हरिद्वार से वनाग्नी से बचाव और क्षेत्रीय कर्मचारियों की सहायता को 44 वनकर्मी पहुंचे पौड़ी और टिहरी

देहरादून/हरिद्वार

इन दिनों वनाग्निकाल में हरिद्वार वन प्रभाग की सुव्यवस्थित योजना तथा क्षेत्रीय कर्मचारियों की कड़ी मेहनत के फलस्वरूप आतिथि तक प्रभाग के अन्तर्गत कोई वनाग्नि घटना घटित नहीं हुई है।

प्रमुख वन सरंक्षक (HoWK) के निर्देश के क्रम में पर्वतीय जनपदों में वनाग्नि घटनाओं की रोकथाम तथा चार धाम यात्रा के कारण दैनिक श्रमिकों की अनउपलब्धता के मध्यनजर बुधवार को पौडी एवं टिहरी जनपदों में वनाग्नि नियन्त्रण में अपना योगदान देने हेतु हरिद्वार वन प्रभाग से 39 तथा गंगोत्री नेशनल पार्क से 5 कुल 44 कर्मचारियों को मय सेफ्टी हेलमेट, जैकेट, बैग, पानी की बोतल, काटन के कपडे, जूते, ब्लोअर इत्यादि (पूर्ण तैयारी) के साथ वनाग्नि नियन्त्रण में क्षेत्रीय कर्मचारियों के सहयोग हेतु रवाना किया गया।

प्रमुख वन सरंक्षक (HoFF) द्वारा वनाग्नि नियन्त्रण में अपना योगदान देने जा रहें कर्मचारियों की हौसला अफजाई कर भेजे गये स्थानों पर पूर्ण वनाग्नि नियन्त्रण कर प्रदेष में वनाग्नि विभिषिका की रोकथाम की अपेक्षा की गई। इसके साथ ही यह अवगत कराया गया कि अगर भविष्य में किसी भी पर्वतीय जनपद में अतिरिक्त मानव श्रम की आवश्यकता पडती हैं, तो मैदानी जनपदों से कर्मचारियों एवं श्रमिकों को सहयोग प्रदान करने हेतु भेजा जाएगा।

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