फिर गरमाया दून नगर निगम की 7 महीने बाद बोर्ड बैठक में मलिन बस्तियों के नियमतिकरण का मामला – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

फिर गरमाया दून नगर निगम की 7 महीने बाद बोर्ड बैठक में मलिन बस्तियों के नियमतिकरण का मामला

देहरादून

नगर निगम देहरादून की 7 महीने बाद हुई बोर्ड बैठक में मलिन बस्तियों के नियमतिकरण का मामला गर्माया।

बैठक में मौजूद मलिन बस्ती मामले में जानकारी देते हुए विधायक खजान दास ने बताया कि सरकार की कोशिश है कि मलिन बस्तियों से कोई छेड़छाड़ न की जाए।उन्होंने कहा कि एक दिन इनको नियमित किया जाएगा। इस मामले में कहा कि 2018 में हाई कोर्ट ने बस्तियों को हटाने के आदेश दिए थे जिसके बाद न हटाने के लिए 3 साल के लिए ऑर्डनेन्स लाया गया।जो अब खत्म हो रहा है परंतु हम दोबारा 3 साल के लिए पुनः अध्यादेश लायेंगे। जिसके लिए अगली केबिनेट मीटिंग में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी जाएगी।

बोर्ड बैठक में मेयर सुनील उनियाल गामा ने अगले वर्ष निगम क्षेत्र में विभिन्न कार्यों पर ₹40 करोड़ खर्च करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि 100 वार्डों में सड़क नाली खड़ंजा आदि के साथ सफाई व्यवस्था के लिए ये राशि मंजूर की गई है। उन्होंने बताया कि फर्स्ट फेज में सभी वार्डों में 40-40 लाख रुपये के काम किए जाएंगे। 20 लाख पार्षदों की ओर से दिए गए प्रस्ताव पर खर्च होंगे और बाकी 20 लाख मेयर की मंजूरी पर।

नगर आयुक्त ने बोर्ड बैठक में जानकारी देते हुए बताया कि हर वार्ड में पार्षद की देखरेख में स्वच्छता सेना बनाई जाएगी जिसमें क्षेत्र के सक्रिय लोग शामिल होंगे जिनको गंदगी मिलने पर चालान करने का अधिकार होगा। लेकिन चालान में छूट का अधिकार सिर्फ मेयर के पास रहेगा। वही बताया गया कि अब पार्षदों को जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए लाइन में नहीं लगना होगा पार्षदों के लिए शाम 4 बजे से प्रमाण पत्र बनाने की व्यवस्था की जाएगी और पार्षदों को हाथों-हाथ प्रमाण पत्र मिल पाएंगे।

एक प्रस्ताव में ब्रह्मपुरी में बने नगर निगम के 56 फ्लैट को लेकर उन्होंने कहा कि पूरी प्रक्रिया हो चुकी फ्लैट का आवंटन हो चुका जो लॉटरी सिस्टम के माध्यम से किया गया था। परन्तु कब्जा आज तक नही दिया गया जिसको लेकर लोगों में रोष है । नगर निगम में कार्य कर रहे उपनल से आए कर्मचारियों की नियुक्ति रद्द कर उन्हें कंपनी के द्वारा तनख्वाह दी जा रही है इसको भी उठाया गया जिसमे सरकार द्वारा शासनादेश हो चुका है,25 लोगों में से काफी लोगों ने नौकरी छोड़ दी थी। कंपनी के माध्यम से जिनको तनख्वाह दी जा रही है। उन लोगों की नियुक्ति वापस उपनल के माध्यम से की जानी चाहिए। इस विषय पर भी बोर्ड ने सहमति दी और तुरंत उस पर कार्रवाई करने के लिए सहमति प्रदान कर दी।

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