कोका- कोला इंडिया और इंडो- डच हॉर्टीकल्चर टेक्नोलॉजीज के प्रयास से ‘एप्पल उन्नती’ ने राज्य के सेब की उत्पादकता कई गुना बढ़ाई….कृषि मंत्री गणेश जोशी

देहरादून

 

कोका- कोला इंडिया तथा इंडो- डच हॉर्टीकल्चर टेक्नोलॉजी ने वीरवार को उत्तराखण्ड में राज्य के स्थानीय किसानों के सम्मान और उन्हे मान्यता देने हेतु एक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।

 

उत्तराखण्ड के कृषि मंत्री गणेश जोशी और उत्तराखण्ड के कृषि सचिव शैलेश बगोली भी इस अवसर पर उपस्थित थे|

 

सेब की पैदावार में अच्छी कृषि पद्धतियों के (जीएपीज) अंगीकार के द्वारा उत्पाद में लक्षणीय मापदण्ड हासिल करनेवाले 20 किसानों को सम्मानित भी किया गया। इसके द्वारा उनकी उत्पादकता में 5 गुना वृद्धि हुई है जिससे वे अपनी आय को बढा कर अपनी आजीविका में सुधार करने में सक्षम हुए हैं| उन्हे कोका कोला के प्रोजेक्ट ‘उन्नती- एप्पल’ से परिचित किया गया था जो इंडो- डच हॉर्टीकल्चर टेक्नोलॉजीज के साथ मिल कर चलाया जा रहा है और इसका उद्देश्य भारत में और खास कर उत्तराखण्ड में मुख्य रूप से अल्ट्रा हाय डेन्सिटी प्लांटेशन (युएचडीपी) पर आधारित जागतिक सर्वश्रेष्ठ विधियों के द्वारा सेबों की उत्पादकता में वृद्धि करना, यह है| इस विधि से जमीन के पर इकाई में मिलनेवाली राशि, उत्पादकता और मुनाफे की क्षमता में लक्षणीय वृद्धि होती है और उससे किसानों की आय अत्यधिक बढ़ती है| यह सेबों के उत्पाद में भारत को आत्मनिर्भरता हासील कराने के लिए भी एक उत्प्रेरक का काम करता है|

 

‘उन्नती एप्पल’ पहल पर प्रतिक्रिया देते हुए उत्तराखण्ड के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखण्ड में भारत सरकार के देश को आर्थिक रूप से सम्पन्न बनाने के अभियान ‘आत्मनिर्भर भारत’ पर बहुत बल दिया जा रहा है।

 

कोका- कोला इंडिया और इंडो- डच हॉर्टीकल्चर टेक्नोलॉजीज के संयुक्त प्रयास के रूप में ‘एप्पल उन्नती’ इस राज्य को सेबों की उत्पादकता कई गुना बढ़ाने में सहायता कर रहा है| शाश्वत कृषि और किसानों के जीवन में सुधार के लिए इस मॉडल और पहल से हमारे सुन्दर उत्तराखण्ड राज्य के कृषि समुदाय का लाभ हो रहा है।इन दो संस्थाओं के प्रयासों की तथा सफल बनाने वाले किसान वास्तव में तारीफ के काबिल हैं।

 

प्रोजेक्ट एप्पल उन्नती का शुभारंभ 2018 में कोका- कोला इंडिया के मुख्य शाश्वत कृषि कार्यक्रम- फल आधारित सर्क्युलर अर्थव्यवस्था के तहत किया गया था। उसका उद्देश्य भारत में हमारे फल खेतों की प्रभाविता बढ़ा कर, खेतों से जुड़े लिंकेजेस में बढोतरी कर और देश में खाद्य प्रक्रिया क्षमता खड़ी कर भारत की कृषि व्यवस्था की सहायता करना तथा खेत की कम उत्पादकता, तकनीक का कमी और फल उद्यम क्षेत्र में फलों की बर्बादी जैसी चुनौतियों के खिलाफ काम करना, यह है।

 

कोका- कोला किसानों को अपने मुख्य घटकों के लिए सच्चे सप्लाईअर्स समझता है और उनके कल्याण पर बल देने के साथ उनके साथ की साझेदारी का महत्त्व समझता है। हमारे पार्टनर्स के साथ हम 2011 से फल उत्पादक किसानों के साथ हमारे उन्नती इस महत्त्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं| इसमें वर्तमान में 5 फलों का समावेश होता है- आम, सेब, अंगूर और लिचि तथा उसमें गन्ने जैसे प्राथमिकता होनेवाले साधनों का भी समावेश होता है| इस कार्यक्रम का लाभ अब तक 3.5 लाख से अधिक किसानों को हुआ है|

 

कोका-कोला इंडिया और साउथ वेस्ट एशिया की पब्लिक अफेअर्स, कम्युनिकेशन्स एवम् सस्टेनिबिलिटी की वाईस प्रेसिडंट मिस. देवयानी राज्य लक्ष्मी राणा ने कहा, “किसान भारतीय फल उद्यम प्रणाली की बुनियाद हैं| उनकी उत्पादकता में वृद्धि हेतु उन्हे सहायता करने में और ‘प्रोजेक्ट एप्पल उन्नती’ के द्वारा उनकी आजीविकाओं में सुधार लाने में सहभाग लेते समय हम कृतज्ञ है। किसानों के इस सम्मान समारोह में कृषि मंत्री गणेश जोशी और कृषि सचिव शैलेश बगोली की उपस्थिति के लिए हम उनके आभारी हैं|

 

एप्पल उन्नती यह कोका- कोला इंडिया की फल आधारित सर्क्युलर अर्थव्यवस्था की पहल का हिस्सा है और भारत के 12 राज्य और 6 फल वरायटीज के साथ यह पहल चलायी जाती है|”

 

इंडो- डच हॉर्टीकल्चर टेक्नोलॉजी के निदेशक सुधीर चड्ढा ने कहा, “कोका- कोला इंडिया की साझेदारी में प्रोजेक्ट एप्पल उन्नती से उत्तराखण्ड राज्य के हजारो किसानों की क्षमताएँ बढ़ी हैं| वास्तव में कोका- कोला इंडिया ऐसे आज तक के पहले संस्थानों में से एक है जिसने शाश्वत कृषि के क्षेत्र में सकारात्मक पहल करने का प्रयास किया है| इस प्रोजेक्ट की सफलता वाकई युवाओं का हौसला बढ़ानेवाली है और हमने राज्य में माइग्रेशन को विपरित होते हुए देखा है| सेब की खेती में नई क्रान्ति लाने हेतु और उनकी अविरत सहायता के लिए हम कोका- कोला इंडिया के आभारी हैं|”

Leave a Reply

Your email address will not be published.