देहरादून/ऋषिकेश एम्स के नेत्र रोग विभागाध्यक्ष प्रोफेसर संजीव मित्तल व डा. अजय अग्रवाल ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य लोगों को काला मोतियाबिंद के प्रति जागरुक करना है और उन्हें इससे होने वाले नफा नुकसान से अवगत कराना है। जनजागरुकता से ही लोग इस बीमारी के चलते अंधेपन का शिकार होने से बच सकते हैं, लिहाजा जनजागरुकता कार्यक्रम से उन्हें इस दिशा में मदद मिलेगी।
उन्होंने बताया कि 6 से 12 मार्च तक विश्व ग्लूकोमा जनजागरुकता सप्ताह मनाया जाता है, जिसके तहत 7 से 12 मार्च तक एम्स संस्थान के नेत्र रोग विभाग में आने वाले मरीजों का निशुल्क पंजीकरण व परीक्षण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इससे पहले कि लोगों को यह बीमारी अपनी गिरफ्त में ले ले और वह अंधता का शिकार हो जाएं उन्हें नियमित तौर पर काला मोतिया की जांच करानी चाहिए। उन्होंने लोगों से इस सप्ताह के तहत संस्थान में आकर ग्लूकोमा जांच की अपील की है।