देहरादून
मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने शनिवार को सचिवालय में प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधियोजना (पीएम स्वनिधि) की शुरुआत सड़कों और पटरियों पर सामान बेचने वाले उन गरीब लोगों के लिए की गई थी जो कोविड-19 के चलते प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि त्योहार का सीजन होने के कारण गरीब तबके के लोग इसका अधिकतम लाभ ले सकते हैं। इसके लिए आवश्यक है कि सभी चिन्हित वेंडर्स को दीवाली से पहले ऋण आबंटित कर दिया जाए।
मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन वेंडर्स का एप्लिकेशन अपलोड हो गया है, दीपावली से पहले उनको ऋण वितरण कर दिया जाए। इसके लिए बैंकर्स के साथ समन्वय बनाकर प्रक्रिया पूर्ण की जाए। उन्होंने कहा कि जानकारी एवं कम पढ़े लिखे या अनपढ़ होने के कारण बहुत से वेंडर्स इसका लाभ नहीं उठा पा रहे हैं, इसके लिए कैंप लगाकर उन्हें वेंडर्स आईडी, वेंडर्स सर्टिफिकेट एवं ऋण वितरण हेतु बैंक सुविधा एक जगह उपलब्ध करवा कर फैसिलिटेट किया जाए।
मुख्य सचिव ने बैंकर्स को भी इस योजना को गंभीरता से लेते हुए स्वीकृत एप्लिकेशन का ऋण वितरण शीघ्र से शीघ्र किए जाने के निर्देश दिए। कोविड-19 के कारण कितने चिन्हित वेंडर्स माइग्रेट कर चुके हैं इसका भी सर्वे करवाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अधिकतम लोग इस योजना का लाभ उठा सकें इसके लिए सभी जिलाधिकारियों और बैंकर्स को व्यक्तिगत रूप से प्रयास करने होंगे। उन्होंने निर्देश दिए कि योजना का प्रचार प्रसार करते हुए वेंडर्स का वेंडिंग सर्टिफिकेट, वेंडिंग आईडी के साथ ही लेटर ऑफ रिकमेंडेशन की कॉपी भी अवश्य दी जाए। इसके साथ ही, बैंकर्स द्वारा भी प्रोएक्टिव होकर पीएम स्वनिधि योजना के सम्बन्ध में ऋण प्रक्रिया को छोटा किया जाना चाहिए, साथ ही बैंक की ब्रांच को 10 हजार तक के ऋण को अपने स्तर से स्वीकृत कर वितरित किए जाने का अधिकार प्रदान किया जाना चाहिए।
बताते चलें कि इस योजना के तहत हर स्ट्रीट वेंडर 10,000 रुपए तक लोन ले सकता है। इस राशि को रेहड़ी-पटरी वाले एक साल के भीतर किश्त में लौटा सकते हैं। इस लोन को समय पर चुकाने वाले स्ट्रीट वेंडर्स को सात फीसदी का वार्षिक ब्याज सब्सिडी के तौर पर उनके अकाउंट में सरकार की ओर से ट्रांसफर किया जाए।
इस अवसर पर सचिव शैलेश बगोली सहित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी सभी जनपदों के जिलाधिकारी सहित राज्य के सभी प्रमुख बैंकों के अधिकारी उपस्थित थे।