फूलों की घाटी(Valley of Flower) के गेट खुले,पर्यटक पहुँचने हुए शुरू

देहरादून/चमोली

विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी आज से पर्यटकों के लिए खुल चुकी है। उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित फूलों की घाटी को विश्व धरोहर (world heritage) का दर्जा प्राप्त है. हर साल बड़ी संख्या में देश-विदेश से पर्यटक फूलों की घाटी का दीदार करने आते हैं. फूलों की घाटी में 600 से ज्यादा प्रजातियों के फूल खिलते हैं. फूलों की कुछ प्रजातियां तो ऐसी हैं, जो सिर्फ यहीं आपको देखने को मिलती हैं. 31 अक्टूबर तक सैलानी फूलों की घाटी का दीदार कर सकते हैं. इस साल 31 अक्टूबर को फूलों की घाटी के गेट बंद किए जाएंगे.

फूलों की घाटी समुद्र तल से करीब 12,500 फीट की ऊंचाई पर है. फूलों की घाटी की खासियत ये है कि यहां पर हर 15 दिनों में अलग-अलग प्रजाति के फूल खिलते हैं, जिससे घाटी का रंग भी बदल जाता है. फूलों की घाटी नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के अंतर्गत आती है. बता दें कि 17 जुलाई 2005 को यूनेस्को ने फूलों की घाटी को विश्व धरोहर (वर्ल्ड हेरिजेट) घोषित किया था.

पढ़ें-विश्व धरोहर ‘फूलों की घाटी’ में खिले रंग बिरंगे फूल, अब तक इतने सैलानी कर चुके दीदारफूलों की घाटी का सबसे सुंदर नजारा अगस्त से लेकर सितंबर माह के बीच देखने को मिलता है. फूलों की घाटी करीब 87 वर्ग किमी क्षेत्र में फैली हुई है. यहां पर्यटकों को फूलों और वनस्पतियों की अलग-अलग प्रजातियों के साथ कई वन्यजीव भी देखने को मिलते हैं.कैसे पहुंचें फूलों की घाटी:यदि आप भी फूलों की घाटी का दीदार करना चाहते हैं तो सबसे पहले आप एक बात जान लें कि आप को पैदल ट्रेक करना होगा. कोई भी वाहन फूलों की घाटी तक नहीं जाता. यदि आप फ्लाइट से फूलों की घाटी जाना चाहते हैं तो इसके लिए सबसे पास का एयरपोर्ट देहरादून का जौलीग्रांट एयरपोर्ट है. यहां से टैक्सी करके सीधे चमोली जिले में स्थित गोविंद घाट पहुंच सकते हैं, जो देहरादून एयरपोर्ट से करीब 300 किमी दूर है. ये पूरा रास्ता पहाड़ी है. गोविंद घाट से ही आपको पैदल घांघरिया जाना होगा. यहां आपका फूलों की घाटी के लिए पास बनेगा. गोविंद घाट से फूलों की घाटी जाने के लिए आपको करीब 19 किमी का ट्रैक करना होगा।

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