तीलू रौतेली पुरस्कार- 12 महिलाओं को राज्य स्त्री शक्ति, 13 जनपद की 35 आंगनवाड़ी कार्यकर्तियों को मिला राज्य स्तरीय पुरस्कार

देहरादून

वीरांगना तीलू रौतेली के जन्म दिवस 8 अगस्त के मौके पर सोमवार को राज्य के 12 जनपद की 12 महिलाओं को अलग अलग क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने पर राज्य स्त्री शक्ति तीलू रौतेली पुरस्कार और 35 को आंगनवाड़ी कार्यकर्तियों को राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। सर्वे चौक स्थित आईआरडीटी सभागार में
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल सेवानिवृत्त गुरमीत सिंह एवं महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की मंत्री रेखा आर्या के हाथों ये पुरस्कार दिए गए।

इस मौके पर गवर्नर ने पुरस्कार मिलने की बधाई दी और साथ ही उम्मीद जताई कि ये महिलाएं आगे और भी बेहतर कार्य करेंगी तथा समाज की अन्य महिलाओं को अच्छे कार्य के लिए नेतृत्व प्रदान करेंगी।

उल्लेखनीय है कि महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग ने वीरांगना तीलू रौतेली के जन्म दिवस पर दिए जाने वाले राज्य स्त्री शक्ति तीलू रौतेली पुरस्कर और राज्य स्तरीय आंगनवाड़ी कार्यकर्ति पुरस्कारों की घोषणा एक दिन पहले ही कर दी थी। सोमवार को देहरादून में होने वाले समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाली 12 महिलाओं को तीलू रौतेली पुरस्कार और 35 महिलाओं को आंगनवाड़ी कार्यकर्ति सम्मान पुरकार प्रदान किए गए।

इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल सेवानिवृत्त गुरमीत सिंह ने कहा कि जहाँ उत्तराखंड राज्य की इतनी देवियां साथ हो, वहाँ सुपर एनर्जी होना स्वाभाविक है। मंत्री रेखा आर्या के नर-नारी के अंतर को दूर करने के समझाने के अंदाज़ की तारीफ करते हुए कहा कि पहाड़ की महिला को प्रभु का वरदान है। कहा कि यदि इन महिलाओं की मदद की जाए तो ये सबकुछ कर सकती हैं। कहा कि जितने भी अवार्डी यहाँ है,आप सबने एक अलग ही लीडरशिप में कदम रख लिया है। इन महिलाओं में इतनी पावर है कि अपने बलबुते पर अच्छा ग्लोबल बिज़नेस कर सकती हैं।उत्तराखंड की एक अलग बात देखिए यहाँ मुख्यमंत्री कांवड़ यात्रियों के पैर धोते हैं। ये हमारे संस्कारों का असर है। राज्यपाल ने कहा कि बेटियों को साहस भरे फील्ड में आना चाहिए। कहा कि अगर आपका आंगन अच्छा है तो घर भी अच्छा होगा। आंगनवाड़ी का जो काम है, वाकई में लगता है कि इनके लिए और भी बजट दिया जाना चाहिए। उन्होंने वीरांगना तीलू रौतेली को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनके जीवन से हमको सीख लेनी चाहिए। ये नाम ग्लोबल प्लेटफार्म पर होना चाहिए। साथ ही अच्छे राइटर्स को इन पर लिखना चाहिए ताकि उनके बलिदान को सभी याद रख सके। उन्होंने उत्तराखंड की महिला को सबसे अलग बताया और बोले यहाँ की महिलाओं की मेहनत का पूरे विश्व को पता लगना चाहिए।

विभाग की मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि राज्यपाल हमारी पहाड़ की महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए बेहद ही गहनता से सोचते हैं। उन्होंने पुरस्कार लेने वाली सभी महिलाओं को बधाई दी और कहा कि तीलू रौतेली का जन्म 1661 में हुआ था। राज्य सरकार इन वीरांगना द्वारा किये गए वीरता भरे कार्यों को संदेश के रूप में जन-जन तक पहुँचाने के लिए ये आयोजन करती है।आप भी तीलू रौतेली की तरह अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा बने। कहा कि हमारी आंगनवाड़ी की ओर से जन-जन तक योजनाएं पहुचाई जाती है। कोरोना जैसी विषम परिस्थितियों में भी इन्होंने ये काम बखूबी किया है। ये विभाग के अलावा भी अन्य दिए जाने वाले कार्य बढ़-चढ़ कर करती हैं। कहा कि आपके सम्मान के रूप में सतत धनराशि मिलती रहे। उस दिशा में हम लगातार प्रयास करते हैं और करते रहेंगे। उन्होंने हर घर तिरंगा अभियान को सफल बनाने का भी सबसे आह्वान किया।

