स्पीकिंग क्यूब द्वारा आयोजित मनोवैज्ञानिक मुद्दों, हस्तक्षेप और प्रबंधन पर छठवां दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वर्चुवल सम्मेलन हुआ संपन्न – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

स्पीकिंग क्यूब द्वारा आयोजित मनोवैज्ञानिक मुद्दों, हस्तक्षेप और प्रबंधन पर छठवां दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वर्चुवल सम्मेलन हुआ संपन्न

देहरादून

मनोवैज्ञानिक मुद्दों, हस्तक्षेप और प्रबंधन पर 6 वां दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वर्चुवल सम्मेलन संपन्न हो गया।

स्पीकिंग क्यूब ऑनलाइन मानसिक स्वास्थ्य कंसल्टिंग फाउंडेशन, स्पेक्स और श्री देव सुमन विश्वविद्यालय, उत्तराखंड राज्य विश्वविद्यालय के सहयोग से 30 व 31 मार्च 2025 को आयोजित किया गया। मेजर अनुपा कैरी, निदेशक पेरिनेटल मानसिक स्वास्थ्य और स्पीकिंगक्यूब की सलाहकार मनोवैज्ञानिक ने सत्र का स्वागत भाषण दिया।

डॉ. शांत कुमार नेगी द्वारा सभी संवेदनशील प्राणियों की समृद्धि के लिए बुद्ध को समर्पित प्रार्थना की गई।

प्रो.डॉ. दीपिका चमोली शाही, सम्मेलन अध्यक्ष व संस्थापक स्पीकिंगक्यूब की निदेशक द्वारा देवी शक्ति की प्रार्थना के साथ सत्र की शुरुआत की गई।

डॉ. दीपिका ने स्पीकिंग क्यूब का संक्षिप्त परिचय देते हुए मनोवैज्ञानिक मुद्दों, हस्तक्षेप और प्रबंधन पर अपने विचार साझा किए गए।

प्रो.डॉ. रीता, सम्मेलन अध्यक्ष, स्पीकिंगक्यूब सलाहकार, अमिटी विश्वविद्यालय नोएडा के मनोविज्ञान विभाग की प्रोफेसर ने सम्मेलन के उद्देश्य और वर्तमान परिदृश्य में विषय की प्रासंगिकता पर चर्चा की। डॉ. रीता ने मनोवैज्ञानिक मुद्दों, हस्तक्षेप और प्रबंधन पर अपने विचार साझा किए।

डॉ. कर्नल (रिटायर्ड) चेतन शारदा, स्पीकिंगक्यूब सलाहकार और यशोदा अस्पताल के आंतरिक चिकित्सा विशेषज्ञ ने सम्मेलन के लिए अपना शुभकामना संदेश दिया।डॉ.अनिल प्रकाश जोशी, पद्मश्री और पद्म भूषण प्राप्तकर्ता तथा सम्मेलन के संरक्षक ने वर्तमान समय में मनोवैज्ञानिक मुद्दों को समझने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला, विशेष रूप से हमारी सोशल मीडिया की लत के संदर्भ में बात रखी।प्रोफेसर डॉ. नील कोब्रिन, सम्मानित अतिथि, कैलिफ़ोर्निया, यूएसए में एकेडमी ऑफ माइंडफुल साइकोलॉजी के संस्थापक और अध्यक्ष ने वर्तमान समाज में मानसिक स्वास्थ्य के महत्व और आत्म-जागरूकता कैसे मानसिक कल्याण को बढ़ावा देने में मदद कर सकती है, इस पर चर्चा की।

प्रो.एन.के. जोशी, श्री देव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति (राज्य विश्वविद्यालय उत्तराखंड) ने सभा को अपना संदेश साझा किया।

 

डॉ. बृज मोहन शर्मा, मार्केटिंग चेयर और SPECS के संस्थापक, ने मनोवैज्ञानिक मुद्दों की समझ और पारंपरिक जीवनशैली, जो संस्कृति में निहित है, के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा की। उन्होंने एकजुट रहने और एक-दूसरे का समर्थन करने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि समग्र कल्याण को बढ़ाया जा सके।

