देहरादून
स्वस्थ मन व स्वस्थ तन से ही स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण संभव है, इसके लिये युवाओं को नशे की प्रवृत्ति सहित तमाम समाजिक बुराईयों से दूर रहकर अपने जीवन को सार्थक बनाना होगा। जिसके लिये स्वामी विवेकानंद के विचारों को आत्मसात करने की आवश्यकता है तभी युवा पीढ़ी स्वयं के विकास के साथ ही राष्ट्र के निर्माण में भी अहम भूमिका निभा सकती है।
यह बात सूबे के स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं उत्तराखंड राज्य एड्स नियंत्रण समिति द्वारा राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर आईटीडीए सभागार में आयोजित गोष्ठी में कही।
डॉ.रावत ने कहा कि किसी भी राष्ट्र के निर्माण में वहां के युवाओं का अहम योगादान होता है, युवा शक्ति के ही बल पर राष्ट्र विभिन्न क्षेत्रों में नये आयाम स्थापित कर सकता है। इसके लिये युवाओं को स्वयं के विकास के साथ ही समाज में बढ़ती बुराईयों के खिलाफ आगे आना होगा।
उन्होंने युवाओं के मध्य बढ़ती नशा की प्रवृत्ति पर चिंता जाहिर करते हुये कहा कि युवाओं को स्वयं नशे की प्रवृत्ति से दूर रहने तथा औरों को इससे दूर रहने के लिये प्रेरित करने को कहा। इसके साथ ही उन्होंने युवाओं को स्वस्थ रहने की सलाह देते हुये कहा कि स्वस्थ तन और स्वस्थ मन से ही स्वस्थ व समृद्धि राष्ट्र का निर्माण होता है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय युवा दिवस पर पूरे प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर रक्तदान शिविरों का आयोजन किया गया है जिसमें युवा रक्तदान करने के साथ ही रक्तदान के लिये पंजीकरण भी करा सकते हैं। इसके अलावा ई-रक्त कोष, अरोग्य सेतु ऐप आदि अन्य विभागीय वेबसाइटों से भी रक्तदान के लिये पंजीकरण कर सकते हैं। डॉ0 रावत ने बताया कि हाल ही में प्रदेशभर में एक लाख 21 हजार लोग रक्तदान कर चुके हैं तथा एक लाख 41 हजार लोगों ने रक्तदान हेतु अपना पंजीकरण कराया, जो कि पूरे देश में एक नया रिकॉर्ड बना है।
उन्होंने कहा कि आगामी 23 जनवरी नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती तक प्रदेशभर में रक्तदान के लिये पंजीकरण अभियान चलेगा। इसके उपरांत रक्तदान के लिये शिविरों का आयोजन किया जायेगा। उन्होंने विभिन्न शिक्षण संस्थानों से आये युवाओं से आह्वान किया कि वह भी अधिक से अधिक संख्या में रक्तदान के लिये पंजीकरण कराये और अन्य को भी इसके लिये प्रेरित करें। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार ने प्रदेश के शत-प्रतिशत लोगों की डिजीटल हेल्थ आईडी बनाने का लक्ष्य रखा है, जिसमें से अभी तक लगभग 29 लाख से अधिक लोगों की हेल्थ आईडी बन चुकी हैं।
गोष्ठी में देहरादून के मेयर सुनील उनियाल गामा ने कहा कि युवाओं को स्वयं को नशाखोरी से दूर रखने के साथ ही औरों को भी बचाना है तथा जो लोग इस गर्त में जा चुके हैं उनसे किसी भेदभाव किये बिना उन्हें नशे की लत से उभारने के लिये भी प्रेरित करना चाहिये। ऐसे युवाओं के लिये राज्य सरकार ने प्रत्येक जिलों में नशा मुक्ति केन्द्र व सरकारी अस्पतालों में काउंसलिंग की व्यवस्था की है।
कार्यक्रम में एक क्वीज प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया जिसमें जीआरडी कॉलेज की अनुश्री सैम्यूल प्रथम, पीजी कॉलेज पिथौरागढ़ के सौरभ पुनेरा द्वितीय तथा गर्ल्स पीजी कॉलेज रूड़की की विदूषी त्यागी तृतीय स्थान पर रही। विजेताओं को स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 रावत ने स्मृति चिह्न व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।
इस मौके पर हंसा नृत्य नाटिका ग्रुप ने नशे की बढ़ती प्रवृत्ति पर कटाक्ष करते हुये नुक्कड़ नाटक भी प्रस्तुत किया, गोष्ठी के दौरान रक्तदान शिविर का भी आयोजन किय गया जिसमें दर्जनों युवाओं ने स्वैच्छिक रक्तदान किया। कार्यक्रम का संचालन अनिल वर्मा ने किया। इससे पहले विभिन्न संस्थानों से आये छात्र-छात्राओं ने गांधी पार्क में एकत्रित होकर एचआईवी-एड्स एवं ईट राइट इंडिया कैंपेन को लेकर नगर के मुख्य मार्गों पर जनजागरूकता रैली निकाली, जिसे स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने हरी झंडी दिखा कर रवाना किया।
रैली में विभिन्न शिक्षण संस्थानों के छात्र-छात्राओं के साथ ही नर्सिंग कॉलेज, भारत स्काउट एंड गाइड, एनएसएस, यूथ रेडक्रास समिति के पदाधिकारियों ने प्रतिभाग किया।
गोष्ठी में मेजर प्रेमलता वर्मा, रविन्द्र पडियार, गगन लूथरा, अपर परियोजना निदेशक एनएचएम डॉ0 अजय नगरकर, अनिल वर्मा के साथ ही विभिन्न शिक्षण संस्थानों से आये शिक्षक-शिक्षिकाएं एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।