चारधाम यात्रा के समापन पर सीएम,पर्यटन मंत्री के साथ ही सभी यात्रा के जुड़े लोगो ने जताया आभार

देहरादून
चार धाम यात्रा शांतिपूर्वक सम्पन्न हो जाने के बाद सभी ने चैन की सांस ली है। कोरोना काल के बीच से निकला ये समय प्रदेश सरकार के साथ ही सभी की परीक्षा के रूप में देखा जा रहा था।
प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के अवसर पर अपने संदेश में देश- विदेश के श्रद्धालुओं को बधाई दी है तथा लोक मंगल की कामना की। पर्यटन-धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने चारधाम यात्रा के सफल समापन पर बधाई दी। विधान सभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल,विधायक बदरीनाथ एवं देवस्थानम बोर्ड के सदस्य महेंद्र प्रसाद भट्ट, विधायक गंगोत्री गोपाल सिंह रावत, चारधाम विकास परिषद उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ममगाई ने चार धाम यात्रा समापन पर प्रसन्नता जताई है।
आयुक्त गढ़वाल /उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने बताया कि इस यात्रा वर्ष एक लाख पैंतालीस हजार से अधिक तीर्थ यात्रियों ने भगवान बद्रीविशाल के दर्शन किये तथा तीन लाख दस हजार यात्री चार धाम पहुंचे है। इसमें 134981 तीर्थ यात्री केदारनाथ पहुंचे, 23837 श्रद्धालु गंगोत्री धाम एवं 7731 श्रद्धालु यमुनोत्री धाम दर्शन को पहुंचे। तथा देवस्थानम बोर्ड द्वारा चार धाम हेतु साढ़े तीन लाख ई पास जारी किये। उन्होंने चार धाम यात्रा के सफल समापन हेतु सभी का आभार भी जताया है।
देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.डी.सिंह ने कहा कि संपूर्ण यात्राकाल में कोरोना बचाव के मानको का पालन हुआ। सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा गया। तीर्थ यात्रियों को सुलभ दर्शन कराये गये है। उन्होंने कहा कि देवस्थानम बोर्ड शीतकालीन यात्रा हेतु भी तैयारियां करेगा।
देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि कपाट बंद होने के बाद बदरीनाथ से धीरे-धीरे श्रद्धालु तथा स्थानीय लोग वापस गंतब्य को वापस जा रहे हैं। 21 नवंबर को आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी के साथ रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी सहित धर्माधिकारी वेदपाठी गण तथा देवस्थानम बोर्ड के कर्मचारी नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचेगे।
इसी के साथ योगध्यान बदरी पांडुकेश्वर एव नृसिंह मंदिर जोशीमठ में परंपरागत रूप से शीतकालीन पूजाएं चलती रहेंगी। बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही चारधाम यात्रा का समापन हो गया है गंगोत्री धाम के कपाट 15 नवंबर, यमुनोत्री एवं केदारनाथ धाम के कपाट 16 नवंबर को बंद हो चुके है।
जबकि तृतीय केदार श्री तुंगनाथ के कपाट 4नवंबर, रूद्रनाथ के 17 अक्टूबर, जबकि सिक्खों के पवित्र गुरू द्वारा श्री हेमकुंड साहिब तथा श्री लक्ष्मण मंदिर लोकपाल तीर्थ के कपाट 10 अक्टूबर को शीतकाल हेतु बंद किये जा चुके है वहीं सभी उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फवारी भी देर-सवेर पड़ ही रही है।

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