प्रो. डॉ. शालिनी सिंह शर्मा, बैंकिंग रिसर्च की प्रमुख, EGROW की सलाहकार सम्मेलन और पूर्व डीन MIT विश्व शांति विश्वविद्यालय ने अर्थशास्त्र में व्यवहार विज्ञान के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने छात्रों के लिए ऐसे पाठ्यक्रमों की आवश्यकता पर जोर दिया।

राज्य मंत्री मधु भट्ट, सम्मेलन की मुख्य अतिथि ने भावनात्मक कल्याण और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के महत्व पर अपने विचार साझा किए। मधु भट्ट ने मानसिक स्वास्थ्य को अधिक से अधिक संबोधित करने की आवश्यकता पर चर्चा की। माननीय राज्य मंत्री ने अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले 15 विशेषज्ञों को सम्मानित किया।सम्मेलन में अन्य प्रमुख वक्ताओं में शामिल थे:डॉ. रोहित कमांडेंट मेडिकल, बीएसएफ प्रो. डॉ. गुलशन कुमार ढींगरा डीन बोटनी, श्री देव सुमन विश्वविद्यालय,प्रोफेसर डॉ. रूपाली शर्मा, प्रोफेसर आई ए पी एस, अमिटी नोएडा प्रो.डॉ. नवेद इकबाल, मनोविज्ञान विभाग, जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय प्रो. डॉ. लोब्जांग त्सुलट्रीम भूटिया, हेड ऑफ़ डिपार्टमेंट तिब्बती बौद्ध धर्म,,सीआईबीएस, लद्दाख शिखा चमोली, डेटा इंजीनियर, एक्स मेटा डॉ. खेनपो रंगडोल, अध्यक्ष अंतरराष्ट्रीय ड्रिक्यंग काग्यु फाउंडेशनप्रोफेसर डॉ. पद्मा पिल्लई, एसोसिएट डीन मानव संचार, सनवे यूनिवर्सिटी, मलेशिया प्रो डॉ. आशा मिश्रा, जूलॉजी विभाग एचआरपीजी कॉलेज, सिद्धार्थ विश्वविद्यालय प्रो.डॉ.अनीता गहलोत डीन रिसर्च एंड इनोवेशन, उत्तरांचल विश्वविद्यालय प्रो. डॉ.गीता राणा, स्वामी राम विश्वविद्यालयप्रोफेसर डॉ. विजय सेन पांडेय सी.एम कॉलेज, दरभंगाडॉ. स्टंजिन नामगैल, लद्दाख विश्वविद्यालय प्रो. सुनील जागलान, एमडीयू, डॉ. रेणुका जोशी डीएवी पीजी कॉलेज केंद्रीय विश्वविद्यालय गढ़वाल डॉ. सुरेंद्र ढालवाल, एचओडी , मनोविज्ञान एनआईवीएचऔर डॉ. सारन्या सुंदराजू, मनो-ऑन्कोलॉजिस्ट को उनके संबंधित क्षेत्रों में उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

रितेश सिन्हा, मुख्य वक्ता और माइक्रोसॉफ्ट (यूएसए) के प्रमुख सलाहकार ने मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के बारे में सभा को जानकारी दी।

उन्होंने मनोविज्ञान छात्रों को पढ़ाने के लिए ए आई मरीजों के उपयोग पर चर्चा की। प्रो. डॉ. आभा सिंह, मुख्य वक्ता और एसडीआई विश्वविद्यालय के प्रो. वाइस चांसलर ने सभा को अपना संदेश साझा किया और बताया कि कैसे ट्रांसेंडेंटल मनोविज्ञान वर्तमान दुनिया को कठिन जीवन स्थितियों से निपटने में मदद कर सकता है।

प्रो.डॉ. राजेश सिंह, मुख्य वक्ता और अनुसंधान एवं नवाचार निदेशक ने मानसिक स्वास्थ्य क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचारों पर चर्चा की और मानसिक स्वास्थ्य नवाचार में विभिन्न तरीकों को साझा किया।प्रोफेसर डॉ. गुलशन कुमार ढींगरा, कार्यक्रम अध्यक्ष और श्री देव सुमन विश्वविद्यालय के बॉटनी विभाग के डीन एवं एचओडी ने सभा को अंतःविषय अनुसंधानों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्पीकिंगक्यूब एक ऐसा पाठ्यक्रम बनाए जो छात्रों के जीवन की समझ को बढ़ाए और मानसिक स्वास्थ्य को ऊंचा उठाए।

