दून सिटी में डीजल विक्रम की जगह नए BS-6 पेट्रोल व CNG चौपहिया को परिवहन विभाग की शर्त,विक्रम संचालक 28 फरवरी तक करें आवेदन 31 मार्च से पहले खरीदें नया वाहन वरना परमिट निरस्त

देहरादून

दून सिटी में डीजल विक्रम के बदले नए बीएस- 6 पेट्रोल व सीएनजी चौपहिया वाहन के संचालन को लेकर परिवहन विभाग ने नई शर्त रख दी है।

विक्रम संचालकों को 28 फरवरी से पहले नए परमिट के लिए आवेदन करना होगा और 31 मार्च से पहले नया वाहन खरीदकर लाना होगा। वरना, उनका परमिट निरस्त कर दिया जाएगा।

संभागीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) की गत वर्ष एक नवंबर को गढ़वाल मंडलायुक्त सुशील कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक दून, हरिद्वार, ऋषिकेश, डोईवाला, विकासनगर, धर्मावाला, हरबर्टपुर, कालसी क्षेत्र में संचालित डीजल विक्रम व आटो को बाहर करने का निर्णय लिया गया था। विक्रम के बदले स्टेज कैरिज परमिट में चौपहिया बीएस-6 पेट्रोल व सीएनजी वाहनों के संचालन की मंजरी दी गई थी। वहीं, डीजल आटो

को सीएनजी, बीएस-6 पेट्रोल या इलेक्ट्रिक आटो में परिवर्तित किया जाएगा। 10 वर्ष पुराने डीजल विक्रम एवं आटो के संचालन की अंतिम तिथि 31 मार्च-2023 निर्धारित की गई, जबकि 10 वर्ष से कम पुराने विक्रम एवं आटो के लिए 31 दिसंबर-2023 अंतिम तिथि है। विक्रम संचालकों को राहत देते हुए निर्णय लिया गया था कि नए चौपिहया वाहन के परमिट में विक्रम संचालकों को वरीयता दी जाएगी। इसके लिए परिवहन विभाग ने शहर में 18 मार्ग बनाए हैं, जहां नए चौपहिया वाहनों का संचालन होगा।

विक्रम संचालकों को नए परमिट आवेदन के लिए 31 जनवरी तक का समय दिया गया था, लेकिन संचालक इसे बढ़ाने की मांग करते रहे ।

इस पर 30 जनवरी को आरटीए की आपात बैठक बुलाई गई और विक्रम संचालकों के लिए नए परमिट के आवेदन की अंतिम तिथि 28 फरवरी तय की गई। एक मार्च से परमिट के आवेदन आमजन के लिए खोल दिए जाएंगे। आरटीए बैठक के निर्णय बुधवार को सार्वजनिक किए गए। इसकी जानकारी देते हुए आरटीए सचिव व दून के आरटीओ

(प्रशासन) सुनील शर्मा ने बताया कि यह कार्रवाई शहरों में बढ़ते प्रदूषण के दृष्टिगत नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के क्रम में की जा रही है। उन्होंने बताया कि 28 फरवरी तक आवेदन करने वाले विक्रम संचालकों को 31 मार्च से पहले नया चौपहिया वाहन लाना होगा ।

शहर में 979 विक्रम संचालित हैं। इतनी ही संख्या में नए चौपहिया वाहन के परमिट दिए जा रहे हैं। कुछ विक्रम संचालक नया परमिट लेकर नया चौपहिया वाहन ले आए हैं, जिस पर उन्हें आवंटित मार्ग पर संचालन की मंजूरी दी जा चुकी है।

आरटीए ने सभी सार्वजनिक यात्री वाहनों में डस्टबिन और व्हीकल लोकेशन ट्रेकिंग डिवाइस (वीएलटीडी) को अनिवार्य कर दिया है।

आरटीओ ने बताया कि नए वाहनों के साथ ही यह शर्त पुराने वाहनों में भी मान्य होगी।

दून की तर्ज पर हरिद्वार व ऋषिकेश में भी नए चौपहिया सवारी वाहनों के लिए नए मार्ग बनाए जाएंगे। आरटीओ ने बताया कि हरिद्वार व ऋषिकेश के एआरटीओ को मार्गों का सर्वे कर रिपोर्ट देने को कहा गया है। इसके अलावा दून शहर में ई-रिक्शा के लिए मार्गों और स्टैंड का निर्धारण किया जा रहा है। वहीं, परेड ग्राउंड से शिमला बाईपास के सिंहनीवाला तक संचालित सिटी बसों को शीशमबाड़ा से सेलाकुई तक संचालन की अनुमति दे दी गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.