एम्स में इनस्टॉल नई मशीन के प्रयोग से Covid-19 के 1 घण्टे में 100 सेम्पल टेस्ट हो सकेंगे,संकमण से भी कर्मचारी बचेंगे..डॉ रविकांत – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

एम्स में इनस्टॉल नई मशीन के प्रयोग से Covid-19 के 1 घण्टे में 100 सेम्पल टेस्ट हो सकेंगे,संकमण से भी कर्मचारी बचेंगे..डॉ रविकांत

देहरादुन/ऋषिकेश अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में अब मरीजों के काविड-19 सैंपल की जांच में तेजी आ सकेगी और मरीजों को अपनी रिपोर्ट के लिए लंबी प्रतीक्षा नहीं करनी होगी। इसके लिए संस्थान में नई ऑटोमेटेड आरएनए एक्ट्रेक्शन मशीन इंस्टॉल हो चुकी है। आधुनिकतम तकनीक पर आधारित इस मशीन के आने जहां प्रयोगशाला में कार्य करने वाले तकनीशियनों में संक्रमण का खतरा काफी कम हो जाएगा, वहीं इस मशीन से प्रतिदिन कोविड सैंपल की लगभग दो ढाई गुना जांच संभव हो सकेगी। गौरतलब है कि कोविड 19 के विश्वव्यापी प्रकोप के चलते लोगों में इस बीमारी को लेकर काफी भय बना हुआ है। संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि एम्स संस्थान में हररोज कोविड स्क्रीनिंग ओपीडी में 200 से अधिक मरीज आ रहे है, जिनमें से कइयों की सैंपल टे​स्टिंग होती हैं। जबकि दूसरे जनपदों से भी प्रतिदिन मरीजों के सैकड़ों सैंपल परीक्षण एवं रिपोर्ट के लिए एम्स ऋषिकेश में भेजे जा रहे हैं। जिससे सैंपल जांच की प्रतीक्षा सूची लंबी होती जा रही थी। निदेशक प्रो. रवि कांत ने बताया कि अब तक एम्स में दो एक्सट्रैक्शन मशीनें थी, जिनमें एक बार में क्रमश: 12 व 16 सैंपल ही लग सकते थे। इससे पहले जहां इन मशीनों के जरिए 100 सैंपल्स के एक्सट्रेक्शन में 7 से 8 घंटे लगते थे, वहीं इस मशीन से आने से यही 100 सैंपल महज 1 घंटे में एक्सट्रेक्ट हो सकेंगे, क्योंकि इस नई मशीन के स्थापित होने से एक बार में 96 सैंपल एकसाथ लग सकेंगे। यह मशीन माइक्रो बायोलॉजी प्रयोगशाला में कार्यरत तकनीशियनों के बार-बार सैंपलों को हेंडल करने की जरुरत नहीं होने की वजह से उन्हें संक्रमण का खतरा काफी कम हो जाएगा, क्योंकि वह कम से कम एक्सपोज होंगे। संस्थान में कोविड सैंपल जांच के प्रभारी डा. दीपज्योति कलिता ने बताया कि इससे पूर्व एक दिन में लगभग 200 से 250 कोविड सैंपल की जांच हो पाती थी व उनकी रिपोर्ट जारी की जाती थी, मगर इस नई मशीन के स्थापित होने से जांच का दायरा 400 से 500 सैंपल प्रतिदिन तक बढ़ जाएगा। जिससे अवशेष सैंपल की तेजी से जांच संभव हो सकेगी और आने वाले दिनों में नमूनों की जांच रिपोर्ट के लिए मरीजों को अनावश्यक इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

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