देहरादून/ यूएसनगर
15 अक्टूबर 2023 को सत्यापन कार्यवाही के दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि चारबीघा सिरौलीकला बाबू गोटिया में एक मदरसा चल रहा है जिसके मुख्य गेट ताला लगा है,जबकि अन्दर बच्चे बंद है।
सूचना पर पुलिस टीम द्वारा उक्त मदरसे के दूसरे गेट से जाकर उसे खुलवाकर चैक किया गया तो, एक अंधेरे कमरें में 22 नाबालिग बच्चियां और 2 छोटे बच्चें बन्द मिले। ऐसे में महिला आरक्षी की मदद से एक एक बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
बरामद किए गए सभी बच्चों की उम्र 4 वर्ष से 16 वर्ष तक की पाई गई। इसमें 11 बच्चे जनपद बरेली (यूपी) के और 13 बच्चे स्थानीय थे। इस कार्यवाही में मौके से ही वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी देकर मामले में सूचित किया गया।
इसके बाद क्षेत्रीय पुलिस सर्किल ऑफ़िसर सहित अल्पसंख्यक कल्याण के सहायक अधिकारी चन्द्र प्रकाश रावत, DPO (CWC) ब्यूमा जैन व प्रेम लता सिंह CWC रूद्रपुर को सूचित कर मौके पर CWC सदस्य सुनील कुमार, दीपा मेहरा, रेखा अधिकारी को काउसिलिग के लिए फोन किया गया और इस बीच एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) प्रभारी को भी सूचना देकर मौके पर बुलाया गया।
दूसरी तरफ खबर मिलते ही मौके से मदरसे का एक संचालक इरसाद पुत्र अबरार फरार हो गया। जबकि उसकी पत्नी खातून बेगम वहीं मौजूद मिली। उसके द्वारा बताया गया कि मदरसे का नाम जामिया नगमा फातिमा खातून है। लेकिन जांच के दौरान वह कोई वैध दस्तावेज प्रस्तुत नही कर पायी। वही इस कार्यवाही में रिहा किये गए सभी नाबालिग बच्चों के परिजनो को बुलाकर काउसिंलिंग कर बच्चे इनके सुपुर्द कर दिये गए।
पुलिस पूछताछ में जानकारी मिली कि खातून बेगम व उनके पति इरसाद द्वारा बच्चों के परिजनों को उनके बच्चों को अच्छा खाना व रहने की अच्छी सुविधा और अच्छी पढाई के नाम पर उक्त मदरसे में लाया गया था। लेकिन इसके विपरीत मदरसे में सभी बच्चों के साथ दुर्व्यवहार कर इनका शोषण किया जा रहा था।
पुलिस की कार्यवाही के उपरांत इस मामलें में CWC के सदस्यों द्वारा बच्चों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गयी हैं.वही मौके पर थानाध्यक्ष कमलेश भट्ट व संयुक्त टीम ने फर्द तैयार कर सभी के हस्ताक्षर कराये गये तथा खातून बेगम को गिरफ्तार कर किशोर न्याय अधिनियम में मुकदमा पंकीकृत किया गया है।