देहरादून
गढ़वाल से प्रदेश की राजधानी देहरादुन को जोड़ने वाली लाइफ लाइन सड़क को जोड़ने वाला देहरादून-ऋषिकेश जाखन नदी का पुल टूट जाने से भीषण घटना होते होते बची। लेकिन यातायात बन्द ही जाने से लोग परेशान जरूर नज़र आ रहे हैं.
एम्स,ऋषिकेश,गढ़वाल,यमकेश्वर,कोटद्वार आदि जगहों पर जाने वाले लोगो को फिलहाल थानों रोड का इस्तेमाल करना पड़ रहा है।ओर यहा भी नदियो का पानी उफान पर है जिसमे भी रिस्क है।
शुक्रवार को चलती रोड पर गाड़ीयों समेत जाखन नदी का पुल यू ही कुछ मिनट में धराशायी हो गया। पुल की स्थिति से कई बार शासन प्रशासन को अवगत कराया जा चुका था। हालांकि पुल के नीचे से पानी के कटाव के चलते पगले भी ब्लॉक लगाकर चलताऊ व्यवस्था से काम चल रहा था और इसके बफल में ही दूसरे पुल की तैयारी चल रही थी जिसके लिए पास की गई धनराशि को रेवाईवल के लिए भेजा गया था।
हालांकी भीषण स्थिति कई बार सामने आ चुकी है। इस तरह के खतरों से पुल को बचाने के लिए बरसात से पूर्व नियमित तौर पर नदी को चैनलाइज करने तथा अत्याधिक बहाव व कटाव वाले संभावित स्थानों पर वायरक्रेट बनाने का काम किया जाता है।मगर, जाखन पुल पर इनकी अनदेखी की गई, जिसके परिणामस्वरूप यह हादसा सामने आ गया । अब लोक निर्माण विभाग के समक्ष जाखन नदी पर पुल का विकल्प तैयार कर ऋषिकेश देहरादून के बीच सड़क संपर्क को सुचारु करना सबसे बड़ी चुनौती है। लोनिवि के अधिकारियों की माने तो इस पुल की मरम्मत कर इसे पुनः आवाजाही के लिए तैयार किया जा सकता है। मगर, इसके लिए नदी का पानी कम होने तक इंतजार करना पड़ेगा।
शुक्रवार को अचानक इसका एक पैनल धंसने से कई वाहन फंस गए जिसके चालको ओर मजदुरो ने भागकर जान बचाई तब भी दो छोटे हाथी,एक ओमनी वेन ओर एक बाइक धंसे पैनल में ही अटक गए। कुछ देर बाद दूसरा पैनल भी धंस गया था।सूचना पर डीएम पीडब्लूडी के अदिकरिओं के साथ मौके पर पहुंचे थे।प्रमुख अभियंता हरिओम शर्मा ने बताया कि करीब 431.60 मीटर लंबे और 7 मीटर चौडा पुल अपने जीवन के मात्र 57 वर्ष ही पुरे कर पाया। जबकि अमुमन किसी भी पल।की मियाद 100 वर्ष होती है।