सरकार द्वारा दिये गए तीलू रौतेली पुरुस्कार राजनीति से प्रेरित…कमलेश रमन

देहरादून

काँग्रेसभवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में महानगर महिला कांग्रेस अध्यक्ष कमलेश रमन ने तीलू रोतेली पुरुस्कारो के वितरण को राजनीति से प्रेरित बताया।

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी शासित उत्तराखण्ड राज्य सरकार द्वारा 2020-21 के लिए दिए गये राज्य स्त्रीशक्ति तीलू रौतेली पुरस्कारों का राजनीति करण व अवमूल्यन किया है कि किशोरियों व महिलाओं की व्यक्तिगत उपलब्धियों के लिए दिए जाने वाले उत्तराखंड राज्य के इस प्रतिष्ठित पुरस्कार का यदि तरह भाजपाई करण होता रहा तो वह समय दूर नहीं जब विपरीत परिस्थितियों में देश दुनिया में अपनी उपलब्धियों का डंका बजाने वाली उत्तराखंड की बेटी बन्दना कटारिया इस पुरस्कार को ग्रहण करना अपना अपमान समझेगी।

शासनादेश के अनुसार यह पुरस्कार कुछ क्षेत्रों में विपरीत परिस्थितियों में विशिष्ठता हासिल करने वाली युवतियों / महिलाओं को दिए जाने थे। इन विशिष्ट उपलब्धियों का सुपष्ट अभिलेखी करण होना चाहिए और किसी अधिकारी द्वारा इनका प्रमाणीकरण भी होना चाहिए। लेकिन इस साल के पुरस्कारों की सूची देखने पर पता चलता है कि इन नियमों के बजाय भाजपा की सदस्यता सूची देखी गयी है।

पुरुस्कारों में सम्मलित बन्दना कटारिया इस पुरुस्कार का मान बढ़ा रही है, उनके नाम और उनकी उपलब्धियों को किसी प्रमाणन की जरूरत नहीं रहती लेकिन उनके बराबर इस साल का सीलू रौतेली पुरस्कार पाने वाली दर्जन भर युवतियां / महिलाएं भारतीय जनता पार्टी की कार्यकर्ती / पदाधिकारी है। यदि भाजपा सरकार में थोड़ी भी भार्म बची है तो इस पुरुष्कार की भावना के अनुसार पुरुष्कार पाने वाली अपनी महिला नेताओं के लंबे संपर्शी और विडम्बनाओं से जूझकर उनके द्वारा प्राप्त सफलताओं को प्रदेश की जनता के सामने लाकर सिद्ध करें पुरस्कार की गाइड लाइन के अनुसार प्रत्येक जनपद से एक पुरस्कार दिया जाना था।

इस साल सरकार ने 15 पुरस्कार 5 जनपदों की अपनी पार्टी की कार्यकर्ताओं को बांट दिए जबकि रुद्रप्रयाग जनपद से किसी भी महिला को पुरुस्कार नहीं दिया। जबकि प्रयाग यह जनपद है जिसमें प्रतिवर्ष दैवीय आपदा की घटनाएं होती रहती है और दर्जनों महिलाओं में पुरुस्कार के नियमों के अर्न्तगत आने वाले महत्वपूर्ण कार्य किए हैं और उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि किसी पुरस्कार विजेता से कम नहीं है, संभवत या इनमें से कोई भाजपा कार्यकर्ता न हो इसलिए रुद्रप्रयाग जिले को ही पुरस्कार से दूर रखा गया है।

पुरस्कार वितरण में सरकार ने पात्र अभ्यर्थियों को पुरस्कार न देकर अपनी पार्टी की कार्यकर्ताओं को पुरस्कृत कर चीलू रौतेली पुरुस्कार की गरिमा को समाप्त करने का काम किया है। प्रत्येक जनपद में उन महिलाओं को पुरस्कृत किया गया है जो भाजपा से सीधे-सीधे या किसी न किसी रूप में जुड़ी है। भाजपा सरकार ने इस पुरस्कार का राजनीतिकरण कर अंधा बांटे रेवड़ी अपनो अपनों को देय मुहावरे को चरितार्थ करने का काम किया है।

कांग्रेस पार्टी का भरोसा था कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा साफ-साफ बेशर्मी के साथ किये गये भाजपाई करण को मुख्य मंत्री पानी समर्थन नहीं देंगे परन्तु मुख्यमंत्री द्वारा अपने ही हाथों से अपने कार्यकर्ताओं को राज्य स्तरीय भाक्ति तीलू रौतेली’ पुरस्कार देना यह सिद्ध करता है कि देश भर में भाजपा ने लोकतांत्रिक संस्थाओं विश्वविद्यालयों, खेल, कला, और संस्कृति के केन्द्रों के बाद अब पुरस्कारों का भी भाजपाई करण कर दिया है। कांग्रेस,भाजपा सरकार की इस मनोवृत्ति का हर स्तर पर विरोध करती है। आज कांग्रेस पार्टी की महिला संगठन राज्य के हर जिले में प्रेसवार्ता कर इन भाजपा की महिला कार्यकर्ताओं की उपलब्धियों को उनके जिले में ही चुनौती देंगी और सकरार के पुरस्कारों के राजनीति करण का सच जनता के सामने लाएंगी। आने वाले समय में पुरस्कारों की गरिमा पुर्नस्थापित करेंगी।
इस मौके पर कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसोनी, डॉ प्रतिमा,नजमा खान,विमला मन्हास,चंद्रकला नेगी,सुजाता पॉल, अनुराधा,जया गुलानी,रीता रानी,अमृता कौशल आदि मौजूद थे।

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