डॉ. हरप्रीत भाटिया, प्रतिष्ठित वक्ता दिल्ली विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग ने मानसिक कल्याण को बढ़ावा देने में मनोचिकित्सा की भूमिका पर चर्चा की।

प्रो. डॉ. रूपाली शर्मा एएआईपीएस अमिटी यूनिवर्सिटी नोएडा से सभा को सांस्कृतिक दक्षता के बारे में जानकारी दी।

प्रोफेसर डॉ. दोंठू राज किरण एन आर आई अकादमी ऑफ साइंसेज मंगलागिरी एपी से हालिया मनोचिकित्सा प्रबंधन प्रवृत्तियों पर अपने विचार साझा किए।

दूसरा दिन के सत्र का आरंभ स्पीकिंग क्यूब की मनोवैज्ञानिक स्नेहा भारद्वाज द्वारा किया गया।

सत्र को पूर्व मेटा डेटा इंजीनियर (यूएसए) शिखा चमोली सिन्हा द्वारा मानसिक स्वास्थ्य के महत्व और इसके सोशल मीडिया से संबंध तथा ए आई कैसे एक अच्छा सहायक हो सकता है इस पर चर्चा की गई।

मनो-ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ.सारन्या सुंदराराजू एनआईआईटी यूनिवर्सिटी मलेशिया से पोस्ट डॉक्टोरल उम्मीदवार ने कैंसर रोगियों के लिए गरिमा चिकित्सा पर चर्चा की। मेजर अनुपा कैरी ने पेरिनेटल मानसिक स्वास्थ्य काउंसलिंग में चिकित्सीय दृष्टिकोणों पर चर्चा की।

प्रो. डॉ. निधि वर्मा अमिटी गुरुग्राम से मनोविज्ञान विभाग में एसोसिएट प्रो. हैं जिन्होंने मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं में व्यक्तित्व को पूर्वाग्रह कारकों के रूप में साझा किया।

प्रो.डॉ.नदीम लुकमान चंडीगढ़ विश्वविद्यालय से एसोसिएट प्रोफेसर हैं जिन्होंने मनोविज्ञान में अनुसंधान के महत्व पर चर्चा की।

प्रो.डॉ. दीपिका चमोली शाही जिन्होंने स्पीकिंगक्यूब की संस्थापक एवं निदेशक हैं तथा एवं सेंट लियो यूनिवर्सिटी (ऑनलाइन) में सहायक फैकल्टी हैं उन्होंने प्रतिभागियों के साथ हालिया मनोवैज्ञानिक हस्तक्षेपों पर प्रश्न उत्तर सत्र आयोजित किया।

दूसरी ओर काजल तोमर द्वारा समापन सत्र की शुरुआत की गई।

सत्र में राजनीतिक विश्लेषक सुजाता पॉल ने सभा को संबोधित करते हुए मानसिक स्वास्थ्य का महत्व बताया तथा क्रिएटिव टीम एवं पूर्व सदस्यों का सम्मान किया जिन्होंने अतीत में योगदान दिया था।

सुजाता पॉल ने मिस दृष्टि सिंह ,मिस सृष्टि सिंह, मिस दिशा रॉय, मिस अनन्या आर जंग, स्नेहा भारद्वाज, काजल तोमर,अलिस जायसवाल, जस्मन शेर सिंह, मालविना चानाम, अलका, व आबिदा वाणी का सम्मान किया।प्रोफेसर डॉ. प्रियरणजन अविनाश ने नैदानिक मामलों में मनोसामाजिक दृष्टिकोणों पर चर्चा

की। डॉ.बृजमोहन शर्मा स्पेक्स के संस्थापक ने एक बेहतरीन दुनिया बनाने हेतु एक साथ रहने एवं एक-दूसरे की मदद करने की आवश्यकता बताई।

सत्र का समापन डॉ.दीपिका चमोली शाही द्वारा सभी का धन्यवाद ज्ञापन कर किया गया।

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