इससे पहले कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राजपुर विधायक खजानदास ने कार्यक्रम में सम्मानित महिलाओ को बधाई देते हुए कहा कि महिलाओं को इस तरह का सम्मान दिए जाने से काम करने का उनका हौसला भी बढ़ता है।

इस मौके पर विभाग के सचिव हरि चंद्र सेमवाल, डिप्टी डायरेक्टर एसके सिंह, डीपीओ अखिलेश मिश्र आदि ने विशेष सहयोग किया।

वहीं तीलू रौतेली पुरस्कार के लिए इस बार विभिन्न जिलों से 120 महिलाओं ने आवेदन किए थे, जबकि आंगनवाड़ी कार्यकत्री सम्मान पुरस्कार के लिए 62 आवेदन हुए थे। विभागीय चयन समिति ने आवेदनों का परीक्षण पूर्ण करने के बाद शनिवार को नामों को अंतिम रूप दे दिया था।
हालांकि इसकी औपचारिक घोषणा रविवार को की गई थी।

वहीं इससे पूर्व मुख्य विकास अधिकारियों की अध्यक्षता में गठित जनपद स्तरीय समिति द्वारा प्रेषित नामों पर सचिव महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय समिति द्वारा इन नामों का चयन किया गया।

इनको मिला तीलू रौतेली
डा. शशि जोशी (अल्मोड़ा),
दीपा आर्य (बागेश्वर)
मीना तिवाड़ी (चमोली)
मंजूबाला (चम्पावत)
नलिनी गोसाईं (देहरादून)
प्रियंका प्रजापति (हरिद्वार)
विद्या महतोलिया (नैनीताल)
सावित्री देवी (पौड़ी)
दुर्गा खड़ायत (पिथौरागढ़)
गीता रावत (रुद्रप्रयाग)
लता नौटियाल (उत्तरकाशी)
प्रेमा विश्वास (ऊधमसिंह नगर)

इन आंगनवाड़ी कार्यकर्तियो को मिला पुरस्कार
महिला एवं बाल विकास से जुड़ी योजनाओं को धरातल पर मूर्त रूप देने के साथ ही विभिन्न राष्ट्रीय कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली आंगनवाड़ी कार्यकत्री को बेहतर कार्य का पुरस्कार दिया गया।

महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से दिए जाने वाले आंगनवाड़ी कार्यकर्ति सम्मान पुरस्कार के लिए 35 में सर्वाधिक पांच पौड़ी जिले से हैं, जबकि बागेश्वर, चम्पावत व रुद्रप्रयाग से एक-एक।पुरस्कार दिए जाने वालों में
सुनीता कोहली, कुसुम बिष्ट, जानकी व कमला नेगी (अल्मोड़ा)
हेमा सती (बागेश्वर)
भागा देवी, शोभा व अभिलाषा (चमोली)
अनीता रावत (चम्पावत)
अर्चना राणा, सरोज सुयाल व किर्तना शर्मा (देहरादून)
सीमा रानी, कमलेश धीमान, रचना व उमेश कुमारी (हरिद्वार)
ज्योति रावत, अंजू सागर व गीता नयाल (नैनीताल)
अनीता देवी, आशा देवी, मीना देवी, हेमलता बिष्ट व गिन्नी डंगवाल (पौड़ी)
दीपा पांडेय व ज्योति टम्टा (पिथौरागढ़)
रंजना अवस्थी (रुद्रप्रयाग)
मंगला थपलियाल, उमा भट्ट व सविता सेमवाल (टिहरी)।
स्नेहलता मल्लिक, रचना दानी व मीरा देवी (ऊधमसिंहनगर)।
सुमित्रा व लक्ष्मी नौटियाल (उत्तरकाशी) शामिल रहे।

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