग्रवाल, शूरवीर सिह सजवाण, प्रदेश उपाध्यक्ष पृथ्वीपाल सिंह चोहान, जोत सिंह बिष्ट, सूर्यकान्त धस्माना, वरिष्ठ प्रवक्ता मथुरादत्त जोशी, डाॅ0 अर.पी. रतूडी, राजकुमार, महामंत्री राजेन्द्र शाह, गोदावरी थापली, ताहिर अली, महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा, जिलाध्यक्ष संजय किशोर, गौरव चोधरी, मीडिया प्रभारी राजीव महर्षि, प्रवक्ता गरिमा दसौनी, डाॅ० प्रतिमा सिंह, महेन्द्र चोधरी, प्रभुलाल बहुगुणा, डाॅ0 प्रदीप जोशी, जयेन्द्र रमोला, सुनित सिंह राठौर, नीनू सहगल, कै0 बलवीर सिंह, मेज. हरिसिह चैधरी, अशोक वर्मा, राजेश शर्मा, सुशील राठी, सूरत सिंह नेगी, प्रणीता बड़ोनी, अमरजीत सिह, विशाल मौर्य, दीप बोहरा, सुजाता पाॅल, आशा टम्टा, पुष्पा पंवार, चन्द्रकला नेगी, आशा टम्टा, धर्म सिंह पंवार, अर्जुन सोनकर, जगदीश धीमान, उर्मिला थापा, सुलेमान अली, पूरण सिंह रावत, विरेन्द्र बिष्ट, देवेन्द्र सती, विकास नेगी, सूरत सिंह नेगी, नागेश रतूड़ी, डाॅ0 विजेन्द्र पाल, शोभाराम, कमलेश रमन, सावित्री थापा, अनिता नेगी, संजय कुमार कद्दू, सुमित्रा ध्यानी, कोमल बोहरा, दिनेश कौशल, मदन लाल, मीना रावत, अनिल नेगी, विकास चैहान, डा. इकबाल, अरूणा कुमार आदि अनेक कांग्रेसजन शामिल थे।

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